कोई भी नागरिक न्याय से वंचित नहीं हो यह हमारा पहला लक्ष्य : गवई
बच्चों के लिए शॉर्ट फिल्म की प्रतियोगिता तैयार की गई
महात्मा ज्योतिबा फुले ने महिला शिक्षा देने के लिए स्कूल खोली। उनके सम्मान में देश के बच्चों के लिए शॉर्ट फिल्म की प्रतियोगिता तैयार की गई।
जयपुर। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष और सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बीआर गवई ने कहा कि देश का कोई भी नागरिक न्याय से वंचित नहीं हो, यह हमारा पहला लक्ष्य है। इस लक्ष्य की प्राप्ति में विधिक सेवा प्राधिकरण महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। आज प्रदेश की विधिक सेवा में एक नया आयाम जुड़ा है और इसका फायदा आम जनता को मिलेगा। जस्टिस गवई राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के नव निर्मित भवन के शुभारंभ के बाद जेल सुधार को लेकर आयोजित सेमिनार को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्राधिकरण का नया भवन हेरिटेज के साथ-साथ हाईटेक भी है। महात्मा ज्योतिबा फुले ने महिला शिक्षा देने के लिए स्कूल खोली। उनके सम्मान में देश के बच्चों के लिए शॉर्ट फिल्म की प्रतियोगिता तैयार की गई।
जेल में रखकर नहीं हो सकता बदलाव
सेमिनार को संबोधित करते हुए सुप्रीम कोर्ट के जज संदीप मेहता ने कहा कि जेल में रखकर किसी को सही नहीं किया जा सकता। पैरोल की सुविधा से कैदी अपने परिवार से मिल सकता है। आपात पैरोल में भी कई बार देरी हो जाती है। प्रदेश में ई-प्रिजन सॉफ्टवेयर में काम किया जा रहा है। जेल में जाति आधारित कार्य वितरण को भी समाप्त किया गया है। उन्होंने जेल नियमों में बदलाव की आवश्यकता जताते हुए कहा कि खुली जेलों की संख्या बढाने से कई समस्याएं खत्म हो जाएगी और इसमें नियमित जेलों के मुकाबले खर्चा भी काफी कम होता है। जस्टिस मेहता ने कैदियों को श्रम के बदले प्रतिदिन 112 रुपए देने के सिस्टम को सही करने की दिशा में भी राज्य सरकार को ध्यान देने को कहा है। कार्यक्रम में 6 से 18 साल के विशेष योग्यजन बच्चों को दो साल के लिए 2500 रुपए प्रतिमाह स्कॉलरशिप देने की शुरुआत की गई। रालसा के नए लोगों का भी अनावरण किया गया। इसके अलावा अधिकार मित्रों को बैजेज का वितरण किया गया। कार्यक्रम में राजस्थान हाईकोर्ट के पूर्व जज जसराज चौपड़ा की ओर से विधिक कार्यों के लिए दी गई बडी धनराशि देने पर उनका सम्मान भी किया गया। कार्यक्रम में सीजे एमएम श्रीवास्तव सहित हाईकोर्ट के अन्य न्यायाधीश भी मौजूद रहे।
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