केंद्रीय बजट में विकास को संतुलित करने की कोशिश : सीतारमण
7.5 लाख करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव किया
कोरोना महामारी के बाद पटरी पर लौट रही अर्थव्यवस्था के लिए केंद्रीय बजट में विकास और निरंतर सुधार को संतुलित करने की कोशिश की गई है।
मुंबई। कोरोना महामारी के बाद पटरी पर लौट रही अर्थव्यवस्था के लिए केंद्रीय बजट में विकास और निरंतर सुधार को संतुलित करने की कोशिश की गई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने महाराष्ट्र उद्योग के साथ बजट के बाद संबोधित करते हुए कहा कि बजट में पूंजीगत व्यय को 35.4 प्रतिशत बढ़ाकर 7.5 लाख करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव किया गया है, जबकि वित्त वर्ष के लिए पूंजीगत व्यय 5.54 लाख करोड़ रुपये था।
उन्होंने कहा कि यह बजट उस समय को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है, जब अर्थव्यवस्था महामारी से बाहर आ रही है। बजट में विकास सुधार और स्थिरता को प्राथमिकता में रखने पर ध्यान देने का प्रयास किया गया है और इसमें अनुमानित कर व्यवस्था का संदेश भी है। वित्त मंत्री ने कहा कि चुनौतियों के बारे में बात कर रहे है, बल्कि भविष्य के भारत को भी देख रहे है, जिसके नीति निर्माण में तकनीक का अधिक प्रभाव होगा, जो चल रहा है। उसकी गति बनाएं रखने के लिए प्रौद्योगिकी आवश्यक है। युवाओं के नवाचार और नवप्रवर्तन की क्षमता के बल पर निर्माण करेंगे।
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