कोटा : सिग्नल फ्री होने से शहर में वाहनों की बढ़ी रफ्तार, अब स्पीड ब्रेकर से लगेगी लगाम
शहर की सड़कों पर जगह-जगह बन रहे स्पीड ब्रेकर
दुर्घटना संभावित स्थानों पर बनाए जा रहे रबड़ व डामर के स्पीड ब्रेकर
कोटा। शहर जैसे ही ट्रैफिक सिग् नल फ्री हुआ वैसे ही वाहनों की स्पीड़ बढ़ गई। सिग्नल नहीं होने से वाहनों को चौराहों पर रूकना नहीं पड़ रहा। लेकिन तेज गति से निकल रहे वाहनों के कारण आए दिन दुर्घटनाएं हो रही है। अब उन दुर्घटनाओं को कम करने के लिए वाहनों की गति पर स्पीड ब्रेकर बनाकर लगाम लगाई जा रही है। पिछली कांग्रेस सरकार के समय में कोटा को ट्रैफिक सिग्नल फ्री शहर बनाया गया। इसके लिए झालावाड़ रोड पर अनंतपुरा से लेकर गोबरिया बावड़ी सर्किल, एरोड्राम व अंटाघर समेत अन्य चौराहों पर लगी ट्रैफिक लाइटों को हटा दिया गया। उनके स्थान पर चौराहों पर अंडरपास व फलाईओवर बना दिए। जिससे चारों तरफ से आने वाले वाहनों को बिना चौराहे पर रूके आसानी से निकला जा सके। हालत यह है कि जैसे ही शहर ट्रैफिक सिग्नल फ्री हुआ वैसे ही वाहनों की स्पीड बढ़ गई। दो पहिया वाहन होया चार पहिया वाहन चालक निर्धारित से अधिक गति से वाहन दौड़ाने लगे। नतीजा शहर में आए दिन एक्सीडेंट होने लगे। वह भी मेन रोड व सीधी सड़कों पर।
नियमों की नहीं हो रही पालना
लोगों का कहना है कि शहर में स्पीड ब्रेकर होने चाहिए। लेकिन उन्हें बनाने में नियमों की पालना की जानी चाहिए। जबकि हालत यह है कि गली मोहल्लों में तो लोग अपनी मनमर्जी से ही स्पीड ब्रेकर बनवा रहे है। मेन रोड पर अधिकारियों की देखरेख में ही ये बनाए जाएं। लेकिन अधिकारियों ने ठेकेदारों कोआदेश दे दिया। ठेकेदार अपनी मर्जी से ही बिना मापदंड के स्पीड ब्रेकर बना रहे है। कहीं ऊंचाई अधिक है तो कहीं चौड़ाई कम है। कहीं पास-पास ब्रेकर बना दिए तो कहीं वाहनों की गति के स्थान पर दुर्घटना का कारण बन रहे हैं स्पीड ब्रेकर।
जिला कलक्टर ने बैठक में दिए थे निर्देश
जानकारों के अनुसार शहर में दुर्घटनाओं कोदेखते हुए गत दिनों जिला कलक्टर ने ट्रैफिक पुलिस की बैठक लेकर निर्देश दिए हैं। जिसमें कहा है कि जहां भी एक्सीडेंट जोन हैं उन्हें चिन्हित किया जाए। वहां स्पीड ब्रेकर बनवाए जाएं।जिला कलेक्टर के निर्देश पर ही शहर में स्पीड ब्रेकर बनाने का काम तेजी से किया जा रहा है। कहीं रबड़ वाले तो कहीं डामर के स्पीड ब्रेकर बनाए जा रहे है।
डिवाइडर के कट व रोंग साइड से वाहनों का आवागमन
शहर में पिछले कुछ समय से चौराहों के अलावा मेन रोड तक की ट्रैफिक व्यवस्था इतनी अधिक बदहाल है कि सुरक्षित वाहन चला पाना मुश्किल हो रहा है। खासतौर पर महिलाएं तो भीड़-भाड़ वाले इलाकों में वाहन चलाने से घबराने लगी है। ऐसे में मनचलों की हरकतों से भी दुर्घटनाओं का खतरा बना हुआ है। हालत यह कि कई लोग शॉर्ट कट के प्रयास में डिवाइडरों के कटके बीच से तो कई रोंग साइड से वाहन तेजी से लेकर निकल रहे है। जिससे आए दिन एक्सीडेंट हो रहे है। पहले जहां भारी वाहनों से एक्सीडेंट अधिक होते थे। अब उनका शहर में प्रवेश बंद हुआ था छोटे व चार पहिया वाहनों से भी एक्सीडेंट होने लगे है। यहीकारण है कि उन्हें कम करने के लिए ट्रैफिक पुलिस और कोटा विकास प्राधिकरण मिलकर वाहनों की गति पर लगाम लगाने में जुटे हैं। जिसके लिए जगहृ-जगह पर स्पीड ब्रेकर बनाए जा रहे है।
इनका कहना है
शहर में कई जगह पर वाहन तेजी से निकलने के कारण आए दिन दुर्घटनाएं हो रही है। उन दुर्घटनाओं पर रोक लगाने व उनमें कमी लाने के लिए उच्चाधिकारियों के निर्देश पर स्पीड ब्रेकर बनवाए जा रहे है। दुर्घटना संभावित स्थानों को चिन्हित कर केडीए को वहां स्पीड ब्रेकर बनाने के लिए निवेदन किया गया है। लोगों को अपने जीवन की सुरक्षा के लिए स्वयं ही जागरूक रहकर वाहनों को निर्धारित गति सीमा में ही वाहन चलाने चाहिए। जिससे दुर्घटनाओं में कमी लाई जा सके। हालांकि लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान भी चलाया गया था। फूल देकर, हैलमेट वांटकर व जगह-जगह कार्यक्रम कर समझाइश की गई है।
- पूरण सिंह, निरीक्षक,यातायात पुलिस
शहर में दुर्घटना संभावित स्थानों पर स्पीड ब्रेकर बनाने के लिए ट्रैफिक पुलिस की ओर से निवेदन किया गया था। उनके बताए स्थानों पर ही स्पीड ब्रेकर बनवाए जा रहे है। जगह के हिसाब से कहीं रबड़ के तो कहीं डामर के बनाए जा रहे है। सभी का मकसद वाहनों की गति पर लगाम लगाकर दुर्घटनाओं को कम करना है।
- रविन्द्र माथुर, निदेशक अभियांत्रिकी, कोटा विकास प्राधिकरण
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