असर खबर का - सूखनी नदी की पुलिया के पास सड़क की मरम्मत शुरू

वाहन चालकों को होती थी परेशानी, दुर्घटनाओं की बनी रहती थी आशंका

असर खबर का - सूखनी नदी की पुलिया के पास सड़क की मरम्मत शुरू

दैनिक नवज्योति में खबर प्रकाशित होने के बाद हरकत में आया पीडब्ल्यूडी विभाग।

इटावा। दैनिक नवज्योति के 14 मार्च के अंक में खबर प्रकाशित होने के बाद हरकत में आते हुए सार्वजनिक निर्माण विभाग ने स्टेट हाइवे 70 पर सूखनी नदी के समीप बने गड्ढों को भरने व सड़क की मरम्मत का काम शुरू कर दिया है। गौरतलब है कि दैनिक नवज्योति के 14 मार्च के अंक में स्टेट हाइवे 70 पर सूखनी नदी के समीप-गड्ढे बने वाहन चालकों के लिए परेशानी का सबब-शीर्षक से खबर प्रकाशित होने के बाद सार्वजनिक निर्माण विभाग ने सड़क की सुध ली और सड़क का मरम्मत कार्य मंगलवार को शुरू किया। स्टेट हाइवे 70 कोटा - इटावा के बीच सूखनी नदी की पुलिया के यहां बड़े व गहरे गड्ढे हो गए थे। जिनमें वाहनों का निकलना तक दूभर हो गया था। दैनिक नवज्योति कोटा के अंक में खबर प्रकाशित होने के बाद सार्वजनिक निर्माण विभाग ने मरम्मत का कार्य शुरू किया है। गड्ढों की मरम्मत होने से वाहन चालकों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।

होती रहती थीं दुर्घटनाएं
सड़क पर बने गड्ढे आए दिन दुर्घटनाओं को बढ़ा रहे थे। साथ ही वाहन भी क्षतिग्रस्त हो रहे थे। सार्वजनिक निर्माण विभाग की अनदेखी वाहन चालकों पर काफी भारी पड़ रही थी। गड्ढों से बचने के लिए वाहन चालक रोंग साइड से निकलने का प्रयास करते थे। जिससे अकसर दुर्घटनाएं  हो जाती थीं। वहीं बाइक चालक गड्ढों में गिरने के कारण चोटिल होते रहते थे।

लगातार रहता है वाहनों का आवागमन
वाहन चालकों ने बताया कि यह सड़क मार्ग स्टेट हाइवे 70 के साथ बारां-मथुरा स्टेट हाइवे वन ए से भी जुड़ा हुआ है। जिसके चलते दिन-रात इस मार्ग पर वाहनों का आवागमन रहता है। लेकिन क्षतिग्रस्त सड़क के चलते काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था।

बार-बार लगता था जाम
यह सड़क मार्ग बारां-मथुरा स्टेट हाइवे वन ए से जुड़ा रहने के कारण इस पर आवागमन लगातार जारी रहता है। सड़क पर बने गड्डों के कारण इस सड़क मार्ग पर जाम लगता रहता था। साथ ही भारी वाहनों को यहां से गुजरने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। कई बार इन गड्डों के कारण वाहन क्षतिग्रस्त हो जाते थे। जिस कारण आए दिन जाम की समस्या से वाहन चालकों को परशानी का सामना करना पड़ता था।

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