निजी स्कूल किताबें और यूनिफॉर्म खरीदने का बना रहे दबाव
स्टडी मेटेरियल खरीदने के लिए बाध्य कर रहे है
शिक्षा को लेकर किताबों, यूनिफॉर्म सहित विभिन्न स्टडी मेटेरियल पर अभिभावकों का पैसा खर्च हो रहा है। वहीं प्रदेश में बहुत सारे ऐसे स्कूल है, जो अभिभावकों पर अपनी मनमानी करते है।
जयपुर। शिक्षा को लेकर किताबों, यूनिफॉर्म सहित विभिन्न स्टडी मेटेरियल पर अभिभावकों का पैसा खर्च हो रहा है। वहीं प्रदेश में बहुत सारे ऐसे स्कूल है, जो अभिभावकों पर अपनी मनमानी करते है। उन्हें स्वयं या अपने किसी खास विक्रेता से किताबें, यूनिफॉर्म और स्टडी मेटेरियल खरीदने के लिए बाध्य कर रहे है, ताकि उनका कमीशन बना सके। निजी स्कूल किताबें और यूनिफॉर्म के लिए दबाव बना रहे, जिससे अभिभावक परेशान हो रहे हैं।
बहुत सारे स्कूलों ने कोर्स चेंज किया
संयुक्त अभिभावक संघ ने आपत्ति उठाते हुए राज्य सरकार से मांग की है कि वह किताबों, यूनिफॉर्म और स्टडी मेटेरियल पर मनमानी करने वाले निजी स्कूलों को पांबद करे। संघ के प्रदेश अध्यक्ष अरविंद अग्रवाल ने बताया कि स्कूलों में नया सेशन शुरू हो चुका है। इस वर्ष भी बहुत सारे स्कूलों ने अपना कोर्स चेंज कर दिया है। कई स्कूलों ने तो किताबें ही चेंज कर अभिभावकों पर नई किताबों को खरीदने को कहा है। केवल यहीं नहीं स्कूलों के द्वारा अभिभावकों को स्कूल कैम्पस में बनी दुकानें या खास विक्रेता से ही खरीदने का दबाव बनाया जा रहा है।
एडवोकेट अमित छंगाणी ने कहा कि राज्य सरकार निजी स्कूलों की मनमानियों को रोकने के लिए नियम तय करे। जयपुर के सी-स्किम स्थित सेंट जेवियर्स स्कूल अपने कैम्पस से मनमाने दामों पर यूनिफॉर्म बेचते हैं और खुद के कैम्पस से ही किताबें बेच रहे हैं। इसको लेकर संयुक्त अभिभावक संघ ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा, शिक्षा मंत्री से मुलाकात की, शिक्षा अधिकारी से मुलाकात की यहीं नहीं शिक्षा निदेशक, संयुक्त शिक्षा निदेशक तक को पत्र लिखे, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। पहले जहां यह किताब 100 से 200 रुपए की मिलती थी, अब वह 500 से 600 सौ रुपए की मिल रही है।
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