छात्रवृत्ति में करोड़ों का फर्जीवाड़ा पकड़ा, शैक्षणिक संस्थानों को किया ब्लैकलिस्टेड
विभाग के प्रमुख शासन सचिव कुलदीप रांका ने कार्रवाई की पुष्टि की है
अभी भी रिकवरी और एफआईआर दर्ज कराने की प्रक्रिया जारी है। ऐसे में अभी और भी लाखों रूपए की वसूली और कई शैक्षणिक संस्थानों पर कार्रवाई जारी है।
जयपुर। राजस्थान में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की ओर से छात्रों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति में करोड़ों का फर्जीवाड़ा सामने आया है। छात्रों और शैक्षणिक संस्थानों ने नियमों को तोड़ और गलत तथ्य पेश कर प्रदेशभर में फर्जी तरीके से पूर्व गहलोत सरकार के वक्त 2021-22 और 2022-23 में छात्रवृत्तियां उठा ली। प्रदेश में भजनलाल सरकार ने ऐसी छात्रवृत्तियों के मामलों की जांच कर फर्जीवाड़ा करने वाले छात्रों और शैक्षणिक संस्थानों की पहचान कर उनसे छात्रवृत्तियों की वसूली शुरू कर दी है साथ ही एफआईआर दर्ज कराके उन पर कानूनी कार्रवाई भी की जा रही है। दो अप्रैल तक सवाईमाधोपुर में 15, सीकर में एक यूनिवर्सिटी, 8 संस्थानों और 118 अपात्र छात्रों पर एफआईआर दर्ज की जा चुकी है। प्रदेश में अब तक 1 करोड़ 97 लाख 45 हजार 932 रूपयों की छात्रवृत्तियों की रिकवरी हो चुकी है। जानकारी के अनुसार फर्जीवाड़े से छात्रवृत्ति को वापस लेने की यह अब तक की सबसे बड़ी रिकवरी बताई जा रही है। हालांकि अभी भी रिकवरी और एफआईआर दर्ज कराने की प्रक्रिया जारी है। ऐसे में अभी और भी लाखों रूपए की वसूली और कई शैक्षणिक संस्थानों पर कार्रवाई जारी है। विभाग के प्रमुख शासन सचिव कुलदीप रांका ने कार्रवाई की पुष्टि की है।
संदिग्ध छात्रवृत्तियों की सूची तैयार
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने सवाईमाधोपुर में 1483, सीकर में 504, बाड़मेर में 242, अलवर में 748, जयपुर ग्रामीण में 2986, जयपुर शहर में 58, भरतपुर में 122, प्रतापगढ़ में 55, अजमेर में 229, बीकानेर में 32, बांसवाड़ा में 145, भीलवाड़ा में 24, बूंदी में 85, सिराही में 6, नागौर में 70, करौली में 887, हनुमानगढ़ में 47, जोधपुर में 17, चूरू में 102, दौसा में 1752, धौलपुर में 21, जालौर में 47, श्रीगंगानगर में 57, जालौर में 47, कोटा में 17, जैसलमेर में 16, टोंक में 193, झालावाड़ में 19, बारां में 34, डूंगरपुर में 66, झुंझुनूं में 207, उदयपुर में 10, पाली में 12, चित्तौडगढ़ में 9 और राजसमंद में 4 संदिग्ध छात्रवृत्ति के मामले सूत्रीबद्व किए हैं, जिनकी जांच चल रही है।
अब तक 695 मामलों में कार्रवाई हुई
प्रदेशभर में मिले संदिग्ध मामलों में से अब तक विभाग ने 695 फर्जी छात्रवृत्ति होने की जांच कर इनकी पुष्टि की है। जिनसे छात्रवृत्ति की रिकवरी भी हो चुकी है। अभी 563 केसो की छात्रवृत्ति की रिकवरी बाकी है। दो अप्रैल तक 143 शैक्षणिक संस्थानों को ब्लैकलिस्टेड कर दिया है। जिनमें जयपुर ग्रामीण में 45, सिरोही, नागौर, डूंगरपुर में एक-एक, दौसा में 78, दौसा में 2 और झुंझुनूं में 15 संस्थान ब्लैकलिस्टेड हुए हैं।
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