मोटापा रहेगा दूर बस व्हाइट शुगर से बचकर रहिए
इंडियन डाइट एसोसिएशन के एक निष्कर्ष के मुताबिक किसी भी इंसान को अपनी डाइट में अलग से मीठा या ज्यादा मीठा खाने की जरूरत नहीं होती है।
युवाओं को भी अधेड़ों की तरह या बूढ़ों की तरह चुस्त दुरुस्त रहने के लिए ज्यादा मीठा खाने से परहेज करना चाहिए। इंडियन डाइट एसोसिएशन के एक निष्कर्ष के मुताबिक किसी भी इंसान को अपनी डाइट में अलग से मीठा या ज्यादा मीठा खाने की जरूरत नहीं होती है। हम बिना मीठा खाए भी जिंदा रह सकते हैं। हमारे शरीर को जितनी मात्रा में मीठे की आवश्यकता होती है, उतनी मिठास रोजाना खाए जाने वाली सब्जियों और फलों में ही मौजूद होती है। स्टार्च, शुगर और फाइबर शरीर के लिए बेहद जरूरी होते हैं और यह तीनों ही शुगर की श्रेणी में आते हैं। पाचन क्रिया के समय स्टार्च और फाइबर को शरीर को पचाने में लंबा समय लगता है। ये पचने के बाद यह हमारे खून में घुल जाते हैं, वहीं कोई मीठी चीज जैसे मीठी चाय, कॉफी या मिठाई शरीर में जाने के बाद वह तुरंत पच जाती है और आपके खून में जाकर जम जाती है, जिससे आपका वजन बढ़ने लगता है।
प्राकृतिक रूप से हमारा शरीर जरूरत से ज्यादा मीठा पचा नहीं पाता। इसलिए विशेषज्ञों का मानना है कि किसी भी व्यक्ति को भोजन द्वारा ली गई कैलोरिज में 10 प्रतिशत से ज्यादा शुगर नहीं लेनी चाहिए। इससे ज्यादा चीनी खाने की न तो किसी को जरूरत होती है, न ही खानी चाहिए। चिकित्सकों का भी मानना है कि जहां तक हो सके आपको नेचुरल शुगर ही लेनी चाहिए। व्हाइट शुगर की जगह आप ब्राउन शुगर का इस्तेमाल कर सकते हैं। जूस पीने की बजाय फल खा सकते हैं। चाय या कॉफी में ज्यादा चीनी डालना बंद करें और केक, पेस्ट्री व मिठाईयों से जितना हो सके उतना बचें। आप मिठाई का एक पीस खा सकते हैं, लेकिन अगर आपका मन एक से ज्यादा पीस खाने का करता है तो आप नेचुरल फ्रूट से बनी मिठाईयां खा सकते हैं। वैसे कुछ फल मिठाईयों का काम करते हैं, इसलिए जब हमें मीठा खाने का मन करे, उन्हें खाना चाहिए। जैसे केला, सेब, पाइनएप्पल, गाजर और चुकंदर। इनमें फाइबर, पोटेशियम, विटामिन सी, एंटीआॅक्सीडेंट जैसे भरपूर स्वास्थ्यवर्धक तत्व पाए जाते हैं।
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