Indira Gandhi Smartphone Scheme: मुफ्त मोबाइल का दुबारा न्यौता, सिस्टम पर उठे सवाल
इन्दिरा गांधी स्मार्टफोन योजना की सच्चाई पता लगाने के लिए दो स्टेज किए पार
राज्य की बहुचर्चित इन्दिरा गांधी स्मार्टफोन योजना में एक तरफ तो कई लाभार्थी मुफ्त फोन पाने के लिए मैसेज का इंतजार कर रहे हैं,तो दूसरी तरफ कई लाभार्थियों को मोबाइल मिलने के बावजूद दुबारा मैसेज भेजकर मुफ्त फोन लेने के लिए बुलाया जा रहा है। इससे भी ज्यादा हैरानी की बात यह है कि कई लाभार्थी दुबारा मोबाइल लेने के लिए पहुंच भी रहे हैं।
अजमेर। राज्य की बहुचर्चित इन्दिरा गांधी स्मार्टफोन योजना में एक तरफ तो कई लाभार्थी मुफ्त फोन पाने के लिए मैसेज का इंतजार कर रहे हैं,तो दूसरी तरफ कई लाभार्थियों को मोबाइल मिलने के बावजूद दुबारा मैसेज भेजकर मुफ्त फोन लेने के लिए बुलाया जा रहा है। इससे भी ज्यादा हैरानी की बात यह है कि कई लाभार्थी दुबारा मोबाइल लेने के लिए पहुंच भी रहे हैं। कई जगह एक ही लाभार्थी ने दो-दो बार मोबाइल ले भी लिया हो तो इस संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। ऐसा ही मामला सामने आया तो नवज्योति प्रतिनिधि पहुंच गए गहराई से पड़ताल करने।
केस-1
आईजीएसवाई में पात्र एक छात्रा को गत 8 सितम्बर की सुबह मुख्यमंत्री की तरफ से एसएमएस मिला कि आज दोपहर 2 बजे धोलाभाटा सामुदायिक भवन में आयोजित कैम्प में पहुंचकर अपना मुफ्त स्मार्टफोन मय इंटरनेट कनेक्टिविटी प्राप्त कर लें। लाभार्थी ने उसी कैम्प में पहुंचकर मोबाइल प्राप्त कर लिया।
केस-2
12 दिन बाद उसी लाभार्थी के मोबाइल पर फिर वैसा ही मैसेज आया। लेकिन इस बार 20 सितम्बर को सुबह 9 बजे चन्द्रवरदाई खेल स्टेडियम में पहुंचकर अपना मुफ्त स्मार्टफोन मय इंटरनेट कनेक्टिविटी प्राप्त करने को कहा गया। यह देख लाभार्थी के अभिभावक चौंक उठे। उन्होंने नवज्योति को इसकी जानकारी दी।
केस-3
नवज्योति प्रतिनिधि लाभार्थी को साथ लेकर बुधवार को चन्द्रवरदाई खेल स्टेडियम में संचालित कैम्प में पहुंचे। यहां मोबाइल पर आया एसएमएस दिखाया तो एक कर्मचारी ने टोकन देकर भीतर भेज दिया। भीतर दूसरी कर्मचारी ने डीआईओटी से मिली लिस्ट चैक की तो लाभार्थी का नाम दर्ज मिला। उसने टोकन पर नम्बर अंकित कर लाभार्थी को अगले जोन में भेज दिया। इस जोन में ऑपरेटर ने लैपटॉप पर चैक किया तो लाभार्थी को योजना में पात्र मानते हुए अपने दस्तावेज जमा कराने को कहा। इस स्टेप को पार करते ही नवज्योति ने कैम्प इंचार्ज राजेश बारोलिया से मुलाकात की और खुलासा कर दिया कि हम यहां दुबारा मोबाइल लेने नहीं आए बल्कि सिस्टम की गड़बड़ी उजागर करने आए हैं।
डीओआईटी की लापरवाही उजागर
योजना का काम सम्भाल रही डीओआईटी की टीम हर कैम्प में उस दिन लाभान्वित होने वाली लाभार्थी के नामों की लिस्ट भेजती है। साथ ही लाभार्थी को भी एसएमएस भेजकर कैम्प में आने को कहती है। एक ही लाभार्थी का दो अलग-अलग लिस्ट में नाम होना डीओआईटी की लापरवाही है। साथ ही एक बार लाभान्वित हो चुकी लाभार्थी को दूसरी बार अलग तारीख एवं अलग वेन्यू पर बुलाना डीओआईटी की घोर लापरवाही है।
रिकॉर्ड हाथों-हाथ अपडेट क्यों नहीं
ताज्जुब की बात है कि कैम्प में लाभार्थी को मोबाइल देने के बावजूद डीओआईटी अपनी लिस्ट अपडेट नहीं कर रही है और लाभार्थियों को दूसरी बार मोबाइल लेने के मैसेज भेजे जा रहे हैं। कई लाभार्थी गफलत में तो कई एक और फोन मिलने के लालच में पहुंच रही हैं।
इनका कहना है
हमारे कैम्प में पहले भी ऐसे मामले सामने आ चुके हैं। ऐसा लाभार्थी सभी जोन से क्लीयरेंस लेते हुए अंतत: जब डीबीटी काउंटर पर पहुंचता है तो वहां पता चल जाता है कि वह पहले भी राशि उठा चुका है। इसलिए उसे दुबारा मुफ्त फोन नहीं मिल सकता।
-राजेश बारोलिया, कैम्प इंचार्ज, चन्द्रवरदाई स्टेडियम
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