पुलिस मुख्यालय की रिपोर्ट में खुलासा : प्रदेश में अपहरण को छोड़ हर अपराध में कमी, आधे मामले जांच में मिले झूठे
पहले फायरिंग अधिक होती थीं
अधिकतर चोरी गया माल बरामद ही नहीं हो पाता। चोरी के प्रकरणों में राजस्थान पुलिस महज 3.49 प्रतिशत ही बरामदगी कर पाई है।
जयपुर। प्रदेश में पुलिस के सख्त रवैये से अपराधियों की मुश्कें कसने का काम जारी है, लेकिन इसके बावजूद अपराधी हैं कि बाज नहीं आ रहे। पिछले तीन साल के दौरान जनवरी से अगस्त तक अपराधों का दर्ज विवरण देखें, तो तस्वीर चिंता करने वाली है। हालांकि इस साल अपराध कुछ कम हुए हैं। प्रदेश में हर रोज 92 चोरियां, 10 बलात्कार, चार लूट, तीन हत्याएं, हत्या के छह प्रयास और हर तीसरे दिन डकैती की एक वारदात हो रही है। यह खुलासा पुलिस मुख्यालय की एक रिपोर्ट में है। पुलिस का दावा है, पहले फायरिंग अधिक होती थीं, लेकिन अब अंकुश लगा है। पुलिस के लिए सबसे अधिक मुसीबत चोरी की वारदात को लेकर है, जिनमें अधिकतर चोरी गया माल बरामद ही नहीं हो पाता। चोरी के प्रकरणों में राजस्थान पुलिस महज 3.49 प्रतिशत ही बरामदगी कर पाई है।
भागते समय लगी चोट से भी आई कमी
प्रदेश में कई बड़े अपराधों में शामिल बदमाशों ने पुलिस कस्टडी में आने के बाद भागने की कोशिश की तो पुलिस ने पीछा किया। पीछा करते समय बदमाश गिर गए और उन्हें गम्भीर चोट लग गई। ऐसा कई केसों में हुआ। इसके अलावा कई बदमाशों ने पुलिस कस्टडी में ही पुलिसकर्मी से हथियार छीनकर वारदात करने की कोशिश की, जिसमें पुलिस की जवाबी कार्रवाई में बदमाश घायल हो गए। इससे भी अपराधियों में खौफ हुआ और अपराध का ग्राफ कम हुआ।
बदमाशों के खिलाफ जिला, रेंज और पुलिस मुख्यालय की टीमें लगातार कड़ी कार्रवाई कर रही है। इसके अलावा संगठित अपराधियों के खिलाफ भी सख्त एक्शन लिया जा रहा है। बदमाशों के खिलाफ यह कार्रवाई जारी रहेगी।
- दिनेश एमएन, एडीजी क्राइम राजस्थान
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