व्हाट्सअप मैसेज या कॉल से संदिग्ध फ्रॉड के मामलों में लें संचार साथी पर चक्षु की मदद
डिजिटल अरेस्ट जैसी कोई कानूनी प्रक्रिया नहीं होती, घबराएं नहीं
साइबर क्राइम की दुनिया में तकीकी ज्ञान और पेचदगियों से अनजान नागरिकों को अपने जाल में फंसाकर अपराधी ठगी के लिए दिन-प्रतिदिन नित नए-नए तरीके अपना रहे हैं।
जयपुर। साइबर क्राइम की दुनिया में तकीकी ज्ञान और पेचदगियों से अनजान नागरिकों को अपने जाल में फंसाकर अपराधी ठगी के लिए दिन-प्रतिदिन नित नए-नए तरीके अपना रहे हैं। साइबर अपराधी कई बार व्हाट्सअप मैसेज और कॉल के माध्यम से ठगी करते हैं। ऐसे प्रकरणों में भारत सरकार के दूरसंचार विभाग के पोर्टल पर संदिग्ध फ्रॉड के मामलों को रिपोर्ट किया जा सकता है। डीजीपी साइबर अपराध एवं एससीआरबी हेमंत प्रियदर्शी ने बताया कि साइबर ठगी के मामलों में आम नागरिकों की सुविधा एवं जागरूकता के लिए भारत सरकार ने कई पहल की हैं। इसी सिलसिले में भारत सरकार के दूर संचार विभाग के पोर्टल पर लोगों की सहायता के लिए कई फीचर्स उपलब्ध हैं।
चक्षु के लिंक पर दर्ज कराएं शिकायत
प्रियदर्शी ने बताया कि व्हाट्सअप मैसेज या कॉल के माध्यम से संदिग्ध फ्रॉड के प्रकरणों की शिकायत जानकारी संचार साथी पोर्टल पर सिटीजन सेंट्रिक सर्विसेज के तहत उपलब्ध चक्षु के लिंक पर जाकर दर्ज कराई जा सकती है। इस पोर्टल पर जानकारी हिन्दी में भी उपलब्ध है। रिपोर्ट दर्ज होने के बाद दूरसंचार विभाग आवश्यक जांच पड़ताल करता है। फिर संदिग्ध नम्बर को बंद करने एवं अन्य आवश्यक कार्रवाई करता है।
संभल जाएं कहीं आपके दस्तावेजों से कोई दूसरी सिम तो नहीं चल रही
डीजी प्रियदर्शी ने बताया कि संचार साथी पोर्टल पर उपलब्ध एक अन्य अहम सुविधा के तहत कोई भी व्यक्ति यह चैक कर सकता है कि जिन दस्तावेजों के आधार पर उस व्यक्तिका मोबाइल नम्बर चल रहा है, उन्हीं दस्तावेजों के आधार पर गलत तरीके से कोई अन्य व्यक्ति दूसरी सिम का इस्तेमाल तो नहीं कर रहा है। दूर संचार विभाग भारत सरकार का यह पोर्टल जनता को साइबर ठगी के प्रयास से बचाने के लिए अत्यंत कारगर हो सकता है। साइबर ठगी या संदिग्ध फ्रॉड के ऐसे प्रकरण ध्यान में आने पर आम नागरिक इस पोर्टल पर जाकर संदिग्ध नम्बरों के बारे में शिकायत अवश्य दर्ज कराएं।
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