लाल पहिंजों हिंदोरानि में मां झुलायां गाकर भगवान झूलेलाल को रिझाया
मीठे चावल, छोले, ठंडाई, पुलाव, बूंदी का भोग किया अर्पित
लाल पहिंजों हिंदोरानि में मां झुलायां गाकर भगवान झूलेलाल को रिझाया। नन्हें मुन्ने बालकों के मुंडन संस्कार और बटुकों के जनेऊ संस्कार सम्पन्न हुए।
जयपुर। सिंधी समाज के आराध्य भगवान झूलेलाल का जन्मोत्सव चेटीचंड महापर्व पर बुधवार को भगवान झूलेलाल का पंचामृत, दिव्य औषधियों, दिव्य जल से अभिषेक किया गया। नवीन वस्त्र धारण कराकर आरती उतारी गई। मंदिरों के शिखर पर लाल रंग की धर्म ध्वजा फहराई गई। सिंधी समाज के श्रद्धालुओं ने भगवान को मीठे चावल, छोले का भोग अर्पित कर पल्लव प्रार्थना में सबके कल्याण की कामना की। भगवान को रिझाने के लिए आयोलाल झूलेलाल के जयकारे के साथ एक-दूसरे को नववर्ष की बधाई दी। लाल पहिंजों हिंदोरानि में मां झुलायां गाकर भगवान झूलेलाल को रिझाया। नन्हें मुन्ने बालकों के मुंडन संस्कार और बटुकों के जनेऊ संस्कार सम्पन्न हुए। समिति के मुख्य संरक्षक महेश कलवानी ने बताया कि महाभिषेक के बाद बहराना साहब की ज्योत प्रज्जवलित की गई। मंदिर का पहला चेटीचंड समारोह धूमधाम से मनाया गया। इसी के साथ कंवर नगर, मानसरोवर, राजापार्क सहित सभी झूलेलाल मंदिरों में धार्मिक आयोजन हुए।
भगवान झूलेलाल निकले नगर भ्रमण पर
चौगान स्टेडियम से शाम को चेटीचंड सिंधी मेला समिति की ओर से शहर में विशाल शोभायात्रा निकाली गई। बारिश की हल्की बौछारों ने भी शोभायात्रा का स्वागत किया। अध्यक्ष अशोक सेवानी ने बताया कि अमरापुर दरबार की संत मंडली ने दीप प्रज्ज्वलित कर यात्रा का शुभारंभ किया। गणमान्य लोगों ने शोभायात्रा की आरती उतारी। गणगौरी बाजार, चांदपोल, खजाने वालों का रास्ता सहित अनेक बाजारों से होते हुए कंवर नगर में शोभायात्रा सम्पन्न हुई। सिंध की संस्कृति को दर्शाती 40 से अधिक झांकियों में गणेशजी, श्रीराम दरबार, शिव परिवार, दुर्गा माता, हनुमान जी के कंधे पर विराजमान श्रीराम, लक्ष्मण, कमल पुष्प पर भगवान झूलेलाल, जल में नर मछली पर झूलेलाल की कलात्मक झांकियां सजाई गई। इस मौके पर सिंधी सपूज 2024 की उपाधि सिंधी लेखकर गोबिंद राम माया को दी गई। साथ में प्रशस्ति पत्र और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
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