बिजली संकट पर सियासत: गहलोत ने बिजली संकट के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया

पूनियां का पलटवार, कहा, 'चार दिन पहले कहा था कोयले की कोई किल्लत नहीं है, कथनी और करनी की पोल खुल गई'

बिजली संकट पर सियासत: गहलोत ने बिजली संकट के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया

बिजली संकट का जिम्मेदार कौन?

जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भीषण गर्मी में बिजली की मांग बढऩे पर देश के कई राज्यों में आये बिजली संकट के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा है कि राज्यों को मांग के अनुसार कोयला उपलब्ध नहीं कराने के कारण सोलह राज्यों में बिजली कटौती की नौबत आई है।

सोलह राज्यों में दो से दस घंटे बिजली कटौती

गहलोत ने प्रकाशित समाचार भीषण गर्मी के बीच सोलह राज्यों में दो से दस घंटे बिजली कटौती को सोशल मीडिया पर साझा करते हुए शुक्रवार सुबह यह बात कही। उन्होंने कहा कि देश के 16 राज्यों में बढ़ती गर्मी के कारण बिजली की मांग बढ़ी है एवं इसके अनुरूप कोयले की आपूर्ति नहीं हो रही है जिसके कारण आवश्यकतानुसार बिजली आपूर्ति संभव नहीं है।

भाजपा पर बिजली घरों पर प्रदर्शन का गहलोत ने लगाया आरोप
उन्होंने प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधा और उस पर राज्य के बिजली घरों पर प्रदर्शन कर बिजली संकट में चुनौतीपूर्ण कार्य कर रहे बिजली कर्मचारियों पर दबाव बनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा राजस्थान में प्रदेश भाजपा बिजली घरों पर प्रदर्शन कर इस संकट में चुनौतीपूर्ण कार्य कर रहे बिजली कर्मचारियों को परेशान कर उन पर दबाव बनाने का कार्य कर रही है। मैं उनसे पूछना चाहूंगा कि राज्यों को कोयला उपलब्ध कराने का काम केन्द्र सरकार का है। क्या प्रदेश भाजपा का दिशाहीन नेतृत्व केन्द्र सरकार से इस बारे में सवाल पूछेगा कि वो मांग के अनुसार कोयला उपलब्ध करवाने में सक्षम क्यों नहीं है जिसके कारण 16 राज्यों में बिजली कटौती की नौबत आई है।

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बिजली संकट को एक राष्ट्रीय संकट बताया
मुख्यमंत्री ने बिजली संकट को एक राष्ट्रीय संकट बताते हुए सभी से अपील की कि इस संकट में एकजुट होकर परिस्थितियों को बेहतर करने में सरकार का साथ दें। अपने निवास या कार्यक्षेत्र के गैर-जरूरी बिजली उपकरणों को बन्द रखें। अपनी प्राथमिकताएं तय कर बिजली का उपयोग जरूरत के मुताबिक करें।  उल्लेखनीय है कि बिजली संकट के चलते राज्य में विभिन्न स्तर पर बिजली कटौती की जा रही हैं।

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गहलोत के आरोपों पर पूनिया का पलटवार

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बिजली किल्लत पर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर पलटवार किया। पूनिया ने कहा कि चार दिन पहले कहा था कोयले की कोई किल्लत नहीं है, कथनी और करनी की पोल खुल गई। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां ने बयान जारी कर कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का ट्वीट देखा। राजस्थान के बिजली संकट और भारतीय जनता पार्टी के राजस्थान के सभी जिलों में प्रदर्शन को लेकर उन्होंने कहा कि भाजपा जो प्रदर्शन कर रही है, वह ठीक नहीं हैl


बिजली संकट के प्रबंधन की विफलता मुख्यमंत्री केंद्र व भाजपा के माथे पर मड़ना चाहते हैं: पूनियां

डॉ. पूनियां ने कहा कि, मुझे लगता है कि राजस्थान में जिस तरीके से बिजली संकट हुआ और इस बिजली संकट के प्रबंधन की विफलता मुख्यमंत्री केंद्र व भाजपा के माथे पर मड़ना चाहते हैंl राजस्थान में बिजली का मिस-मैनेजमेंट यह जाहिर सी बात है,  कोयले की कमी की बात अक्सर की जाती है, लेकिन 24 अप्रैल के राजस्थान सरकार के डीआईपीआर के पत्र में यह स्पष्टीकरण दिया गया है। राजस्थान में कोयले की कोई किल्लत नहीं है। बिजली की निर्बाध आपूर्ति करेंगे, यह पत्र मुख्यमंत्री की कथनी और करनी की पोल खोलता है l

कांग्रेस सरकार के मुखिया के लिए अग्निपरीक्षा : पूनियां
मुझे लगता है राजस्थान पिछले 3 सालों में जिस तरीके से बिजली की आपूर्ति के मामले में पीड़ित था, अब यह पराकाष्ठा हैl प्रदेश का विद्यार्थी परीक्षा के मौके पर बिजली कटौती से पीड़ित है, प्रदेश का आमजन, किसान और व्यापारी भी इस भीषण गर्मी में पीड़ित है l लोक कल्याण और निर्बाध बिजली की आपूर्ति का दावा करने वाली और जनघोषणा पत्र में इन बातों का उल्लेख करने वाली कांग्रेस सरकार के मुखिया के लिए अग्निपरीक्षा है, इस गर्मी में राजस्थान के लोगों को निजात दिलाने कीl

बिजली संकट का कोई जिम्मेदार है तो स्वयं अशोक गहलोत व उनकी सरकार: पूनियां
पहली बार तो मुख्यमंत्री बार-बार  कहते थे कि विपक्ष की भूमिका राजस्थान में क्या है, भाजपा लगातार जनहित के मुद्दों को लेकर प्रदर्शन कर रही है तो उनको ऐतराज होता है l 2 वर्ष का समय कोरोना की मेहरबानी से निकल गया, जब लोग सड़कों पर नहीं थे, अब सड़कों पर निकले हैं तो उनको ऐतराज हैl मुख्यमंत्री जिस तरीके से सियासी गैंबलिंग करते हैं उसी का नतीजा है राजस्थान में बिजली का पिछले 3 वर्षों से कुप्रबंधन है, इसी कुप्रबंधन के कारण राजस्थान में बिजली संकट खड़ा हुआ हैl
इस बिजली संकट का कोई जिम्मेदार है तो स्वयं अशोक गहलोत व उनकी सरकार है, केंद्र को कोसने के अलावा धरातल पर मुख्यमंत्री ने कोई काम नहीं किया हैl

केंद्र सरकार की तमाम जनकल्याणकारी योजनाएं हैं, जिनको राज्य में प्राथमिकता से मुख्यमंत्री को जमीनी तौर पर लागू करना था, लेकिन ऐसा कुछ किया नहींl राजस्थान में कानून व्यवस्था की स्थिति खराब है, बेरोजगारी से युवा पीड़ित हैं और किसान कर्जमाफी के छलावे से किसान प्रताड़ित हैंl

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