कोटा में हर साल 105 करोड़ से ज्यादा की किताबें बिकती है,जो प्रदेश में सबसे अधिक है। इनमें 70 करोड़ की जेईई और नीट की किताबें बिकती है और 35 से 40 करोड़ की सीबीएसई और आरबीएसई की किताबें बिकती है। कुल मिलाकर यह आंकड़ा 105 करोड़ से अधिक तक पहुंच जाता है।
शिक्षा को लेकर किताबों, यूनिफॉर्म सहित विभिन्न स्टडी मेटेरियल पर अभिभावकों का पैसा खर्च हो रहा है। वहीं प्रदेश में बहुत सारे ऐसे स्कूल है, जो अभिभावकों पर अपनी मनमानी करते है।
कहते हैं कि किताबें ही आदमी की सच्ची दोस्त होती हैं और दोस्तों से ही आदमी की पहचान भी। कुछ ऐसी ही खास किताबों का संग्रह पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग की लाइब्रेरी में है, जहां 11 हजार 070 प्राचीन और ऐतिहासिक किताबों का संसार है।