केंद्रीय बस स्टैंड पर महिला कर्मियों की निगरानी के लिए ‘तीसरी आंख’

कैमरे किसने लगाए पता नहीं, रिकॉर्डर कहां है ठिकाना नहीं

केंद्रीय बस स्टैंड पर महिला कर्मियों की निगरानी के लिए ‘तीसरी आंख’

जहां प्लेटफार्म नंबर-तीन और चार और पूछताछ केन्द्र पर करीब एक दर्जन सीसीटीवी कैमरे लगे मिले। खास बात ये है कि इन जगहों पर केवल महिला कर्मचारी ही बैठती हैं।

जयपुर। राजस्थान के सबसे बड़े बस स्टैंड सिंधीकैंप पर कार्यरत महिला कर्मियों की निगरानी के लिए करीब एक दर्जन से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। ये कैमरे किसके निर्देश पर किसने लगाए हैं इस बारे में किसी को जानकारी नहीं है। इन कैमरों का रिकॉर्डर कहां है, यह भी किसी को भी पता नहीं। खुलासा तब हुआ, जब रोडवेज मुख्यालय की आईटी टीम सिंधीकैंप बस स्टैंड पर कैमरों की जांच के लिए गई। पता चला कि इन कैमरों का रोडवेज के पास कोई रिकॉर्ड ही नहीं है। 

जानकारी के अनुसार एक दिन पहले रोडवेज मुख्यालय की आईटी की टीम सिंधीकैंप बस स्टैंड पर लगे सीसीटीवी कैमरों की जांच के लिए पहुंची। जहां प्लेटफार्म नंबर-तीन और चार और पूछताछ केन्द्र पर करीब एक दर्जन सीसीटीवी कैमरे लगे मिले। खास बात ये है कि इन जगहों पर केवल महिला कर्मचारी ही बैठती हैं। टीम सदस्यों ने इन कैमरों के बारे में जब सिंधीकैंप अधिकारियों से बातचीत की तो उन्हें इनके बारे में पता नहीं था। फिर वहां पर तैनात महिलाकर्मी ने यह कैमरे तत्कालीन यातायात प्रबंधक हितेश जांगिड की ओर से लगाना बताया गया और यह भी जानकारी दी कि ये कैमरे उन्होंने खुद के मोबाइल पर ही कनेक्ट कर रखे हैं। जांगिड़ फिलहाल एपीओ चल रहे हैं।

कैमरे किसने लगवाए, बिना रोडवेज प्रबंधन की जानकारी के ये किसकी है कारगुजारी
आईटी की टीम के निरीक्षण के दौरान भी हितेश जांगिड सिंधीकैंप पर ही मौजूद रहे। जिससे पूछताछ में उसने मोबाइल पर ही चलाना बताया। यह कैमरे किसने लगाए, इसका जांगिड ने कोई जवाब नहीं दिया। इन कैमरों का रोडवेज के पास कोई रिकॉर्ड नहीं है। वहीं स्मार्ट डस्टबिन पर लगे 16 सीसीटीवी कैमरों में से केवल 14 कैमरे ही मिले। टीम जांच कर रही रही थी कि जांगिड वहां पहुंचे और दो कैमरे आईटी टीम को दिए। बड़ी बात तो यह है कि जांगिड सिंधीकैंप से दो सीसीटीवी कैमरे ले गए और किसी को भनक तक नहीं लगी। 

महिला कर्मियों पर कैमरे का मकसद क्या?
सिंधीकैंप बस स्टैंड पर महिलाकर्मियों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने के पीछे तत्कालीन यातायात प्रबंधक हितेश जांगिड का क्या मकसद था। कहीं, महिलाकर्मियों की कोई रिकॉर्डिंग तो वायरल नहीं कर दी। इसका पता लगाया जा रहा है। टीम जल्द ही इस मामले की जांच कर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। मामले में जांगिड़ का कहना है कि उनके मोबाइल पर फिलहाल ये कैमरे नहीं चल रहे हैं। कहां चल रहे हैं इसकी जानकारी मुझे नहीं है। 

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इनका कहना है...
सिंधी कैंप पर सीसीटीवी कैमरे किस मकसद से किसने लगवाए इसकी जांच कराई जाएगी और दोषी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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-डा. प्रेमचंद बैरवा, उप मुख्यमंत्री और परिवहन मंत्री 

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मुख्यालय के आदेश पर सिंधीकैंप बस स्टैंड के सीसीटीवी कैमरों का निरीक्षण किया गया। जहां 12 कैमरे लगे मिले। यह कैमरे केवल महिलाकर्मियों की निगरानी के लिए ही लगाए गए है। यह कैमरे किसने लगाए, इसका पता नहीं चला। इनको तत्कालीन यातायात प्रबंधक हितेश जांगिड ने अपने मोबाइल से ही कनेक्ट कर रखा है। 

-अशोक कुमार शर्मा, प्रोग्रामर (आईटी) 
रोडवेज मुख्यालय

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