महाराष्ट्र की 3 दर्जन सीटों पर दोनों गठबंधनों की रोचक जंग, चला जा रहा है हर दांव

जीत-हार का फैसला एक हजार वोट से कम के अंतर से हुआ था

महाराष्ट्र की 3 दर्जन सीटों पर दोनों गठबंधनों की रोचक जंग, चला जा रहा है हर दांव

एक सीट पर तो अंतर 500 वोट से भी कम का रहा था। सूबे की चांदीवली विधानसभा सीट से शिवसेना के भाऊसाहेब लांडे को करीबी मुकाबले में 409 वोट से जीत मिली थी।

मुंबई। महाराष्ट्र के चुनाव में एक-एक सीट को लेकर दिलचस्प जंग देखने को मिल रही है। हर पैंतरा आजमाया जा रहा है। हर दांव चला जा रहा है। बंटेंगे तो कटेंगे जैसे नारों की गूंज है तो लुभावने वादों के जरिए सुनहरी तस्वीर भी दिखाई जा रही है। वादों-दावों के इस चुनावी मौसम में बात उन सीटों को लेकर भी हो रही है, जहां के नतीजों ने सत्ता का खाका खींचने में अहम भूमिका निभाई थी। महाराष्ट्र के पिछले चुनाव में 37 सीटें ऐसी थीं जहां हार-जीत का अंतर पांच हजार से भी कम वोट का रहा था। महाराष्ट्र विधानसभा की स्ट्रेंथ 288 सीटों की है। इनमें से पांच सीटें ऐसी थीं जहां जीत-हार का फैसला एक हजार वोट से कम के अंतर से हुआ था। एक सीट पर तो अंतर 500 वोट से भी कम का रहा था। सूबे की चांदीवली विधानसभा सीट से शिवसेना के भाऊसाहेब लांडे को करीबी मुकाबले में 409 वोट से जीत मिली थी।

चार सीटों पर एक से दो हजार वोटों का अंतर 
गोंदिया जिले की अजुर्नी-मोरगां सीट पर एनसीपी उम्मीदवार चंद्रिकापुरे मनोहर गोवर्धन को 718 वोट के अंतर से जीत मिली थी। पुणे जिले की दौंड सीट से बीजेपी राहुल सुभाषराव कुल 746, सोलापुर की संगोला से शिवसेना के शाहजी बापू राजाराम पाटिल 768 और अहमदनगर जिले की कोपरगांव सीट से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के आशुतोष अशोकराव काले 822 वोट से जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। एक हजार से कम अंतर वाली इन पांच सीटों के अलावा चार सीटों- भिवंडी ईस्ट, मूर्तिजापुर, मुक्ताईनगर और बीड में एक से दो हजार वोट के बीच का अंतर निर्णायक साबित हुआ था। इन चार में से एक-एक सीट पर बीजेपी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को जीत मिली थी। एक सीट से सपा उम्मीदवार जीता था जबकि एक सीट निर्दलीय के खाते में गई थी।

लोकसभा और विधानसभा चुनावों में काफी भिन्नता
महाराष्ट्र विधानसभा की 28 सीटों का नतीजा दो हजार से पांच हजार वोट के अंतर से निकला था। इन 28 सीटों में से 12 सीटों पर कमल खिला था। छह सीटों पर एनसीपी, चार सीटों पर कांग्रेस और दो सीटों पर शिवसेना, एआईएमआईएम, बहुजन विकास अघाड़ी और भाकपा के उम्मीदवारों को एक-एक सीट पर जीत मिली थी। एक सीट निर्दलीय के खाते में गई थी। आम चुनाव नतीजों को विधानसभा के नजरिए से देखें तो 31 विधानसभा सीटें ऐसी थीं जहां दो प्रतिद्वंदियों के बीच वोटों का अंतर पांच हजार से कम रहा था। इन 31 में से 16 विधानसभा क्षेत्रों में विपक्षी महाविकास अघाड़ी के उम्मीदवारों ने लीड किया था जबकि 15 क्षेत्रों में सत्ताधारी महायुति के उम्मीदवारों को बढ़त मिली थी। महाराष्ट्र चुनाव के नजरिए से इन सीटों के सियासी मिजाज को भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। हालांकि, ये आंकड़े लोकसभा चुनाव नतीजों के आधार पर हैं और विधानसभा चुनाव में मुद्दों से लेकर वोटिंग पैटर्न तक, बहुत भिन्नता होती है। फिर भी लोकसभा चुनाव के पैटर्न को देखते हुए हर दल इन सीटों पर अपना गणित सेट करने की कोशिश में जुटा हुआ है।

 

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