World Tourism Day: पर्यटन ही है शांति एवं जीवन मुस्कान का जरिया
भारत एक विविधतापूर्ण पर्यटन संभावनाओं एवं समृद्धि वाला देश है और यह सांस्कृतिक, प्रकृति, विरासत, शैक्षिक, खेल, ग्रामीण, पर्यावरण-पर्यटन आदि सहित कई प्रकार के पर्यटन प्रदान करता है।
विश्व पर्यटन दिवस हर साल 27 सितंबर को मनाया जाता है। वर्ष- 2023 की विश्व पर्यटन दिवस की थीम ‘पर्यटन और हरित निवेश’ है। हर साल यूनाइटेठ नेशन वर्ल्ड टूरिज्म ओरगेनाइजेशन द्वारा किसी एक देश को पर्यटन दिवस की मेजबानी के लिए चुना जाता है, 2023 में ‘रियाद, सऊदी अरब साम्राज्य इस महत्वपूर्ण दिन के कार्यक्रमों की मेजबानी कर रहा है। पिछली साल 2022 में बाली, इंडोनेशिया को मेजबान देश (होस्टिंग कंट्री) चुना गया था। आज विश्वस्तर पर युद्ध की स्थितियां गहराई हुई है, हर व्यक्ति महंगाई, बेरोजागारी, बीमारी, महामारी आदि किसी-ना-किसी परेशानी से घिरा हुआ है, भय और जीवन संकट के इस दौर में ऐसा लगता है मानो खुशी एवं मुस्कान तो कहीं गुम हो गई है। बावजूद इन सबके हर व्यक्ति को अपने जीवन में कुछ समय ऐसा जरूर निकालना चाहिए जिसमें खुशी, शांति एवं प्रसन्नता के पल जीवंत हो सके, इसका सशक्त माध्यम है पर्यटन। खुशियों एवं शांतिपूर्ण जीवन को गले लगाने के लिए पर्यटन पर जरूर निकलना चाहिए।
पर्यटन सिर्फ हमारे जीवन में खुशियों के पलों को वापस लाने में ही मदद नहीं करेगा बल्कि यह किसी भी देश के सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका का माध्यम भी बनेगा। अनेक कारणों से दुनिया में आर्थिक संकट के बादल मंडरा रहे हैं, इन हालातों से हर देश की पहली जरूरत अर्थव्यवस्था को मजबूत करना है उसमें पर्यटन की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। क्योंकि कई देशों की अर्थव्यवस्था पर्यटन-उद्योग के इर्द-गिर्द घूमती रही है। यूरोपीय देश, तटीय अफ्रीकी देश, पूर्वी एशियाई देश, कनाडा, आॅस्ट्रेलिया और भारत आदि ऐसे देश हैं जहां पर पर्यटन उद्योग से प्राप्त आय वहां की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करता है। भारत ने अतीत में अपने कल्पित धन, सांस्कृतिक वैभव, प्रकृति एवं मनोरम छटाओं के कारण बहुत से विदेशी यात्रियों को आकर्षित किया। चीनी बौद्ध धर्मनिष्ठ ह्वेनसांग की यात्रा इसका एक उदाहरण है। तीर्थ यात्रा को सम्राट अशोक और सम्राट हर्ष ने बल देने के लिए अनेक निर्माण करवाए। भारतीय अर्थशास्त्र सरकारों के लिए पर्यटन क्षेत्र के बुनियादी ढांचे के महत्व को इंगित करता है, जिसने अतीत में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। स्वतंत्रता के पश्चात पर्यटन क्षेत्र लगातार पंचवर्षीय योजनाओं का हिस्सा बना रहा है। सातवीं पंचवर्षीय योजना के बाद भारत में पर्यटन के विभिन्न रूप जैसे- व्यापार पर्यटन, स्वास्थ्य पर्यटन और वन्यजीव पर्यटन आदि प्रस्तुत किए गए। वर्ष 2021 में विश्व यात्रा और पर्यटन परिषद की रिपोर्ट में 178.0 बिलियन अमेरिकी डॉलर के योगदान के साथ भारत का पर्यटन क्षेत्र विश्व सकल घरेलू उत्पादन (जीडीपी) में अपने योगदान में छठे स्थान पर है।
भारत एक विविधतापूर्ण पर्यटन संभावनाओं एवं समृद्धि वाला देश है और यह सांस्कृतिक, प्रकृति, विरासत, शैक्षिक, खेल, ग्रामीण, पर्यावरण-पर्यटन आदि सहित कई प्रकार के पर्यटन प्रदान करता है। भारत की यह विविधता इसे पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण बनाती है। भारत में पर्यटन में तेज, अधिक टिकाऊ और अधिक समावेशी विकास को बढ़ावा देने की क्षमता है। विश्व पर्यटन दिवस के लिए 27 सितंबर का दिन चुना गया क्योंकि इसी दिन 1970 में विश्व पर्यटन संगठन का संविधान स्वीकार किया गया था। पर्यटन दिवस को वैश्विक पर्यटन को बढ़ावा देने के प्रयास के लिए मील के पत्थर के रूप में देखा जाता है एवं इस दिवस को मनाने का उद्देश्य विश्व में इस बात को प्रसारित तथा जागरूकता फैलाने के लिए हैं कि किस प्रकार पर्यटन वैश्विक रूप से दुनिया को एक परिवार के रूप में विकसित करते हुए सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक तथा आर्थिक मूल्यों को तथा आपसी समझ बढ़ाने में सहायता कर सकता है। यह विश्व शांति का मुख्य आधार है। भारत जैसे देशों के लिए पर्यटन का खास महत्व है। देश की पुरातात्विक विरासत या सांस्कृतिक धरोहर केवल दार्शनिक, धार्मिक, सांस्कृतिक स्थल के लिए नहीं है बल्कि यह राजस्व प्राप्ति का भी स्रोत है। पर्यटन क्षेत्रों से कई लोगों की रोजी-रोटी भी जुड़ी है। आज भारत जैसे देशों को देखकर ही विश्व के लगभग सभी देशों में पुरानी और ऐतिहासिक इमारतों का संरक्षण, संवर्द्धन किया जाने लगा है। भारत असंख्य पर्यटन अनुभवों और मोहक स्थलों का देश है। चाहे भव्य स्मारक हों, प्राचीन मंदिर या मकबरे हों, नदी-झरने, प्राकृतिक मनोरम स्थल हो, इसके चमकीले रंगों और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रौद्योगिकी से चलने वाले इसके वर्तमान से अटूट संबंध है। केरल, शिमला, गोवा, आगरा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, मथुरा, काशी जैसी जगहें तो अपने विदेशी पर्यटकों के लिए हमेशा चर्चा में रहती हैं। भारत में अपने लोगों के साथ लाखों विदेशी लोग प्रति वर्ष भारत घूमने आते हैं। यहां सभी प्रकार के पर्यटकों को चाहे वे साहसिक यात्रा पर हों, सांस्कृतिक यात्रा पर या वह तीर्थयात्रा करने आए हों या खूबसूरत समुद्री-तटों की यात्रा पर निकले हों।
-ललित गर्ग
(ये लेखक के अपने विचार हैं)

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