निर्यात से पहले अब जरूरी होगी कफ सिरप की क्वालिटी टेस्टिंग

मोदी सरकार ने जारी की अधिसूचना 

निर्यात से पहले अब जरूरी होगी कफ सिरप की क्वालिटी टेस्टिंग

पिछले साल गाम्बिया और उजबेकिस्तान में कफ सिरप पीने से हुई क्रमशः 66 और 18 बच्चों की मौत के लिए भारत-निर्मित कफ सिरप को कथित तौर पर दोषी बताया गया था।

नई दिल्ली। दुनियाभर में फजीहत के बाद केन्द्र सरकार ने बड़ा फैसला लेते विदेशों में निर्यात से पहले कफ सिरप की क्वालिटी टेस्टिंग को जरूरी कर दिया है। विदेश व्यापार महानिदेशालय की ओर जारी एक अधिसूचना में कहा कि निर्यात किए जाने वाले उत्पाद के नमूने का प्रयोगशाला में परीक्षण होने के बाद ही कफ सिरप का निर्यात करने की अनुमति मिलेगी, नई व्यवस्था एक जून से लागू हो जाएगी।

उल्लेखनीय है कि पिछले साल गाम्बिया और उजबेकिस्तान में कफ सिरप पीने से हुई क्रमशः 66 और 18 बच्चों की मौत के लिए भारत-निर्मित कफ सिरप को कथित तौर पर दोषी बताया गया था। डीजीएफटी का कहना है कि खांसी की दवा के सैंपल की जांच अनिवार्य रूप से सरकारी प्रयोगशालाओं में होगी। यह परीक्षण भारतीय औषधि संहिता आयोग, क्षेत्रीय औषधि परीक्षण प्रयोगशालाओं, और एनएबीएल से मान्यता-प्राप्त औषधि परीक्षण प्रयोगशालाओं में किया जा सकेगा। जांच संबंधी प्रमाण पत्र मिलने के बाद ही विदेशों में नियार्त करने की अनुमति दी जाएगी। कई शहरों में स्थित क्षेत्रीय दवा परीक्षण प्रयोगशाला, कोलकत्ता के केंद्रीय दवा प्रयोगशाला और केंद्रीय दवा परीक्षण प्रयोदशालाओं में नमूनों का परीक्षण किया जाएगा। इसके अलावा राज्य सरकारों द्वारा मान्यता प्राप्त दवा परीक्षण प्रयोगशालाओं में भी नमूनों की जांच की जा सकेगी। वित्त वर्ष 2021-22 में भारत से 17 अरब डॉलर के कफ सिरप निर्यात किए गए थे और यह राशि 2022-23 में बढ़कर 17.6 अरब डॉलर हो गई। 

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