एक घंटा बंद रखें उपकरण
प्रदेश में बचेगी 500 मेगावाट बिजली
अर्थ ऑवर डे पर राजस्थान में शनिवार शाम साढ़े आठ से साढ़े नौ बजे तक एक घंटे तक बिजली उपकरण बंद रहेंगे। राजस्थान में इस साल एक घंटे की बिजली बंद रखने पर करीब 500 मेगावाट (पांच लाख यूनिट) बिजली बचेगी, जिसकी बचत राशि 45 से 50 लाख रुपए होगी।
जयपुर। इस दिन लोग स्वेच्छा से घरों की लाइट एक घंटे बंद करके ऊर्जा की बचत, बिजली बचाने और पर्यावरण सुरक्षा का संदेश देते हैं। राजस्थान में भी 2009 के बाद से यह डे मनाया जाता है। पिछले कुछ सालों में इस दिन के लिए शहरी क्षेत्र में अधिक जागरूकता आई है। राज्य में हर साल बिजली की डिमांड और खपत बढ़ने से इस दिन का महत्व भी बढ़ने लगा है।
पिछले पांच साल में बिजली उत्पादन क्षमता | |||
बिजली श्रेणी | उत्पादन क्षमता 2017-18 (मेगावाट) | उत्पादन क्षमता 2021-22 (मेगावाट) | उत्पादन वृद्धि दर |
सोलर | 1,657 | 2,958 | 16 प्रतिशत |
कोल | 10,515 | 13,315 | 6 प्रतिशत |
न्यूक्लियर | 457 | 457 | 0 प्रतिशत |
विंड | 4,137 | 3,734 | - 3 प्रतिशत |
हाईडेल | 1,860 | 1,962 | 1 प्रतिशत |
औसत बिजली खरीद कीमत | |
वर्ष | खरीद दर (रुपए प्रति यूनिट) |
2017-18 | 4.38 |
2018-19 | 4.59 |
2019-20 | 4.81 |
2020-21 | 4.78 |
2021-22 (जनवरी 22 तक) | 4.61 |
ऐसे हुई शुरुआत
अर्थ ऑवर डे दुनियाभर में 180 देशों में मार्च के आखिरी शनिवार को मनाया जाता है। इसकी शुरुआत वन्यजीव और पर्यावरण संगठन वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर ने 31 मार्च, 2007 में की थी। पहली बार आस्ट्रेलिया के सिडनी में कार्यक्रम हुआ। भारत में इसकी शुरुआत 2009 में हुई, इसमें 58 शहरों में 50 लाख लोगों ने हिस्सा लिया। 2010 में 128 शहरों के 70 लाख लोग शामिल हुए। साल दर साल यह सिलसिला बढ़ता रहा। 27 मार्च, 2021 को अर्थ ऑवर डे पर 8705.94 मेगावाट डिमांड की तुलना में 8531.83 मेगावाट बिजली खर्च हुई, यानी कुल 174.11 मेगावाट बिजली बची। इससे 8.03 लाख रुपए की बिजली बची। इस साल लोगों ने जागरूकता से हिस्सा लिया।
अर्थ ऑवर डे के जरिए ऊर्जा बचत और पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया जाता है। पिछले कुछ सालों में लोगों में भी जागरूकता बढ़ी है। प्रदेश की जनता से अपील है कि ऊर्जा बचत की इस मुहिम में अपना योगदान दें।
-भंवर सिंह भाटी, ऊर्जा मंत्री
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