
शिक्षक क्लास में पहुंचे या नहीं, निदेशालय रखेगा नजर
अब स्कूलों में ऑनलाइन लगेगी शिक्षकों व स्टूडेंट्स की अटेंडेंस
मोबाइल एप के जरिए उपस्थिति से स्कूल में कुल नामांकित विद्यार्थियों की संख्या की वास्तविकता का पता ऑनलाइन उपस्थिति से लग सकेगा।
कोटा। सरकारी स्कूलों में मॉनिटरिंग सिस्टम को और अधिक मजबूत बनाने की दिशा में सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। क्लास में कितने विद्यार्थी है और उन्हें पढ़ाने के लिए शिक्षक आए या नहीं, इस पर शिक्षा निदेशालय की नजर रहेगी। प्रदेश के सभी सरकारी स्कलों में अटेंडेंस अब ऑनलाइन ही दर्ज होगी। पहले क्लास टीचर को अपनी और बाद में कक्षाओं में उपस्थित विद्यार्थियों की उपस्थिति दर्ज करानी होगी। इससे स्कूल रिकॉर्ड में बताए गए नामांकित विद्यार्थियों की संख्या की हकीकत कक्षाओं में उपस्थित स्टूडेंट्स की उपस्थिति से लग सकेगी। यह व्यवस्था पहले चरण में राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालयों में दो अक्टूबर से लागू होगी। इसके बाद राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालयों में लागू की जाएगी। इससे हर रोज शिक्षा विभाग के पास यह जानकारी रहेगी कि स्कूलों में कितने स्टूडेंट्स हैं। और उन्हें पढ़ाने के लिए कितने शिक्षक पहुंचे हैं। दरअसल, मुख्यमंत्री ने 5 सितम्बर को शाला दर्पण शिक्षक मोबाइल एप लॉन्च किया था, जो 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी व लालबहादुर शास्त्री की जयंती से शुरू होगा।
शिक्षकों को मोबाइल में डाउनलोड करनी होगी एप
सरकारी स्कूल के प्रत्येक शिक्षक को अपने मोबाइल में यह एप डाउनलोड करनी होगी। सभी शिक्षकों को स्कूल पहुंचते ही इस एप के जरिए ऑनलाइन अपनी उपस्थिति देनी होगी। इसके बाद क्लास टीचर को अपनी कक्षा में सभी विद्यार्थियों की उपस्थिति भी आॅनलाइन देनी होगी। यह डाटा विभाग की एप में सिंक यानी स्टोर होगा। ऐसे में निदेशालय यह पता कर सकेगा कि आज उनके सरकारी विद्यालयों में कितने बच्चे उपस्थित हैं और कितने अनुपस्थित हैं। प्रिंसिपल व हैडमास्टर को हर रोज यह उपस्थिति सत्यापित करना होगा।
अब नहीं चलेगी मनमानी, होगी कार्रवाई
शिक्षा सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, सरकारी स्कूलों में शिक्षकों व विद्यार्थियों की उपस्थिति मेन्यूअल रजिस्टर में ही दर्ज की जाती है। स्टूडेंट्स के अनुपस्थित रहने के बावजूद शिक्षक रजिस्टर में अनुपस्थिति दर्ज नहीं करते। क्योंकि, उन्हें नामांकन दिखाना होता है। माह के अंतिम दिनों में रजिस्टर में खाली छोड़े गए कॉलम में एक साथ उपस्थित भर दी जाती है जबकि, विद्यार्थी स्कूल आया ही नहीं होता है। लेकिन, ऑनलाइन उपस्थिति व्यवस्था लागू होने से इस तरह की मनमानी पर रोक लग सकेगी
नामांकन की वास्तविकता आएगी सामने
नाम न छापने की शर्त पर स्कूल स्टाफ ने बताया कि सरकारी स्कूलों में नामांकन बढ़ाने की होड़ में ऐसे विद्यार्थियों का भी एडमिशन कर दिया जाता है, जो साल में कभी स्कूल आता ही नहीं। फिर बाद में लगातार अनुपस्थित रहना दर्शा कर उनके नाम काट दिए जाते हैं, जो ड्रॉप आउट की श्रेणी में शामिल हो जाते हैं। बाद में अगले वर्ष इन्हीं बच्चों का नाम जोड़कर ड्रॉप आउट कम होना दर्शा दिया जाता है। मोबाइल एप के जरिए उपस्थिति से स्कूल में कुल नामांकित विद्यार्थियों की संख्या की वास्तविकता का पता ऑनलाइन उपस्थिति से लग सकेगा।
उपस्थिति दर्ज नहीं पर होगी कार्रवाई
माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने प्रदेश के सभी शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि सभी सरकारी सीनियर सैकंडरी स्कूल में कार्यरत शिक्षकों के मोबाइल में यह एप डाउनलोड करवाएं। ताकि, दो अक्टूबर से उनकी उपस्थिति इसी माध्यम से दर्ज हो सके। इस एप के जरिए आॅनलाइन उपस्थिति दर्ज नहीं करवाने वाले शिक्षकों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी।
दो अक्टूबर से एप के जरिए शिक्षक व विद्यार्थियों की ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज की जाएगी। इससे सबसे बड़ा फायदा डमी एडमिशन की रोकथाम पर लगेगा। वहीं, विद्यार्थियों के स्कूल के प्रति रुझान का भी पता लग सकेगा। इससे छात्र-छात्राओं की कक्षा में उपस्थिति बढ़ेगी, जिससे शिक्षा के स्तर में अधिक सुधार होगा।
- आभा शर्मा, प्राचार्य, श्रीपुरा राबाउमावि, कोटा
ऑनलाइन उपस्थिति कॉन्सेप्ट से शिक्षकों व विद्यार्थियों पर मनोवैज्ञानिक दबाव पड़ेगा। जिससे वे अपने कर्त्तव्य का निर्वाहन जिम्मेदारी से कर सकेंगे। विद्यार्थियों की स्कूल से गायब रहने की प्रवृति खत्म होगी और नियमित उपस्थिति बढ़ेगी। बच्चों का लगातार स्कूल आने से शैक्षणिक माहौल में निखार आएगा।
- रामनारायण मीणा, प्राचार्य, राउमावि, इटावा
सरकार की यह व्यवस्था अच्छी है। ऑनलाइन उपस्थिति से टीचर व स्टूडेंट्स के क्लास में मौजूद होने का निदेशालय को पता लग सकेगा। जिससे कई तरह की समस्याओं का स्वत: ही निस्तारण हो जाएगा।
- आनंद कुमार, छात्र
कई बार शिक्षकों के क्लास में उपस्थित नहीं होने से कलांश खाली रह जाता है। जिससे कक्षा का अनुशासन भंग हो जाता है। ऐसे में कई विद्यार्थियों को पढ़ाई का नुकसान उठाना पड़ता है। लेकिन, ऑनलाइन उपस्थिति से स्कूलों के शैक्षणिक माहौल में बदलाव आएगा।
- प्रशांत लाल कहार, छात्र
दो अक्टूबर से लागू होगी यह व्यवस्था
सरकार की इस व्यवस्था से राजकीय विद्यालयों की मॉनिटरिंग और अधिक मजबूत होगी। विद्यार्थियों की कक्षाओं में उपस्थिति बढ़ेगी, जिससे उनका शिक्षा स्तर में सुधार होगा। वहीं, बच्चों का स्कूल के प्रति रुझान बढ़ने से शैक्षणिक माहौल में निखार आएगा। क्लास टीचर द्वारा ली गई अटेंडेंट्स का सत्यापन प्राचार्य को करना होगा। हालांकि, मोबाइल के जरिए ऑनलाइन उपस्थिति की व्यवस्था दो अक्टूबर से राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालयों में लागू होगी। इसके बाद अगले चरण में राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालयों में लागू की जाएगी।
- यतीश विजय, जिला शिक्षाधिकारी, जिला प्रारंभिक शिक्षा विभाग
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