प्रतिबंध के बावजूद नौलाइयों में आग लगा रहे किसान

भूमि को किसान कर रहे बंजर, प्रशासन के आदेश बेअसर साबित

प्रतिबंध के बावजूद नौलाइयों में आग लगा रहे किसान

नागरिकों ने बताया कि जिसके खेत में आग लगे उस किसान के खिलाफ प्रशासन को कार्रवाई करना चाहिए।

राजपुर। सहरिया अंचल क्षेत्र में फसल कटाई के बाद किसानों ने नौलाइयों में आग लगाना शुरू कर दिया है। यह न केवल किसानों के लिए हानिकारक है बल्कि पशु के साथ-साथ आम नागरिकों के भी नुकसान देय हैं। यही नहीं पर्यावरण भी प्रदूषित होता है। बावजूद इसके किसान नौलाइयों में आग लगाने से बाज नहीं आ रहे हैं, इधर जिला कलक्टर ने नौलाइयों में आग लगाने पर प्रतिबंध लगा रखा है और जिम्मेदार कर्मचारी और अधिकारियों को कार्रवाई करने के आदेश भी जारी कर रखे हैं। लेकिन ऐसे लापरवाह किसानों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही है और दिन-रात नौलाइयों में आग लगाने का सिलसिला बददस्तूर जारी है। कोटा शिवपुरी नेशनल हाईवे 27 पर आसपास खेत में नौलाइयों पड़ी हुई है उसमें किसान आग लग रहे हैं। इससे नेशनल हाईवे 27 पर धुंआ ही धुंआ नजर आता है। लेकिन किसानों में बदलाव की प्रवृत्ति नहीं दिख रही है। इस समय मवेशियों के लिए भूसा एक बड़ी समस्या के रूप में बनी हुई हैं, क्योंकि इस बार असमय तेज हवा आंधी एवं ओले से बुरी तरह फसले बर्बाद हो गई इसके चलते किसानों पशुपालको के सामने भूसे को लेकर अच्छी खासी समस्या सामने आ खड़ी है। नागरिकों ने बताया कि जिसके खेत में आग लगे उस किसान के खिलाफ प्रशासन को कार्रवाई करना चाहिए। पर्यावरण प्रेमी भारत सिंह, डेविड भार्गव, अखिलेश शर्मा हेमंत खत्री जितेंद्र आदि ने बताया कि गांवों के किसान अपने खेतों में गेहू के डंठलों में आग लगाने से बाज नहीं आ रहे। इससे न केवल जमीन की उर्वराशकित कमजोर हो रही है, बल्कि खेतों के आसपास ले आम और महुआ के पेड़ झुलस रहे हैं। गांव के पटवारियों एवं कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा बार- बार मना करने के बाद भी किसान खेतों में आग लगाने से मान नहीं रहे हैं। जबकि, किसानों को भी जानकारी है की खेतो में आग लगाने से खेतों में अगली फसल की पैदावार कम हो जाती है, क्योंकि आग लगाने से खेतों में जीवाणु नष्ट हो जाते हैं। फसलों की कटाई और हार्वेस्टिंग के बाद जो अवशेष खेतो में बचे हैं, किसान उनको जलाकर गर्मियों की जुताई शुरू कर रहे हैं। लेकिन, आग लगाने से खेतों के आसपास लगे फलदार हरे पेड़ आम, जामुन, महुआ आदि पेड़ झुलसकर सूखने की स्थिति में आ रहे हैं।  

नौलाइयों में आग लगाने से ये होती हैं हानि
कृषि विभाग के सहायक कृषि अधिकारी नीरज शर्मा बताते है कि नौलाइयों में लगभग फसल के लिए आवश्यक पोषक तत्व जैसे नाईट्रोजन 0.5 प्रतिशत, स्फूर 0.6 और पोटाश 0.8 प्रतिशत पाया जाता है जो कि नरवाई में जल जाता है। गेंहूं की फसल के दाने से डेढ़ गुना भूसा नौलाइयों में होता है। अर्थात एक और भूसे से 30 किलो नाइट्रोजन, 36 किलो स्फूर, 90 किलो पोटाश प्रति हेक्टेयर प्राप्त हो सकता है। जो वर्तमान मूल्य के आधार के पर लगभग 2 हजार प्रति हेक्टेयर क्षेत्रफल में नरवाई जलाते हैं तो लगभग 20 करोड़ के पोषक तत्व जल जाते हैं। भूमि में उपलब्ध पेड़-पौधे, भूमि की सतह के अंदर लाभकारी सूक्ष्मजीव, केंचुए एवं कीट आदि जलकर नष्ट हो जाते हैं। भूमि कठोर हो जाती है जिससे जल धारण क्षमता कम हो जाती है। रासायनिक क्रियाएं प्रभावित होती हैं। कार्बन-नाइट्रोजन एवं कार्बन फास्फोरस का अनुपात गिर जाता है। जनधन की हानि होती है।

जलाने के बजाय डंठल से बना सकते हैं खाद
सहायक कृषि अधिकारी शर्मा ने बताया की फसलों अवशेषों और डंठलों को एकत्र कर जैविक खाद जैसे भू-नाडेप, वर्मी कम्पोस्ट बनाने में उपयोग किया जाए तो वे बहुत जल्दी सड़कर पोषक तत्वों से भरपूर जैविक खाद बन सकते हैं। खेत में कल्टीवेटर, रोटावेटर या डिस्क हैरो की सहायता से फसल अवशेषों को भूमि में मिलाने से आने वाली फसलों में जीवांश खाद की बचत की जा सकती है। पशुओं के लिए भूसा और खेत के लिए बहुमूल्य पोषक तत्वों की उपलब्धता बढ़ने के साथ मिट्टी की संरचना को बचाया जा सकता है।
 
खेतों में फसलों के अवशेषों में आग लगाने का सिलसिला लगातार जारी है जिला प्रशासन के दिशा निर्देशों की पालना नहीं हो रही है।
- शिवकुमार भार्गव, ग्रामीण।     

खेतों में नौलाइयां जलाना गलत कार्य है। इससे कृषि भूमि की उपजाऊ क्षमता नष्ट होती है। इसीके साथ नौलाइयों में आग भड़कने से नुकसान का खतरा भी रहता है। प्रशासन की ओर से भी से इसको लेकर आदेश जारी किए गए हैं। किसान भाइयों को जागरूक होना चाहिए।
- नीरज शर्मा, सहायक कृषि अधिकारी, शाहाबाद।

Read More राजस्थान विधानसभा में दो अगस्त तक का काम-काज तय

फसलों के अवशेषों में आग लगाने से पर्यावरण दूषित हो रहा है। किसान मामले को लेकर गंभीर नहीं है। किसानों को जागरूक होना चाहिए और खेतों में आग नहीं लगना चाहिए।
- रितेश राठौर, समाजसेवी।

Read More जेडीए ने ध्वस्त किए 200 से अधिक अतिक्रमण, लोगों ने किया प्रदर्शन 

खेतों में फसलों के अवशेष पड़े हुए हैं। उनमें लगातार आग लगाई जा रही है। जिम्मेदारों द्वारा ऐसे लापरवाह किसानों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा रही है। इसके चलते इनके हौसले बुलंद हो रहे हैं।
- अनार सिंह अहीर, ग्रामीण। 

Read More मदन राठौड़ होंगे भाजपा के नए प्रदेशाध्यक्ष

 

Post Comment

Comment List

Latest News

राजस्थान विधानसभा में दो अगस्त तक का काम-काज तय राजस्थान विधानसभा में दो अगस्त तक का काम-काज तय
राज्य विधानसभा में दो अगस्त तक का काम-काज तय किया गया है। बीएसी ने 30 जुलाई से दो अगस्त तक...
सात महीने के रिपोर्ट कार्ड से तय होगा, मंत्री बने रहेंगे या नहीं
रोडवेज में लापरवाही बरतने 10 मुख्य प्रबंधकों को नोटिस जारी
कांग्रेस विधायक राजेंद्र पारीक बोले- सफाई भर्ती पर केवल वाल्मीकि समाज का पहला हक, दूसरे समाजों का कोई हक नहीं
सीएमएचओ कार्यालय की कटी बिजली, आवश्यक सेवाएं बाधित
आयुष्मान खुराना ने Paris Olympics में टीम इंडिया के लिए समर्थन की अपील की!
खड़गे-राहुल ने करगिल शहीदों को श्रद्धांजलि की अर्पित