ढिलाई पड़ेगी भारी, सहायता राशि पर गिरेगी गाज
सरकार ने 31 मार्च तक का दिया समय : पालनहार योजना में 1000 बच्चों का नहीं हुआ सत्यापन
योजना का लाभ लेने के लिए प्रतिवर्ष सत्यापन कराना अनिवार्य है।
कोटा। सामाजिक एवं न्याय आधिकारिता विभाग की ओर से पालनहार योजना में पात्र बच्चों को दी जाने वाली सहायता राशि सत्यापन के अभाव में अटकी सकती है। इस योजना के तहत प्रदेश में 3 लाख 26 हजार 242 पालनहार लाभांवित हो रहे हैं। इनमें से 42 हजार का अभी तक सत्यापन नहीं हो पाया है। वहीं कोटा जिले की बात करें तो यहां योजना में कुल 8000 पालनहार हंै। इनमें से अभी तक 1000 बच्चों का सत्यापन नहीं हो पाया है, जबकि इन लाभार्थियों को पिछले कई वर्षों से योजना में लगातार लाभ मिल रहा है। पालनहार योजना में किसी भी पात्र अभ्यर्थी को इसका लाभ देने के लिए संबंधित शिक्षण संस्थान, आंगनबाड़ी केन्द्र से अध्यापन प्रमाण पत्र लेना होता है। इसके साथ संरक्षक को साथ ले जाकर ई-मित्र पर जाकर सत्यापन कराना होता है। योजना का लाभ लेने के लिए प्रतिवर्ष सत्यापन कराना अनिवार्य है। जिससे आगामी वर्ष के लिए भी पात्र को लाभ दिया जा सके। विभाग की ओर से जुलाई 2023 से सत्यापन किया जा रहा है, लेकिन 18 मार्च तक 42 हजार 850 पालनहारों का सत्यापन नहीं हो पाया है, जबकि सत्यापन की अंतिम तिथि 31 मार्च तक है।
योजना में 10 तरह के बच्चे पात्र
योजना में दस तरह के बच्चे पात्र होते है। जिसमें पहले अनाथ और बिना किसी संरक्षकता के, दूसरे आजीवन कारावास वाले माता-पिता के बच्चे, तीसरे न्यायिक कार्यवाही के माध्यम से मौत या आजीवन कारावास की सजा पाने वाले माता-पिता की संतान, चौथे एकल महिला के अधिकतम तीन बच्चे, चौथे विशेष श्रेणी में पात्र बच्चे, पांचवें नाता पालनहार, छठे कुष्ठ रोगी के बच्चे, सातवें एड्स रोगी के बच्चे, आठवें दिव्यांग माता-पिता या किसी एक के होने पर, नवां पुनर्विवाहित महिला मां की संतान, दसवां परित्यक्तता वाली महिला की संतानों को भी इस दायरे में लिया गया है।
यह मिलती है सहायता राशि
पालनहार योजना के तहत पात्र लाभार्थियों को दो तरह की सहायता राशि दी जाती है। जिसमें आंगनबाड़ी में अध्ययन वाले बच्चों को एक हजार रुपए प्रति माह देय है। वहीं स्कूल या कॉलेज तक पढ़ाई करने वाले को 15 सौ रुपए दिए जाते है। यह निरंतर सहायता बच्चे के 18 वर्ष का होने तक प्रदान की जाती है। यह राशि संरक्षक के खाते में दी जाती है। इसके लिए हर साल सत्यापन कराना जरूरी होता है। यदि 31 मार्च तक सत्यापन नहीं कराया गया तो सहायत राशि पर गाज गिर जाएगी और वे इससे वंचित हो जाएंगे।
जिले में अब तक 92 प्रतिशत बच्चों का सत्यापन हो गया है। शेष बच्चों का अभी तक सत्यापन नहीं हो पाया है। ऐसे में हम ऐसे बच्चों के संरक्षक को सूचना भिजवा रहे हैं। जिससे बच्चों को लाभ मिल सके। इसके लिए संरक्षक को शिक्षण संस्थान से प्रमाण पत्र लेकर बच्चों के साथ ई-मित्र पर जाना है। जिससे वहां पर सत्यापन किया जा सके।
- सविता कर्ष्णेया, संयुक्त निदेशक, सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता विभाग कोटा
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