स्पीड ब्रेकर दे रहे जख्म, झटकों से डिस्क हो रही स्लिप
बेतरतीब डिवाडर गर्दन से कमर तक दे रहे दर्द
वाहनों का मेटिनेंस बढ़ाने के साथ दुर्घटनाओं का बन रहा खतरा ।
कोटा। शहर की सड़कों पर बने बेतरतीब स्पीड बे्रकर वाहनों की गति रोकने की जगह जख्म दे रहे हैं। जगह-जगह प्लास्टिक के स्पीड बे्रकर वाहन चालकों के लिए मुसीबत बन गए हैं। इनमें से कई ब्रेकर तो टूटें हुए हैं। ऐसे में यहां से गुजरते वक्त वाहन चालकों को तेज झटके लगते हैं। जिससे लोग स्लिप डिस्क के शिकार हो गए हैं। हालात यह हैं, वाहन चालकों में गर्दन से लेकर कमर तक दर्द तक की समस्या होने लगी है। इतना ही नहीं, बेतरतीब स्पीड ब्रेकर न केवल वाहनों का मेंटिनेंस बढ़ा रहे बल्कि सर्वाइकल बीमारी की ओर भी धकेल रहे हैं। कमोबेश शहर के हर प्रमुख चौराहों पर इसी तरह के हालात बने हुए हैं।
एक साथ पांच स्पीड ब्रेकर, बिगाड़ रहा संतुलन
गुमानपुरा फ्लाईओवर पर 4 से 5 स्पीड ब्रेकर बने हुए हैं। वहीं, सीएडी से दादाबाड़ी लिंक रोड पर भी इसी तरह के प्लास्टिक के जानलेवा स्पीड ब्रेकर लगे हुए हैं, जो वाहन चालकों के लिए मुसीबत बने हुए हैं। इन ब्रेकरों से वाहनों के गुजरने के दौरान स्लीप हो जाते हैं, वहीं कुछ जगहों पर तो यह प्लास्टिक के ब्रेकर जगह-जगह से टूटे हुए हैं, जिनमें कीलें निकल रही है। इससे वाहनों के पंक्चर होने के साथ बाइक फिसलने से वाहन चालकों के चोटिल होने का खतरा बना रहता है।
हो रही स्लिप डिस्क व स्पाइनल इंजरी की समस्या
शहर में बने स्पीड ब्रेकर सीघे खड़े वाहनों को झटका देकर उछाल देते है,जिससे वाहन चालक की कमर पर जोर पड़ता है। इन झटकों से वाहन चालको को स्लिपडिस्क,गर्दन में खिचांव,स्पाइन इंजुरी,सर्वाइकल स्पॉडेलाइटिस की समस्या तक पैदा हो रही है। मेरी माताजी को स्पीड ब्रेकर की वजह से ही कमर दर्द हो गया है। इन खतरनाक स्पीड ब्रेकरों को हटा देना चाहिए।
- विशाल पोरवाल, निवासी कोटरी
वाहन चालक हो रहे परेशान
स्पीड ब्रेकर सबसे ज्यादा शहर की कॉलोनियों, मोहल्लों व बस्तियों की सड़ाकोें में लोगों ने बना रखे है। शहर की कुछ कॉलोनियों में तो थोड़ी थोड़ी दुरी पर ही मनचाहे स्पीड ब्रेकर बना लिए गए है। जो वाहनों को जलने ही नहीं देते है। कई बार तो वाहन बीच रास्ते में ही बंद हो जाते है। यह ब्रेकर वाहनों को समय से पहले खराब कर रहे है वाहनों के शॉकप,वाहनो की बॉडी में खराबी आ रही है। बार बार ब्रेक लगाने,गेयर बदलने से पेट्रोल की खपत भी हो रही है।
- ललित कुशवाह, निवासी बोरखेड़ा
बढ़ रहे कमर दर्द के रोगी
अस्पताल की ओपीडी प्रतिदिन 200 से 300 के आसपास रहती है जिसमें कमर दर्द के 25 से 30 और कभी कभी सर्वाइकल के मरीज भी आते है। लेकिन कह नहीं सकते कि इन का कारण शहर में बने स्पीड ब्रेकर या सड़क के गडेृं है।
- डॉ. सचिन जोशी, अस्थिरोग विशेषज्ञ, एमबीएस अस्पताल
इनका कहना है
यह ब्रेकर वाहन चालकों की सुरक्षा को देखते हुए ही लगाए गए है। हमारा और अधिकारीयों का एक ही उद्धेश्य है की शहर के वाहन चालक कम स्पीड मे चलें जिससे एक्सीडेंट कम से कम हो,अगर शहर वासियों को बने स्पीड ब्रेकर से कोई समस्या आ रही है तो उसका समाधान भी किया जाएगा।
- पूरण सिंह, यातायात पुलिस निरीक्षक
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