एजुकेशन सिस्टम में बहुत कुछ करना चाहता हूं
शिक्षा शासन सचिव ने साक्षात्कार में रखी अपनी बात
राजस्थान शिक्षा विभाग के शासन सचिव नवीन जैन ने दैनिक नवज्योति को दिए साक्षात्कार में न केवल अपनी बात रखी बल्कि सवालों के जवाब भी दिए।
कोटा। एजुकेशन सिस्टम में आए मुझे अभी 4 माह ही हुए हैं, शिक्षा तंत्र को मजबूत व प्रभावी बनाने के लिए बहुत काम करना चाहता हूं, जिस पर काम भी कर रहा हूं। राजस्थान शिक्षा विभाग के शासन सचिव नवीन जैन ने दैनिक नवज्योति को दिए साक्षात्कार में न केवल अपनी बात रखी बल्कि सवालों के जवाब भी दिए। पेश है साक्षात्कार के प्रमुख अंश...
- सवाल : मिशन स्टार्ट के तहत सरकारी स्कूलों में संस्कृत, उर्दू, गृह विज्ञान, ड्राइंग, म्यूजिक, व्यवसायिक अध्ययन और कृषि विज्ञान के ई-कंटेंट नहीं दिए। ऐसे में जिन स्कूलों में इन विषयों के शिक्षक नहीं है, वहां के विद्यार्थी कैसे पढ़ेंगे?
- जवाब : पहले यह देखिए कि हमने बहुत से विषयों के ई-कंटेंट उपलब्ध करवा दिए हैं, जो विषय छूट गए उनके कंटेंट भी जल्द ही दिलवाया जाएगा, इस पर काम चल रहा है।
- सवाल : रेमेडिशियन प्रोग्राम के तहत कक्षा 3 से 8वीं तक आरकेएसएमडीके के पाठ पढ़ाए जाने हैं, जिसकी वजह से शिक्षकों को मूल कोर्स पूरा करवाने के लिए पर्याप्त समय नहीं मिल पाता?
- जवाब : इसका मतलब यह नहीं है कि हम बच्चों को बैसिक न पढ़ाएं। मूल कोर्स के साथ बैसिक शिक्षा भी जरूरी है। समय मैनेज किया जा सकता है।
- सवाल : शिक्षकों को बहुत से गैर शैक्षणिक कार्यों में उलझाया हुआ हैं, ऐसे में शिक्षक बेहतर परिणाम कैसे देंगे?
- जवाब : यह मामला बहुत पुराना है, इसमें नया कुछ नहीं है। सरकारी एजुकेशन सिस्टम में बहुत सुधार आ चुका है और अधिक सुधार लाने के प्रयास निरंतर जारी है।
- सवाल : पीएम श्री योजना में चयनित हुए कोटा जिले के 9 स्कूलों को एक साल बाद भी बजट नहीं मिला है, जिसकी वजह से मरम्मत, लैब सहित कई कार्य अटक गए?
- जवाब : देशभर में पीएम श्री योजना का बजट आ गया है। जल्द ही सभी चयनित स्कूलों को मिल जाएगा।
- सवाल : जिले के कई सरकारी स्कूल खण्डहर तो जर्जर भवनों में चल रहे हैं, जहां पैंथर सहित अन्य जहरीले जीव जंतुओं का विद्यार्थियों को खतरा रहता है?
- जवाब : राजस्थान एजुकेशन सिस्टम में आए मुझे अभी 4 महीने ही हुए हैं, मैं इस पर काम कर रहा हूं । सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को बेहतर शैक्षणिक महौल मिले, इसके लिए बेहतर काम करना मेरी प्राथमिकता में है।
- सवाल : मदरसों में पड़ने वाले बच्चों को अब तक स्कूल ड्रैस नहीं मिली और स्कूल फेसेलिटी ग्रांट क्यों नहीं दी जा रही?
- जवाब : इस संबंध में अल्पसंख्यक विभाग से बात की जा सकती है।
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