सात साल में मात्र 40 हजार घरों तक पहुंची पीएनजी
मार्च 2025 तक एक लाख घरों में गैस पहुंचाने का लक्ष्य
राजस्थान स्टेट गैस लिमिटेड कर रही शहर में पाइप से गैस पहुंचाने का काम।
कोटा। एलपीजी गैस की बढ़ती कीमतों को देखते हुए अब महानगरों की तर्ज पर कोटा में भी पाइप लाइन के जरिए घरों में गैस पहुंचाने का काम तेजी से किया जा रहा है। राजस्थान स्टेट गैस लिमिटेड(आरएसजीएल) द्वारा डाली जा रही पाइपों से मार्च 2025 तक करीब एक लाख घरों में पाइप से गैस पहुंचाने की योजना है। स्मार्ट सिटी में चयनित कोटा शहर में पाइप लाइन से हर घर में पीएनजी गैस पहुंचाने की योजना बनी थी। इस योजना को शुरुआत में गैल के माध्यम से मूर्त रुप दिया जाना था। गैल ने कई साल पहले इसका काम शुरु किया था। लेकिन काम की गति इतनी धीमी थी कि उस समय कम्पनी गिनती के ही कनेक् शन दे पाई थी। अगस्त 2017 में यह काम राजस्थान स्टेट गैस लिमिटेड (आरएसजीएल) ने हाथ में लिया। उसके बाद भी शुरूआत में काम की गति धीमी होने से सीमित घरों तक ही गैस पहुंच सकी थी। पिछले कुछ समय से गैस लाइन बिछाने का काम तेजी से हुआ। जिससे यह संख्या पहले की तुलना में कई गुना अधिक बढ़ गई है।
वर्तमान में 40 हजार घरों तक गैस
आरएसजीएल द्वारा किए जा रहे इस काम के तहत कुछ समय पहले तक जहां मात्र 20 हजार घरों तक ही गैस पहुंचाई गई थी। उसके बाद इस काम को गति दी गई। जिससे वर्तमान में शहर के कई क्षेत्रों में करीब 40 हजार से अधिक घरों तक यह गैस पहुंचाई जा चुकी है।
इन क्षेत्रों में पहुंची पाइप से घरों तक गैस
योजना को लागू हुए तो 7 साल से अधिक हो गया लेकिन अभी तक जितने घरों तक कनेक् शन पहुंचने थे वह नहीं पहुंचे है। शहर के कई इलाके ऐसे हैं जहां पाइप से गैस घरों तक पहुंच चुकी है। उनमें झालावाड़ रोड रीको इंडस्ट्रीयल एरिया, बारां रोड महालक्ष्मी एनक् लेव समेत कई बहुमंजिला इमारतों में, तलवंडी सेक्टर बी, सी. 2 व 3, ए के कुछ भाग में, कुन्हाड़ी के पार्श्वनाथ एनक्लेव, आर.के. पुरम् ए और महावीर नगर प्रथम के अधिकतर क्षेत्रोंं में यह गैस पहुच चुकी है। प्रेम नगर अफोर्डेबल में भी पाइप से गैस घरों तक पहुंचाई जा रही है।
इन क्षेत्रों के लोगों को है इंतजार
पाइप लाइन के माध्यम से घरों में गैस पहुंचने का इंतजार शहर के हर व्यक्ति को है। जिनमें इंद्र विहार जैसे पॉश इलाके, स्टेशन क्षेत्र, बजरंग नगर, नयापुरा, उद्योग नगर क्षेत्र और बारां रोड स्थित कई कॉलोनियां के लोगों को अभी भी पाइप लाइन से गैस घरों तक पहुंचने का इंतजार है।
सुरक्षा अधिक और सस्ती सुविधा
पाइप लाइन से घरों तक गैस पहुंचना अधिक सुरक्षित है। साथ ही यह एलपीजी गैस सिलेंडर से करीब 40 से 50 फीसदी सस्ती भी है। कम्पनी के अधिकारियों के अनुसार पाइप लाइन से गैस घर तक पहुंचने में उसका प्रेशर काफी कम रहता है। इस गैस का भंडारण नहीं होने से उसके लीकेज होने या फटने का खतरा भी नहीं है। यदि गैस पाइप लाइन में कहीं से लीकेज भी होती है तो पाइप लाइन में लगा रेगुलेटर स्वत: ही बंद हो जाता है। बड़ी लाइन स्टील की, उसके बाद प्लास्टिक के पाइप की और फिर घर तक जीआई पाईप की लाइन होने से यह अधिक सुरक्षित है।
पथरीली इलाके होने से गति धीमी
कम्पनी के अधिकारियों का कहना है कि कोटा में अधिकतर क्षेत्र पथरीला है। जहां पाइप लाइन डालने के लिए जमीन खोदने में परेशानी होती है। इस कारण से भी काम की गति धीमी है। हालांकि प्रयास किए जा रहे हैं कि काम की गति को बढ़ाया जाए। वर्तमान में शहर के अधिकतर क्षेत्रों में एक साथ काम चल रहे हैं। जिससेआने वाले कुछ हीसमय में अधिक से अधिक घरोंतक यह गैस पहुंचाई जा सकेगी।
घर पर लगे मीटर की रीडिंग से उपभोग का आंकलन
पाइप लाइन से घरों तक गैस पहुंचने पर हर घर में एक मीटर लगाया गया है। जिसका कनेक् शन घर की रसोई में रखे गैस के चूल्हे से किया गया है। जितनी गैस का उपयोग होगा उसकी रीडिंग मीटर में आ जाती है। कम्पनी का कर्मचारी हर दो महीने में रीडिंग लेने आता है। उस रीडिंग के हिसाब से बिल का उपभोक्ता भुगतान कर रहे हैं।
चार माह में एक लाख घरों में पहुंचाने का लक्ष्य
राजस्थान स्टेट गैस लिमिटेड के डीजीएम आनंद कुमार गर्ग का कहना है कि शहर में शुरुआत में काम धीमी गति से हुआ था। लेकिन अब काम तेजी से किया जा रहा है। इंद्र विहार व स्टेशन के माला रोड समेत कई जगह पर लाइनें डाल दी गई हैं। वहां जल्दी ही कनेक् शन घरों से कर दिए जाएंगे। स्मार्ट सिटी योजना के तहत अधिक से अधिक घरों तक यह सुविधा देनी है। यह सुरक्षित व सस्ती भी है। आने वाले समय में इस काम में तेजी लाई जाएग़ी। वर्तमान में करीब 40 हजार से अधिक घरों तक यह गैस पहुंचाई जा रही है। मार्च 2025 तक करीब एक लाख घरों तक गैस सप्लाई पहुंचाने का लक्ष्य है।
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