पेयजल परियोजनाओं में फर्मों से वापस लिए 2 प्रोजेक्ट

निविदाओं से भी डिबार किया जाएगा

पेयजल परियोजनाओं में फर्मों से वापस लिए 2 प्रोजेक्ट

एसीएस पीएचईडी डॉ. सुबोध अग्रवाल की अध्यक्षता में जल भवन में वीसी के जरिए समीक्षा बैठक हुई, जिसमें विभिन्न ओटीएमपी पर कार्यरत कॉन्ट्रेक्टर फर्मों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए।

जयपुर। जल जीवन मिशन के तहत पेयजल परियोजनाओं में अनियमितता करने वाली कॉन्ट्रेक्टर फर्मों से जोधपुर में संचालित दो प्रोजेक्ट वापस ले लिए गए हैं। कार्य में अनियमितता बरतने वाली अन्य फर्मों को चेतावनी दी गई है। काम सही नहीं हुआ, तो स्लो प्रोग्रेस वाली फर्मों को आगामी परियोजनाओं की निविदाओं से भी डिबार किया जाएगा। एसीएस पीएचईडी डॉ. सुबोध अग्रवाल की अध्यक्षता में जल भवन में वीसी के जरिए समीक्षा बैठक हुई, जिसमें विभिन्न ओटीएमपी पर कार्यरत कॉन्ट्रेक्टर फर्मों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए। जयपुर में 140 नलकूप पर विद्युत कनेक्शन नहीं होने एवं 17 साइटों पर भू आवंटन में देरी होने पर एसीई (जयपुर रीजन)को कार्य में गति लाने के निर्देश दिए।

एक में 30 और दूसरे में 27 फीसदी ही काम
जेजेएम के तहत क्षेत्रीय जल प्रदाय योजना पीलवा-सदरी-जम्भेश्वर के तहत जोधपुर के फलौदी एवं लोहावट ब्लॉक के 54 गांवों को 10853 एफएचटीसी करने के लिए 56.40 करोड़ के प्रोजेक्ट के कार्यादेश 26 अक्टूबर 2021 को मै. जियो मिलर एवं जयंती सुपर (जॉइंट वेंचर) के नाम जारी हुए थे। 23 मई 2023 तक इन फर्मों ने मात्र 30 फीसदी यानी 15.81 करोड़ के कार्य पूरे किए। इसी फर्म को क्षेत्रीय जलप्रदाय योजना माणकलाव-दईजर-बनाड़ के अंतर्गत जोधपुर के मण्डोर, तिंवरी, केरू एवं लूणी ब्लॉक के 38 गांवों में 14305 एफएचटीसी करने के लिए 55.60 करोड़ के प्रोजेक्ट के कार्यादेश 9 सितम्बर 2021 को जारी किए गए थे। 25 मई 2023 तक इस जॉइंट वेंचर ने 13.66 करोड़ के महज 27 फीसदी कार्य ही पूरे किए। दोनों प्रकरणों में अनुबंध रद्द कर रिस्क एंड कॉस्ट पर नई निविदा जारी कर कार्य संपादित कराने का निर्णय लिया।

 

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