अस्पताल में दवा का चक्कर दे रहा दर्द

एक ही काउंटर पर दवाएं, वहां भी एनओसी हो रही जारी

अस्पताल में दवा का चक्कर दे रहा दर्द

सरकारी अस्पतालों में नि:शुल्क दवाओं की सुविधा तो कर दी लेकिन मरीजों को वह दवा काउंटरों पर उपलब्ध ही नहीं हो रही है। एमबीएस में एक ही काउंटर पर दवा दी जा रही है वहां भी आधी दवाओं के लिए एनओसी जारी की जा रही है।

कोटा। सरकारी अस्पतालों में नि:शुल्क दवाओं की सुविधा तो कर दी लेकिन मरीजों को वह दवा काउंटरों पर उपलब्ध ही नहीं हो रही है। एमबीएस में एक ही काउंटर पर दवा दी जा रही है वहां भी आधी दवाओं के लिए एनओसी जारी की जा रही है। जिसके लिए मरीजों व तीमारदारों को इधर से उधर चक्कर काटने पड़ रहे हैं।

ऐसे ही कई मामले सोमवार को एमबीएस अस्पताल में देखने को मिले। सोमवार को बड़ी संख्या में मरीज उपचार के लिए अस्पताल पहुंचे। पहले पर्ची बनवाने की कतार में इंतजार व मशक्कत, उसके बाद आउटडोर में डॉक्टर को दिखाने की कतार में जैसे-तैसे नम्बर आ  गया। उसके बाद डॉक्टर द्वारा पर्ची पर लिखी गई दवाई लेने के लिए जब मरीज व तीमारदार दवा काउंटर पर गए तो उन्हें 13 नम्बर काउंटर पर भेजा गया। वहां जाने पर आधी ही दवा उपलब्ध थी। जबकि आधी दवा के लिए उन्हें एनओसी जारी की जा रही है। लेकिन एनओसी के लिए पहले उसी डॉक्टर से हस्ताक्षर करवाने, उप अधीक्षक के हस्ताक्षर करवाने और फिर उस पर्ची की दो जेरोक्स करवाकर लाने की मशक्कत । इसमें मरीजों व तीमारदारों का इतना अधिक समय लग रहा है साथ ही परेशानी इतनी हो रही है कि वे गर्मी में घबराने लगे हैं। पूरे अस्पताल का चक्कर काटने और अस्पताल परिसर में बाहर दुकान से जेरोक्स करवाकर लाने की परेशानी इतनी अधिक हो रही है कि मरीज नि:शुल्क दवा लेने से तो बाजार से दवा लेना पसंद कर रहा है। लेकिन हालत यह है कि सरकारी पर्चे पर लिखी दवाई बाहर से भी नहीं ले सकते।

ऐसा किसी एक दो मरीज के साथ नहीं हुआ। कई मरीजों के साथ हुआ। जिससे मरीज परेशान होते रहे। कई मरीज तो गर्मी के कारण थक हार कर अस्पताल में जमीन पर ही बैठ गए। शहर ही नहीं ग्रामीण क्षेत्रों से आए मरीज अधिक  परेशान हुए। मरीजों का कहना था कि सरकार ने दवा तो नि:शुल्क कर दी है। लेकिन व्यवस्था इतनी जटिल कर दी है कि उससे पार पाना मुश्किल हो रहा है। मरीजों का कहना था कि गर्मी में वैसे ही परेशानी हो रही है वहीं दवाई के लिए चक्कर  घिन्नी होने से झुंझलाहट भी होने लगी। इन व्यवस्थाओं के चलते दवा काउंटर, आउटडोर में डॉक्टर को दिखाने और एनओसी जारी करवाने के लिए मरीजों व तीमारदारों की भीड़ लग गई।

इनका कहना है
इनडोर में भर्ती मरीजों को भी उनके वार्ड के काउंटर पर ही दवाई मिल रही है। आउटडोर में आने वाले मरीजों को दवा के लिए काउंडर पर जाना पड़ रहा है। जो दवाई उपलब्ध नहीं है उसके लिए एनओसी जारी की जाती है।  13 नम्बर काउंटर का प्रिंटर खराब होने से समस्या हुई थी। जानकारी आने पर मैने भी वहां का राउंड किया था। 125 नम्बर कमरे में अधिकतर समस्याओं का समाधान हो जाता है। फिर भी यदि किसी को परेशानी होती है तो मुझसे मिल लेता है। जेरोक्स की समस्या के लिए मशीन का आदेश कर दिया है। कुछ ही दिन में नई मशीन आ जाएगी। वह अस्पताल परिसर में ही गेट के पास लग जाएगी। जिससे उसके लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा। सोमवार को भीड़ अधिक होने से कुछ लोगों को समस्या हो सकती है।
-डॉ. नवीन सक्सेना, अधीक्षक, एमबीएस अस्पताल

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