कुसुम योजना में 5.38 मेगावाट क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्रों से उत्पादन हुआ शुरू

जाट बहरोड एवं हुडिया जैतपुर के 485 किसानों को अब दिन में मिल रही बिजली

कुसुम योजना में 5.38 मेगावाट क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्रों से उत्पादन हुआ शुरू

डिस्कॉम्स चेयरमैन आरती डोगरा ने बताया कि भिवाड़ी जिले के जाट बहरोड़ में सोलर पावर जनरेटर मैसर्स सानोली सोलर एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड द्वारा 2.74 मेगावाट क्षमता का सोलर प्लांट सितम्बर के अंतिम सप्ताह में स्थापित कर दिया गया है।

जयपुर। प्रदेश में पीएम कुसुम योजना के तहत फीडर लेवल सोलराइजेशन के काम को गति मिल रही है। इस योजना के माध्यम से राज्य सरकार का वर्ष 2027 तक किसानों को खेती-किसानी से जुड़े कार्यों के लिए दिन में बिजली देने का लक्ष्य है। इसी दिशा में योजना के कंपोनेंट-सी के तहत प्रदेश के भिवाड़ी एवं कोटपुतली जिलों में 5.38 मेगावाट क्षमता के दो सौर ऊर्जा संयंत्र सोलर पावर जनरेटर द्वारा हाल ही में स्थापित कर दिए गए हैं और निकटवर्ती ग्रिड से कनेक्ट कर इनसे बिजली उत्पादन प्रारंभ कर दिया गया है। 

डिस्कॉम्स चेयरमैन आरती डोगरा ने बताया कि भिवाड़ी जिले के जाट बहरोड़ में सोलर पावर जनरेटर मैसर्स सानोली सोलर एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड द्वारा 2.74 मेगावाट क्षमता का सोलर प्लांट सितम्बर के अंतिम सप्ताह में स्थापित कर दिया गया है। इस प्लांट को 33/11 केवी सब स्टेशन से भी कनेक्ट कर दिया गया है। अब इस सब स्टेशन से जुड़े 238 कृषि उपभोक्ताओं को दिन में बिजली की आपूर्ति की जा रही है। इसी प्रकार कोटपुतली जिले के हुडिया जैतपुर में मैसर्स काठूवास सोलर एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड द्वारा 2.64 मेगावाट के संयंत्र को स्थापित कर 33/11 केवी सब स्टेशन से कनेक्ट कर दिया गया है। इस प्लांट के माध्यम से अब इस सब स्टेशन से जुड़े 247 कृषि उपभोक्ताओं को दिन में बिजली आपूर्ति होने लगी है। डोगरा ने बताया कि जयपुर विद्युत वितरण निगम क्षेत्र में कुसुम-सी योजना के तहत 17.29 मेगावाट क्षमता के 7 सोलर संयंत्र स्थापित किए जा चुके हैं। इनके माध्यम से 1981 किसानों को दिन में बिजली मिल रही है। 

उल्लेखनीय है कि सितम्बर माह में ही मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने मुख्यमंत्री रोजगार उत्सव के तहत आयोजित कार्यक्रम में पीएम कुसुम-सी योजना के तहत प्रदेश में एक साथ 608 सोलर प्लांटों का शिलान्यास किया था। इन प्लांटों के जरिए 5 हजार 254 करोड़ रूपए का निवेश तथा 1501 मेगावाट बिजली उत्पादन हो सकेगा। साथ ही, किसानों को कृषि कार्य के लिए दिन में बिजली का लक्ष्य भी साकार हो सकेगा।

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