बूंद-बूंद पानी को तरस रहे नदी किनारे आबाद लोग

150 किलोमीटर दूर जा रहा चंबल का पानी, लेकिन नगर वासियों को नहीं मिल रहा पेयजल

बूंद-बूंद पानी को तरस रहे नदी किनारे आबाद लोग

40 साल गुजर जाने के उपरांत भी क्षेत्रवासी पानी की समस्या को लेकर केवल टैंकरों और एक ट्यूबवेल के भरोसे हैं।

रावतभाटा। रावतभाटा में चंबल नदी परियोजना के तहत राणा प्रताप सागर बांध बने लगभग 56 वर्ष के करीब हो गए। लेकिन फिर भी रावतभाटा के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के लोग पेयजल तक से महरूम हैं। जानकारी के अनुसार रावतभाटा से दूर दराज भीलवाड़ा, बेगूं, रामगंजमंडी इत्यादि लगभग डेढ़ सौ किलोमीटर की दूरी पर स्थापित अन्य क्षेत्रों को तो चंबल नदी से पानी की सुविधा दी जा रही है, लेकिन यहां के लोग आज भी पेयजल के लिए तरस रहे हैं। चंबल नदी परियोजना के परमाणु ऊर्जा संयंत्र उपक्रमों तथा राणा प्रताप सागर पन बिजली घर क्षेत्र से सरकार को सालाना करोड़ों रुपए का राजस्व मिलता है। फिर भी यहां के लोग बूंद-बूंद पानी और बिजली को तरस रहे हैं। रावतभाटा शहर के वार्ड नंबर 39 की कुम्हार और आदर्श नगर बस्ती क्षेत्र में ना तो सरकार द्वारा पेयजल के लिए पाइप लाइन डाली गई है और ना ही पानी के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था आज तक की गई है। 

बेगूं के लिए एक हजार करोड़ से पानी भेजने की तैयारी 
एक तरफ तो चंबल नदी के किनारे बसे शहर रावतभाटा के निवासी पेयजल के लिए तरस रहे हैं, वहीं दूसरी ओर सरकार जलजीवन मिशन के तहत बेगूं में पानी पहुंचाने की तैयारी कर रही है। इसके लिए एक हजार करोड़ से पानी की लाइन डालने सहित अन्य कार्य एक प्रोजेक्ट के तहत प्रगति पर हैं। वहीं पूर्व में भीलवाड़ा जिले को पानी पहुंचाने का काम लगभग दो ढाई साल पहले पूरा हो चुका है। जिसके तहत वहां चंबल नदी का पानी पहुंचाया जा रहा है। 

पेयजल के लिए टैंकरों व ट्यूबवेल पर निर्भर
वार्ड वासियों द्वारा निरंतर इतने सालों से पानी जैसी मूलभूत जरूरत के लिए प्रशासन को कई बार आंदोलन के माध्यम से भी चेताया गया। लेकिन 40 साल गुजर जाने के उपरांत भी क्षेत्रवासी पानी की समस्या को लेकर केवल टैंकरों और एक ट्यूबवेल के भरोसे हैं। 

वार्ड में पानी है ही नहीं। दूरदराज क्षेत्र में जाकर पेयजल लाना पड़ता है। समस्या का आज तक समाधान नहीं हुआ।
- मदीना, वार्ड वासी 

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नल का कनेक्शन लेने के बाद भी पानी नहीं आता। टैंकरों से काम चलाना पड़ता है। 
- रुखसाना, वार्ड वासी 

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करीब 500 लोगों की आबादी होने के बाद भी पानी की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। यहां तक कि हमारी बस्ती में अभी पेयजल लाइन तक नहीं डाली गई।
- हफीज, वार्ड वासी 

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शादी को करीब 35 साल हो चुके हैं। जो दुख कल था वह आज भी है। क्या पता मेरे मरने के बाद कोई व्यवस्था हो जाए।
- परवीन बी, वार्ड वासी 

पानी तो देखने को ही नहीं मिलता। केवल टैंकरों व एक पुरानी बोरवेल के कारण कुछ पानी की व्यवस्था हो जाती है।
- नसीम बानो, वार्ड वासी

वार्ड में साफ सफाई तक की व्यवस्था नहीं है। पानी तो है ही नहीं। गंदगी से भी नालियां भरी पड़ी हैं। 
- मुन्ना बेग, वार्ड वासी 

15 वें वित्त आयोग की तरफ से रावतभाटा के लिए 2.13 करोड़ रुपए जलदाय विभाग को पानी की लाइन तथा अन्य कार्यों के लिए जारी किए गए हैं। जैसे ही भुगतान राशि प्राप्त होगी, कार्य शुरू कर दिया जाएगा। 
- लक्ष्मण सिंह, सहायक अभियंता, जलदाय विभाग 

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