घबराएं नहीं, मिर्गी होने के बाद भी महिलाएं बन सकती है मां

मिर्गी पीड़ित 95 प्रतिशत महिलाओं के शिशु होते हैं स्वस्थ

घबराएं नहीं, मिर्गी होने के बाद भी महिलाएं बन सकती है मां

विशेषज्ञों का मानना है कि मिर्गी से जूझ रही महिलाएं भी सामान्य जीवन जी सकती है। मातृत्व का सुख प्राप्त कर सकती हैं।

जयपुर। मिर्गी की समस्या अब लाइलाज नहीं रही। चिकित्सा विज्ञान में लगातार विकसित हो रही नई दवाओं और तकनीकों के  चलते अब मिर्गी पीड़ित मरीज भी सामान्य जीवन जी सकता है। यहीं नहीं विशेषज्ञों का मानना है कि मिर्गी से जूझ रही महिलाएं भी सामान्य जीवन जी सकती है। मातृत्व का सुख प्राप्त कर सकती हैं। ये तब संभव है जब वे मिर्गी की सही दवाइयां ले और समय-समय पर न्यूरोलॉजिस्ट व
ऑब्स्टेट्रिशियन से अपनी जांच कराएं। चिकित्सक की सलाह पर अमल करें। मिर्गी से जुड़ी कुछ उपयोगी जानकारी विशेषज्ञों ने अंतरराष्ट्रीय मिर्गी दिवस पर साझा की है, ताकि रोगी भ्रांतियों से दूर रहकर उपचार से लाभांवित हो सके। 

सीनियर न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. राजेंद्र के सुरेका ने बताया कि अगर किसी महिला को मिर्गी की समस्या है। इसके बावजूद वो मां बनने की पूरी क्षमता रखती है, क्योंकि मिर्गी की दवाइयां फर्टिलिटी को बिल्कुल प्रभावित नहीं करती, लेकिन गर्भधारण करने से पहले प्लानिंग करना बहुत जरूरी है, क्योंकि गर्भधारण के बाद गर्भस्थ शिशु को दवाओं से नुकसान हो सकता है। इसीलिए न्यूरोलॉजिस्ट मरीज के गर्भाधारण से पहले ही कुछ दवाओं में बदलाव करते हैं। इसलिए प्लानिंग करके ही प्रेग्नेंसी के बारे में सोचें।

महिलाओं के बच्चे पैदा होते हैं स्वस्थ
इटर्नल हॉस्पिटल के चेयरमैन न्यूरोसाइंसेज डॉ. सुरेश गुप्ता ने बताया कि आंकड़ों के अनुसार मिर्गी रोग से ग्रसित 95 प्रतिशत महिलाएं बिल्कुल स्वस्थ बच्चे को जन्म देती हैं। इसके अलावा मिर्गी का अनुवांशिक होने का भी कोई खतरा नहीं होता है। हालांकि गर्भावस्था के 10 से 12 हफ्ते के बीच लेवल-2 सोनोग्राफी टेस्ट करवाना चाहिए, जिससे गर्भस्थ शिशु में संभावित विकार के बारे में पता लगाया जा सके। लोगों में यह भी भ्रांति है कि बच्चे केजन्म के बाद मिर्गी पीड़ित महिलाएं दूध नहीं पिला सकती हैं। इस भ्रांति में कोई सच्चाई नहीं है। यदि गर्भवती महिला को मिर्गी के दौरे पड़ जाएं तो होने वाले बच्चे पर बुरा असर पड़ता है। बच्चे में विकृतियां भी हो सकती हैं। वह समय से पूर्व भी जन्म ले सकता है। गर्भपात की भी आशंका रहती है। इसलिए रोगी डॉक्टर के परामर्श से दवा लें और पूरा इलाज कराएं।

Tags: epilepsy

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