ब्लैक फंगस: प्रदेश में अब 700 केस, इलाज की कीमत और अस्पताल तय, दवाइयों-जांच की कीमत अलग
राजस्थान में कोरोना के बाद महामारी घोषित ब्लैक फंगस बीमारी के केसों में रोजाना बढ़ोतरी होती जा रही है। दो दिन पहले जहां 500 केस थे, वहीं अब यह बढ़कर 700 हो गए हैं। चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने इसकी पुष्टि की है। ब्लैक फंगस के इलाज में प्राइवेट अस्पतालों में मनमानी वसूली पर अंकुश लगाते हुए सरकार ने इसके इलाज की दरें भी तय कर दी है।
जयपुर। राजस्थान में कोरोना के बाद महामारी घोषित ब्लैक फंगस बीमारी के केसों में रोजाना बढ़ोतरी होती जा रही है। दो दिन पहले जहां 500 केस थे, वहीं अब यह बढ़कर 700 हो गए हैं। चिकित्सा मंत्री डॉ.रघु शर्मा ने इसकी पुष्टि की है। कोरोना से रिकवर हो चुके मरीजों को शिकार बना रहे ब्लैक फंगस के इलाज में प्राइवेट अस्पतालों में मनमानी वसूली पर अंकुश लगाते हुए शुक्रवार को सरकार ने कोरोना के बाद इसके इलाज की दरें भी तय कर दी है। इससे ज्यादा वसूली पर अस्पताल पर महामारी एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी। वहीं इसके लिए इलाज के लिए जिन अस्पतालों में ईएनटी और नेत्र रोग विशेषज्ञ सहित अन्य आवश्यक संसाधन और 24 घंटे ऑपरेशन, आईसीयू, एंडोस्कॉपी की सुविधा मौजूद हैं, उन्हें सूचीबद्ध कर इलाज की परमिशन देने का कार्य भी शुरू हो गया है।
प्रदेश में ऐसे 20 अस्पतालों को सूचीबद्ध किया गया है, जिनमें ब्लैक फंगस के इलाज के लिए अधिकृत्त किया गया है। वर्तमान में मौजूदा 700 मरीजों के इलाज के लिए लाइपोजोमल एम्फोटेरिसिन-बी के प्रति मरीज 60 इंजेक्शन के हिसाब से 42000 इंजेक्शनों की जरुरत है। लेकिन केन्द्र ने अभी तक केवल 2 हजार इंजेक्शन दिए हैं। चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने बताया कि 2 हजार इंजेक्शन मिल चुके हैं। पहले 700 इंजेक्शन प्राप्त हुए थे। अब 1300 इंजेक्शन और मिले हैं। प्रदेश ने 2500 वाइल खरीदने के सीरम कंपनी को क्रयादेश दे दिए हैं। विदेशों से खरीद को ग्लोबल टेंडर भी किया गया है।
घर-घर सर्वे में अब ब्लैक फंगस मरीज भी चिन्ह्ति होंगे
कोरोना संक्रमण को लेकर घर-घर चल रहे सर्वे के साथ ही अब ब्लैक फंगस के मरीजों को चिन्ह्ति कर उनका समय पर इलाज शुरू हो सके, इसके लिए सर्वे में ऐसे मरीजों को भी चिन्ह्ति किया जाएगा, जिनमें इसके लक्षण हैं और उन्हें सूचीबद्व अस्पतालों और सरकारी अस्पतालों में इलाज को भेजा जाएगा।
अभी इन अस्पतालों को इलाज को किया मान्य
जयपुर का एसएमएस, जयपुरिया, महात्मा गांधी, जैन ईएनटी, नारायण ह्दयालय, सीकेएस, सोनी, सिद्धम ईएनटी, देशबंधु ईएनटी, जोधपुर में राजकीय मेडिकल कॉलेज, श्रीराम, एम्स, अजमेर में जेएलएन मेडिकल कॉलेज, विजय ईएनटी, उदयपुर में आरएनटी मेडिकल कॉलेज, गीतांजलि मेडिकल कॉलेज, बीकानेर, कोटा, भीलवाड़ा में सरकारी मेडिकल कॉलेज और अलवर में वैजयंती हॉस्पिटल को इलाज के लिए अधिकृत किया है।
सरकारी में फ्री और प्राइवेट में यह होगी दर
प्रदेश में सरकारी अस्पतालों और चिंरजीवी योजना के तहत इम्पैनल अस्पतालों में इसका इलाज निशुल्क हो रहा है। एनएबीएच अधिकृत्त अस्पतालों में सामान्य मरीजों के लिए 5500 रुपए प्रतिदिन, गंभीर मरीजों को आईसीयू में रखने पर 8250 रुपए प्रतिदिन, अति गंभीर मरीज को वेंटीलेटर्स पर रखने पर 9900 रुपए प्रतिदिन और नॉन-एनएबीएच अस्पतालों में सामान्य मरीजों से प्रतिदिन 5000 रुपए, आईसीयू में रखने पर 7500 रुपए और वेंटीलेटर्स पर रखने पर 9000 रुपए प्रतिदिन से ज्यादा वसूली नहीं हो सकेगी। दवाईयों की कीमत अलग से अस्पताल ले सकेंगे। इंजेक्शन की सप्लाई सरकार से किए जाने पर तय दर और बाजार से अस्पताल खरीदेगा तो अधिकतम एमआरपी से ज्यादा वसूली नहीं हो सकेगी। एमआरआई, नेशल एंडोस्कॉपी बायोप्सी, सीटी स्कैन की जांच के अलग से पैसे लेने की अनुमति होगी।
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