कोटा बना कागजों में स्मार्ट सिटी, हकीकत में कौसों दूर
अभी भी 83 करोड़ के 5 काम हैं बाकी
8 साल से चल रहा स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट मार्च में होगा पूरा
कोटा। केन्द्र सरकार द्वारा शुरु किए गए स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत कोटा में भी करोड़ों रुपए के विकास कार्य तो करवाए गए लेकिन उसके बाद भी कोटा सिर्फ कागजों में ही स्मार्ट बन सका हकीकत में नहीं। 8 साल से चल रहा प्रोजेक्ट 4 माह बाद मार्च में पूरा हो जाएगा। उसके बाद भी अभी 83 करोड़ के 5 काम बाकी है। केन्द्र सरकार द्वारा देश के कई प्रमुख शहरों का स्मार्ट सिटी मिशन के तहत चयन किया गया था। जिनमें वर्ष 2016 में राजस्थान के 4 जिलों जयपुर, उदयपुर, अजमेर के अलावा कोटा का भी चयन किया गया था। जिसके तहत कोटा को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए बजट भी दिया गया। उस बजट से कोटा में काम भी हुए। जिसमें से अधिकतर काम तो पूरे हो गए। अब प्रोजेक्ट पूरा होने वाला है। लेकिन अभी भी कुछ काम बाकी है और कोटा शहर स्मार्ट सिटी नहीं बन सका है।
1113 करोड़ के 70 काम थे
स्मार्ट सिटी मिशन के तहत कोटा में विकास कार्य करवाने के लिए अलग से एक विभाग बनाया गया। जिसमें अधिकारी व कर्मचारी भी नियुक्त किए गए। वर्ष 2016 से इस मिशन के तहत काम किए जा रहे है। मिशन के तहत विभिन्न चरणों में 1113 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए थे। जिसमें 70 काम करवाए जाने थे। उनमें से 65 काम पूरे हो चुके है। जबकि 83 करोड़ के 5 काम बाकी रह गए।
मिशन के तहत हुए ये काम
स्मार्ट सिटी मिशन के तहत भाजपा और कांग्रेस दोनों ही सरकारों के समय में काम करवाए गए। दशहरा मैदान के फेज एक का काम भी स्मार्ट सिटी के तहत हुआ था। जिसमें इस मैदान को दिल्ली की तर्ज पर बनाने का प्रयास किया गया था। वहीं पिछली कांग्रेस सरकार के समय में शहर में स्मार्ट सिटी मिशन के तहत सैकड़ों करोड़ रुपए से अंडरपास व फ्लाईओवर तो बनाए गए। साथ ही एमबीएस व जे.के. लोन अस्पताल की नए ओपीडी ब्लॉक का निर्माण कार्य कराया गया। नयापुरा विवेकानंद चौराहा व अदालत चौराहा समेत अन्य चौराहों का विकास व सौन्दर्यीकरण कार्य कराए गए। कचरा ट्रांसफर स्टेशन व जलदाय विभाग के काम भी हुए। सर्किट हाउस की किचन व हॉल को भी नया रूप दिया गया।
ये काम भी होने है
स्मार्ट सिटी मिशन के तहत ही दशहरा मैदान के फेज दो पुराने पशु मेला स्थल, एमबीएस अस्पताल की नई मोर्चरी, जलदाय विभाग टंकी का काम, साइंस सेंटर व अभय कमांड सेंटर के विस्तार का काम किया जाना है। इसमें से एमबीएस मोर्चरी व पानी की टंकी का काम चल रहा है। साइंस सेटर का काम कुछ समय पहले ही शुरु हुआ है। अभय कमांड के विस्तार का और दशहरा मैदान के फेज दो का काम अभी तक शुरू नहीं हुए है।
जून में पूरा होना था, मार्च तक बढ़ाया कार्यकाल
केन्द्र सरकार द्वारा शुरू किए गए स्मार्ट सिटी मिशन का कार्यकाल गत वर्ष जून में ही पूरा होना था। लेकिन कोटा समेत कई अन्य जिलों में काम शेष रहने पर केन्द्र सरकार द्वारा इसका कार्यकाल 9 माह के लिए बढ़ा दिया गया। जिससे अब इसका कार्यकाल चार माह बाद मार्च 2025 में पूरा होगा।
इनका कहना है
कोटा में स्मार्ट सिटी के तहत 1113 करोड़ के 70 काम स्वीकृत हुए थे। जिनमें से 65 काम पूर्व में ही पूरे हो चुके है। शेष 5 में से एक साइंस सेंटर का काम कुछ समय पहले शुरु हुआ है जिसे पूरा होने में दो से ढाई साल का समय लगेगा। जबकि मोर्चरी व पानी की टंकी का काम चल रहा है। जिसके मार्च तक पृरा होने की संभावना है। शेष दो काम अभी तक शुरू नहीं हुए हैं। उन्हें संबंधित विभाग देख रहे है। प्रोजेक्ट पूरा होते ही विभाग में लगे अधिकारी व कर्मचारियों को उनके मूल विभाग में भेज दिया जाएगा।
-के.एम. शर्मा, अधिशाषी अभियंता स्मार्ट सिटी मिशन कोटा
दशहरा मैदान के फेज दो का काम पूर्व में ही होना था। लेकिन उस पर कई बार बदलाव हो चुका है। गत दिनों लोकसभा अध्यक्ष ने कोटा प्रवास के दौरान दशहरा मैदान का निरीक्षण कर वहां विकास की प्रोजेक्ड डिजाइन तैयार करवाई जा रही है। दिल्ली की फर्म द्वारा डिजाइन बनाने का काम किया जा रहा है। उसके बाद ही आगे की कार्यवाही की जाएग़ी।
-ए.क्यू कुरैशी, अधिशाषी अभियंता नगर निगम कोटा दक्षिण
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