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रिवर फ्रंट पर क्रूज हुआ हवा हवाई, बरसात में बोट भी होगी बंद
चम्बल मूर्ति से जल धारा भी अटक-अटक कर बह रही
रिवर फ्रंट पर चम्बल नदी में वर्तमान में तो चार बोट संचालित हो रही हैं।
कोटा। विश्व स्तरीय पर्यटन स्थल चम्बल रिवर फ्रंट पर जहां देशी विदेशी पर्यटक यहां सैर करने आ रहे हैं। उस जगह पर क्रूज चलाने की योजना फिलहाल हवा हवाई हो गई है। वहीं यहां हो रही बोटिंग भी बरसात में बंद होने वाली है। पिछली कांग्रेस सरकार के समय में रिवर फ्रंट निर्माण के दौरान यहां लोगों को बड़े-बड़े सपने दिखाए गए थे। उस समय यहां चम्बल नदी में क्रूज चलाने की भी योजना थी। न्यास के तत्कालीन अधिकारियों ने इस कार्य योजना पर काम भी शुरु कर दिया था। लेकिन उसके बाद यह योजना कागजों में ही दब कर रह गई। हकीकत में क्रूज चलाने की योजना धरातल पर नहीं उतर सकी। रिवर फ्रंट का उद्घाटन हुए 9 माह का समय हो चुका है अभी तक तो यहां क्रूज चलाने की योजना हवा हवाई ही दिख रही है। अधिकारी इस संबंध में कुछ भी नहीं कर पा रहे हैं। करीब 15 सौ करोड़ रुपह की लागत से कोटा बैराज से नयापुरा स्थित रियासत कालीन पुलिया तक साढ़े पांच किमी. का रिवर फ्रंट बनाया गया है। नदी के दोनों छोर पर कुल 26 घाट बनाए गए हैं। इसका उद्घाटन 12 सितम्बर 2023 को किया गया था। उद्थाटन हुए 9 माह का समय हो गया है। उद्घाटन के बाद करीब दो माह तक कोटा वालों के लिए यहां प्रवेश नि:शुल्क किया गया था। वर्तमान में इसका प्रवेश टिकट 200 रुपए है। साथ ही यहां सैलानियों की सुविधा के लिए गोल्फ कोर्ट संचालित की जा रही हैं।
तीन तरह की चार बोट संचालित
चम्बल रिवर फ्रंट पर सैर करने आने वालों के लिए यहां कोटा विकास प्राधिकरण की ओर से वर्तमान में तीन तरह की चार बोट संचालित की जा रही हैं। यहां 5 व 7 सीटर स्पीड बोट ,30 सिटर हैरीटेज बोट व 12 सिटर पोर्टून बोट संचालित हो रही है। लोग इनमें ही बोटिग का आनंद ले रहे हैं।
बैराज से पानी छोड़ते ही बंद होगी बोटिंग
रिवर फ्रंट पर चम्बल नदी में वर्तमान में तो चार बोट संचालित हो रही हैं। लेकिन मानसून के सक्रिय होने से बरसात होने और गांधी सागर व कोटा बैराज से पानी की निकासी होने के साथ ही बोटिंग को बंद कर दिया जाएगा। इसकी सूचना सिचाई विभाग द्वारा कोटा विकास प्राधिकण के अधिकारियों को दी जा चुकी है।
मूर्ति से जल धारा भी अटक रही
रिवर फ्रंट पर बैराज साइड पर लगी चम्बल माता की विशाल मूर्ति से शाम के समय जल धारा बहती है। लेकिन यह जलधारा भी अटक-अटक कर बह रही है। जानकारों के अनुसार आए दिन मूर्ति से जल धारा बंद हो जाती है। जिससे कई बार यहां आने वाले पर्यटक उसका आनंद नहीं ले पाते हैं।
जगह अच्छी है मेंटेन करनी होगी
रिवर फ्रंट पर आने वाले लोगों का कहना है कि शहर में यह बहुत अच्छी चीज बनी है। इसे मेंटेन रखना बहुत आवश्यक है। यदि इसे मेंटेन नहीं रखा गया तो कुछ समय बाद इसकी दुर्दशा होने लगेगी। दादाबाड़ी निवासी रीना शर्मा का कहना है कि वे कुछ दिन पहले परिवार के साथ रिवर फ्रंट घूमने गई थी। उस समय वहां मूर्ति से जल धारा नहीं बह रही थी। जबकि सुना था कि यह रोजना बहती है। महावीर नगर निवासी राकेश मित्तल का कहना है कि चम्बल नदी में क्रूज चलाने के बारे में सुना था लेकिन अभी तक वह नजर नहीं आया है। यदि यहां क्रूज नहीं चलाया जा रहा तो उसकी जगह पर डबल केएसटी की तरह डबल डेकर बोट ही चलाई जा सकती है।
रिवर फ्रंट पर क्रूज चलाने की फिलहाल कोई योजना नहीं है। यहां बोट चल रही हैं। लेकिन बरसात में बैराज के गेट खोलने की सूचना मिलते ही उन्हें भी बंद करने के आदेश हैं। जैसे ही सिचाई विभाग या बैराज से सूचना आएगी उसी समय बोटिंग बंद कर नावों को नदी से बाहर निकाल लिया जाएगा। जिससे कोई हादसा न हो। वहीं चम्बल माता से मृर्ति की जलधारा अविरल बह रही है। महीने में एक बार कुछ दिन के लिए इसे बंद किया जाता है। इसका कारण चम्बल नदी में पानी के लिए डाली गई मोटरों में कचरा आने पर उन्हें बाहर निकालकर साफ किया जाता है। उसमें जितने दिन लगते हैं उतने दिन जलधारा बंद रहती है। वर्तमान में मूर्ति से जल धारा चालू है।
- भूपेन्द्र बंशीवाल, एक्सईएन कोटा विकास प्राधिकरण
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