90 हजार करोड़ से बनेगा ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे, डीपीआर के लिए जारी की निविदा
लागत की राशि टोल के जरिए भी वसूली जा सकेगी
इसके लिए पीडब्ल्यूडी ने डीपीआर के लिए निविदा जारी की है। डीपीआर तैयार होने में करीब तीन से चार माह का समय लगेगा।
जयपुर। प्रदेश में जल्द ही नेशनल हाईवे और स्टेट हाईवे के बाद अब ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे भी नजर आएंगे। राज्य के विभिन्न क्षेत्रों से गुजरने वाले ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस की डीपीआर तैयार होगी। चार से छह लेन के आठ पैकेजों की डीपीआर बनाने पर करीब 30 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इसके लिए पीडब्ल्यूडी ने डीपीआर के लिए निविदा जारी की है। डीपीआर तैयार होने में करीब तीन से चार माह का समय लगेगा।
लागत कम करने पर रहेगा फोकस
ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे पर लागत कम करने के लिए ऐसे क्षेत्रों का चयन किया जाएगा, जो आबादी से बाहर हो ताकि मुआवजे के तौर पर कम से कम राशि दी जाए। 2400 किलोमीटर लंबे इन एक्सप्रेस वे के लिए 90 हजार करोड़ की आवश्यकता होगी। इसके लिए सरकार एनएचएआई के साथ ही अन्य विकल्प पर भी विचार कर रही है। सरकार के पास इतनी भारी भरकम राशि खर्च करने की स्थिति को देखते हुए पहले ही इस दिशा में कार्य शुरू कर दिया गया है। लागत की राशि टोल के जरिए भी वसूली जा सकेगी।
15 जिलों में नेटवर्क होगा तैयार
राज्य सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष के बजट में इन एक्सप्रेस हाईवे की घोषणा की। इन रूट में हालांकि बाद में बदलाव भी हो सकता है, लेकिन अभी तक के निर्धारित रूट के अनुसार ये एक्सप्रेस वे 15 जिलों से होकर गुजरेंगे, जिनमें आवाजाही में लगने वाला घंटों का समय आधे से भी कम हो जाएगा। सरकार की कोशिश है कि नए साल 2025 तक डीपीआर तैयार होने के बाद इनका काम शुरू कर दिया जाए। जब तक इसके लिए वित्तीय एवं प्रशासनिक स्वीकृति की प्रक्रिया को पूरा कर लिया जाए।
भूमि अधिग्रहण 1679 हैक्टेयरचा र से छह लेन के ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे के 8 पैकेज के लिए डीपीआर तैयार करवाई जाएगी। इसके बाद स्थिति सामने आएगी कि परियोजना पर कुल लागत कितनी आएगी और वित्तीय प्रबंधन क्या होगा। डीपीआर के लिए निविदा जारी की गई है।
- विकास दीक्षित, मुख्य अभियंता (एन.एच.), पीडब्ल्यूडी
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