CM गहलोत बर्थ डे स्पेशल: राजनीति के शिखर से संघर्ष की कहानी, गहलोत वेस्पा स्कूटर से करते थे खाद बीज की सप्लाई, बच्चों को दिखाते थे जादू का खेल

शाम को दुकान के बाहर लगता जमघट और फिर राजनीतिक चर्चाओं के चलते लंबे दौर

CM गहलोत बर्थ डे स्पेशल: राजनीति के शिखर से संघर्ष की कहानी, गहलोत वेस्पा स्कूटर से करते थे खाद बीज की सप्लाई, बच्चों को दिखाते थे जादू का खेल

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भले ही आज राजनीति के शिखर पर हो लेकिन इसके लिए उन्होंने संघर्ष भी खूब किया है।

जोधपुर/पीपाड़सिटी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भले ही आज राजनीति के शिखर पर हो लेकिन इसके लिए उन्होंने संघर्ष भी खूब किया है। अपना राजनीतिक जीवन शुरू करने से पहले अपने सहपाठी सत्यनारायण शर्मा के साथ वे अक्सर पीपाड़ सिटी आया जाया करते थे। सन 1972 में सत्यनारायण शर्मा ने पीपाड़ में मेडिकल स्टोर खोला। उस दौरान ही अशोक गहलोत ने भी शहर के गोल प्याऊ क्षेत्र में खाद-बीज की दुकान खोल कर अपना व्यवसाय शुरू किया। स्व. सत्यनारायण शर्मा के भाई राधेश्याम शर्मा बताते हैं कि गहलोत ने तीन वर्ष तक पीपाड़ में खाद-बीज की दुकान रखी। उनकी दुकान पर सहयोगी के रूप में लुम्बाराम टाक कार्य किया किया करते थे जिनसे भी अशोक गहलोत के आत्मीयता के रिश्ते थे। शर्मा बताते हैं कि अशोक गहलोत पीपाड़ में रहने के दौरान उनके पुश्तैनी मकान में भी रहे तथा अपने मित्र श्रीवल्लभ के आवास पर भी रहे थे। गहलोत ने खाद-बीज की दुकान चलाने के दौरान ही एलएलबी व एमए किया था।

यूरिया की कालाबजारी के कारण दुकान बंद
पूर्व पालिका उपाध्यक्ष कन्हैयालाल जांगिड़ बताते हैं कि अशोक गहलोत ने करीब 1972 से 1975 तक तीन वर्ष तक पीपाड़ में खाद बीज की दुकान चलाई। उनके पास वेस्पा कम्पनी का क्रीम कलर का स्कूटर था जिससे वे खाद-बीज सप्लाई किया करते थे। यूरिया खाद की कालाबाजारी होने के कारण उन्होंने खाद-बीज का कार्य बंद कर दिया तथा वे जोधपुर चले गये। सन 1977 में उन्हें कांग्रेस ने सरदारपुरा से विधानसभा का टिकट दिया लेकिन गहलोत हार गए। 1980 में लोकसभा के मध्यावधि चुनाव हुए। जोधपुर लोकसभा के लिए अशोक गहलोत को टिकट मिला और वे चुनाव जीत कर सांसद बने।

बच्चों को दिखाते थे जादू का खेल
पीपाड़ में रहने के दौरान गहलोत ने अपनी दुकान के पास ही स्थित सेठ रामरख मालानी विद्यालय में विद्यार्थियों को जादू का खेल भी दिखाया। उनके साथ रहने वाले अब्दुल वहीद बैलिम व मोहम्मद हफ ीज रंगरेज बताते हैं कि अशोक गहलोत की खाद बीज की दुकान पर शाम के समय उनके सहपाठियों, दोस्तों एवं मिलने वालों के बीच चाय के साथ राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा होती थी। दुकान पर विभिन्न समाचार पत्र आते थे जिन्हें पढ़ने के लिए भी कई लोग उनकी दुकान पर आकर बैठते थे।

नहीं रहे पुराने मित्र
अशोक गहलोत के सहपाठी सत्यनारायण शर्मा, श्रीवल्लभ शर्मा एवं अशोक गहलोत की खाद बीज की दुकान पर काम करने वाले मुनीम लुम्बाराम टाक का देहांत हो चुका है। अशोक गहलोत गाहे-बगाहे अपने पीपाड़ के मित्रों एवं मिलने वालों को याद अवश्य करते है।

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