भारत के चारों ओर सैन्य बेस बनाने की तैयारी में चीन : रिपोर्ट

इंटेलिजेंस कम्युनिटी की ताजा रिपोर्ट में खुलासा हुआ है

भारत के चारों ओर सैन्य बेस बनाने की तैयारी में चीन : रिपोर्ट

चीन ने अफ्रीका के पूर्वी तट पर जिबूती में नेवल बेस बनाया था। यहां बड़ी तादाद में सैनिक मौजूद हैं।

वॉशिंगटन। भारत के खिलाफ खतरनाक मंसूबे रखने वाला चीन अब हिंदुस्तान के चारों ओर मौजूद पड़ोसी देशों में सैन्य अड्डा बनाने की तैयारी में है। अमेरिका के इंटेलिजेंस कम्युनिटी की ताजा रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि चीन श्रीलंका, पाकिस्तान, म्यांमार जैसे भारत के पड़ोसी देशों के अलावा क्यूबा, मित्र राष्ट्र यूएई, सेशेल्स, ताजिकिस्तान और तंजानिया भी सैन्य बेस बनाने की संभावना पर काम कर रहा है। चीन के इस कदम का मकसद अपनी ताकत का प्रदर्शन करना है और अपने राष्ट्रीय हितों की सुरक्षा करना है। अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट के खुलासे से भारत के लिए परेशानी बढ़ गई है जो हिमालय में पहले ही चीन के खतरे से जूझ रहा है। भारत ने हाल ही में चीन की सीमा पर 10 हजार अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती की है। अब दोनों देशों की ओर से करीब 60-60 हजार सैनिक आमने-सामने हैं। यही नहीं चीन की कोशिश है कि अमेरिका को चेतावनी दी जाए और इसी वजह से क्यूबा और अफ्रीका के पश्चिमी तट पर मौजूद देश इक्वटोरियल गिनी में सैन्य अड्डा बनाने की संभावना पर काम कर रहा है। अफ्रीका के ठीक दूसरी ओर अमेरिका है और इसी वजह से चीन की नजर इस देश पर है। इससे पहले चीन ने अफ्रीका के पूर्वी तट पर जिबूती में नेवल बेस बनाया था। यहां बड़ी तादाद में सैनिक मौजूद हैं।

चीन के राष्ट्रपति का खतरनाक है सैन्य प्लान
अमेरिकी इंटेलिजेंस कम्युनिटी ने अपने वार्षिक आकलन में यह जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि चीन ने जिबूती के अलावा कंबोडिया में भी नेवल बेस बना लिया है। अब वह अन्य जगहों जैसे म्यांमार, क्यूबा, श्रीलंका, पाकिस्तान, सेशेल्स, ताजिकिस्तान, तंजानिया और यूएई में भी सैन्य अड्डा बनाने की ताक में है। चीन का इरादा साल 2035 तक पूरी सेना को आधुनिक बनाने का है और पीएलए को वर्ल्ड क्लास मिलिट्री बनाने की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका बहुत अस्थिर दुनिया का सामना कर रहा है। इसमें वैश्विक ताकतों के बीच तनाव चल रहा है और कई देशों के बीच चुनौतियां हैं और क्षेत्रीय संघर्ष चल रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन, ईरान और रूस वर्तमान अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को चुनौती दे रहे हैं। चीन का यह कदम शी जिनपिंग के सेना को बदलने के प्लान का हिस्सा है जो पीएलए को ब्लू वॉटर नेवी बनाना चाहते हैं ताकि वह दुनिया में अपने अभियान को चला सके। चीन ने अभी केवल जिबूती में अपने विदेशी नेवल बेस को स्वीकार किया है। वहीं चीन ने इस कदम को सही ठहराया है और कहा है कि उनका सामान दुनिया के हर हिस्से में जाता है। चीन के लोग भी वहां जाते हैं। इसलिए ऐसी क्षमता को विकसित करना पूरी तरह से न्यायोचित है। चीन ने कहा कि अमेरिका के सैकड़ों मिलिट्री बेस दुनिया में हैं और उसने हजारों सैनिक तैनात कर रखे हैं।

 

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