जलदाय का अभियान रहा नाकाम, शहर में हजारों अवैध नल कनेक्शन कर रहे काम
एक तरफ शहर की लाखों की आबादी तरस रही, दूसरी ओर हर रोज बह जाता है लाखों लीटर पानी
विभाग की इतनी बड़ी लापरवाही का नतीजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है।
कोटा। जयपुर शहर के परकोटा इलाके में पानी का प्रेशर कम होने और बुस्टर लगाकर पानी भरने की शिकायत को लेकर रविवार को सुबह 4 बजे ही जलदाय विभाग के शासन सचिव डॉ. समित शर्मा मौके पर स्थिति जांचने पहुंच गए। इस दौरान उन्होंने इलाके में पाई गई समस्याओं के समाधान को लेकर संबंधित जेईएन एईएन को नोटिस भी दिया। शासन सचिव ने जयपुर के इलाके में तो समस्याओं की स्थिति देख ली लेकिन जयपुर के अलावा दूसरे शहरों में हो रही समस्याओं पर कौन समाधान करेगा। दरअसल कोटा जलदाय विभाग की ओर से फरवरी एवं मार्च माह में शहर के कई इलाकों में अवैध रूप से चल रहे नल कनेक्शनों को वैध करने तथा उन पर कारवाई करने के लिए अभियान चलाया गया था। जिसकी सिर्फ शुरुआती दिनों में ही विभाग के अधिकारियों ने नाम मात्र की कारवाई करके अपनी पीठ थपथपा ली। जिसके बाद शहर में जलापूर्ति के हालत जैसे के तैसे हैं।
कितने कनेक्शनों पर कार्रवाई की, इसकी भी जानकारी नहीं
विभाग के अधिकारियों द्वारा एक ओर नाम मात्र की कारवाई की गई वहीं दूसरी ओर विभाग के पास अभियान के दौरान की कारवाई के आंकड़े तक मौजूद नहीं है। ऐसे में विभाग के पास किस इलाके में कितने अवैध कनेक्शन मौजूद हैं इसकी भी जानकारी नहीं है। विभाग के अधिकारियों से इस बारे में जानकारी लेनी चाहि तो उनके पास इसके लिए कोई जवाब मौजूद नहीं था साथ ही आचार संहिता की बात कहते हुए जवाब देने से मना कर दिया।
फरवरी में दिया था नोटिस मार्च में कार्रवाई
जलदाय विभाग की ओर से फरवरी माह में सार्वजनिक नोटिस जारी कर अवैध कनेक्शनों को वैध करने के लिए कहा गया था। वहीं नोटिस में 28 फरवरी तक सभी प्रकार के अवैध कनेक्शन वाले शहरवासियों से 11 सौ रू. एक मुश्त या तीस हजार लीटर औसत मासिक उपभोग के आधार पर एक वर्ष के जल उपभोग की राशि का पांच गुना शुल्क जमा कराकर जल संबंध को नियमित कराने के लिए कहा गया था। वहीं इन कनेक्शनों को वैध न कराने की स्थिति में जुर्माना और कानूनी कारवाई तक की चेतावनी दी गई। लेकिन ना तो नोटिस और ना ही अभियान का भूतल पर कोई खास असर दिखा। आज भी शहर के कई इलाकों में अवैध कनेक्शन मौजूद हैं जो पानी की व्यर्थता का कारण बन रहे हैं।
अवैध कनेक्शनों से बह जाता है लाखों लीटर पानी
शहर के कई इलाके ऐसे हैं जिनमें आज भी पाइप लाइनों में अवैध कनेक्शन मौजूद हैं। शहर के प्रेम नगर, छावनी, औद्योगिक क्षेत्र, नांता, कुन्हाड़ी, बालिता, नया नोहरा और बोरखेड़ा सहित कई इलाके ऐसे हैं जिनमें पानी के प्रेशर की हमेशा समस्या रहती है। इन इलाकों में हजारों की संख्या में अवैध कनेक्शन मौजूद हैं। जिनसे रोजाना लाखों लीटर शुद्ध जल बिना किसी के उपयोग में आए बह जाता है। शहर में लाखों लोगों की आबादी आज भी बूंद बूंद पानी को तरस रही है। ऐसे में विभाग की इतनी बड़ी लापरवाही का नतीजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। विभाग इन अवैध कनेक्शनों पर अगर सख्ती से कारवाई करे तो लाखों की आबादी को पानी के दर दर नहीं भटकना पड़े।
इनका कहना है
शहर में जलापूर्ति की व्यवस्था ठीक रूप से की जा रही है, जिन इलाकों में समस्या है उन्हें दूर करने के प्रयास किए जा रहे हैं। अवैध कनेक्शनों पर कितनी कारवाई की गई इसकी जानकारी जेईएन और एईएन से लेंगे। अभी विभाग के कई कर्मचारी चुनावी ड्यूटी में हैं।
- प्रद्यूमन बागला, अधीषाशी अभियंता, जलदाय विभाग
कुद इलाकों में फरवरी माह में अवैध रूप से लिए गए कनेक्शनों पर कारवाई की थी। जिसके चुनावी व्यस्तता के चलते अभियान पूरा नहीं कर पाए थे। चुनाव के बाद अवैध कनेक्शनों पर फिर से कारवाई की जाएगी और जरूरत पड़ी तो कानूनी प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
- भरत भूषण मिगलानी, अधीक्षण अभियंता, जलदाय विभाग
लोगों का कहना
इलाके में कई घरों में लोगों ने पाइप लाइन से अवैध कनेक्शन लिए हुए हैं। जिनके ना मीटर है और ना पानी रोकने का कोई उपाय ऐसे में इन कनेक्शनों के कारण नल में पानी का प्रेशर बिल्कुल कम आता है जिसके लिए बुस्टर लगाना पड़ता है।
गायत्री देवी, प्रेम नगर द्वितीय
बस्ती में कई घरों के नल आज भी बिना मटर के चल रहे हैं, लोगों ने कनेक्शन के पाइप को काटकर बाहर से ही पानी लेते हैं जिसकी वजह से पानी का प्रेशर बिल्कुल नहीं होता है कई बार तो पानी भी नहीं आ पाता है।
- नितिन गुर्जर, बरड़ा बस्ती
पानी की समस्या सालों से है जो अभी भी वैसी ही बनी हुई है अधिकारियों से कई बार शिकायत कर चुके हैं, कोई कारवाई नहीं होती। नीचे के इलाकों में ढलान के वजह से पानी का प्रेशर अच्छा रहता है लेकिन अवैध कनेक्शन से सारा पानी व्यर्थ बह जाता है।
- बाबूलाल मेघवाल, बापू नगर
पूरे मौहल्ले में आज भी बिना किसी मीटर रिडिंग के औसत बिल आता है, जिससे लोगों ने मीटर के पहले ही पाइप काटकर उससे पानी लेने लगे हैं ऐसे में पानी तो व्यर्थ बहता ही है साथ ही प्रेशर की भी समस्या बनी रहती है।
- शुभम राठौर, छावनी
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