अभेड़ा महल चमका, जीवंत हुआ राजसी वैभव

नवज्योति इम्पैक्ट : रानी महल की दीवारें अब भी बदरंग, रंग-रोगन की दरकार

अभेड़ा महल चमका, जीवंत हुआ राजसी वैभव

झूले लगे, पार्क में लौटी बच्चों की रौनक।

कोटा। कला, संस्कृति और प्रकृति के अनूठे संगम के बीच चंबल की गोद में बसा अभेड़ा महल का राजसी वैभव फिर से जीवंत हो उठा है।  महल का कलात्मक स्वरूप और एतिहासिक धरोहर  नवज्योति के प्रयासों से चमक उठी है। महल की दीवारों पर राजसी वैभव, युद्ध नजारे, जंग के मैदान में दौड़ते घोड़े-हाथी और भाले लेकर चल रहे सैनिकों का पराक्रम से रुबरू कराती चित्रकारिता में झलकता कोटा का गौरवशाली इतिहास पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। करीब 18 साल बाद फिर से अपने मूल स्वरूप में लौटा अभेड़ा महल को देख पर्यटक आनंदित हो रहे हैं। दरअसल, ऐतिहासिक धरोहर अभेड़ा महल की दुर्दशा को लेकर दैनिक नवज्योति ने लगातार खबरें प्रकाशित कर केडीए का ध्यान सौंदर्यीकरण की ओर आकर्षित किया था। इसके बाद केडीए प्रशासन ने न केवल महल का सौंदर्यीकरण करवाया बल्कि बरसों से टूटे झूले भी लगवा दिए। लेकिन, रानी महल में बूंदी शैली की कलात्मक पेंटिंग अशोभनीय कमेंट्स से घिरी हुई है, जो परिवार के साथ आने वाले पर्यटकों को शर्मसार कर रही है। इस ओर भी ध्यान देने की जरूरत है। 

महल के आंगन में लौटी रौनक
अभेड़ा महल में रविवार को बड़ी संख्या में पर्यटक परिवार संग घूमने आए। महल का आंगन वर्षों बाद बच्चों से गुलजार रहा। यहां लगे झूलों पर बच्चों की भीड़ लगी रही। उन्होंने सिलीप पट्टी व झूलों का लुफ्त उठाया। साथ ही परिसर में साफ-सफाई, गार्डन   में पौधों का मेंटिनेंस व बोटिंग पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहे। 

18 साल बाद चमका अभेड़ा महल
नेचर प्रमोटर एएच जैदी ने बताया कि केडीए ने साढ़े तीन करोड़ की लागत से वर्ष 2003 में अभेड़ा महल का जीर्णोंद्धार शुरू किया था, जो तीन साल बाद 2006 में पूरा हुआ। रिनोवेशन के तहत भवन की मरम्मत, रंग-रोशन, सुलभ कॉम्पलेक्स, मुगल गार्डन, रानी महल की मरम्मत व नक्काशी, झरोखे, तालाब, बाहरी दीवारों पर राज दरबार की सवारी जुलूस व राजसी वैभव को प्रदर्शित करती पेटिंग्स सहित कई कार्य करवाए थे। वहीं, बच्चों के लिए झूले भी लगवाए थे। करीब 18 साल बाद फिर से महल का सौंदर्यीकरण हुआ है। हालांकि, महल की दीवारों का रंग-रोगन बीच-बीच में होता रहा।

बिजली पोल पर रंग-रोगन, कनेक्शन चालू नहीं
बोरखेड़ा निवासी पर्यटक अजय कुशवाह, राकेश नामा, सुरेंद्र प्रजापति ने बताया कि महल के अंदर लगे बिजली के पोल पर रंग-रोगन तो कर दिया लेकिन कनेक्शन चालू नहीं है। शाम पांच बजे के बाद से अंधेरा होने लगता है लेकिन लाइटें चालू नहीं होती। वहीं, फाउंटेशन लगा हुआ है, जो अब तक चालू नहीं किया गया। हालांकि, झूले, महल का सौंदर्यीकरण होने से काफी अच्छा लगा। 

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रानी महल: दीवारों पर अशोभनीय कमेंट  
जैदी बताते हैं, नवज्योति के प्रयास रंग लाए हैं। केडीए द्वारा महल का सौंदर्यीकरण करवाया, जो तारीफे काबिल है लेकिन कुछ विकास कार्य अधूरे छोड़ दिए हैं, जिसे भी पूरे किए जाना जरूरी है। रानी महल में दीवारों पर राजसी वैभव को प्रदर्शित करते कलात्मक चित्रों पर लोगों ने अपने नाम और अभद्र कमेंट लिखकर खराब कर दिए हैं। जबकि, महल देखने आने वाले पर्यटकों से टिकट लिया जाता है लेकिन मॉनिटरिंग नहीं की जाती। जिसका फायदा प्रेमी युगल व अन्य शरारती तत्व उठाते हैं और दीवारों पर नाम व कमेंट लिख धरोहर को नुकसान पहुंचा रहे हैं। वहीं, परिवार के साथ आने वाले पर्यटकों को शर्मिंदगी महसूस करनी पड़ती है। 

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नवज्योति ने उठाया था मामला
अभेड़ा महल की दुर्दशा को लेकर दैनिक नवज्योति ने लगातार खबरें प्रकाशित की थी। शहर के पर्यावरणविद्, इतिहासकार, विरासत प्रेमियों व कलाकारों ने नवज्योति के माध्यम से केडीए, पर्यटन विभाग व जिला प्रशासन से ऐतिहासिक धरोहर के संरक्षण की मांग उठाई थी। नवज्योति के लगातार प्रयासोें के बाद अभेड़ा महल फिर से अपने गौरवशाली वैभव से चमक उठा है। उन्होंने दैनिक नवज्योति का लगातार प्रयास के लिए आभार जताया। 

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क्या बोले पर्यटक 
विस्तार योजना विज्ञान नगर निवासी शैलेंद्र आहुजा, पंकज चौहान, शाहबाज पठान, रिंकू आलम ने बताया कि पिछले साल अभेड़ा महल आए थे तब दीवारें व शाही दरबार की पेंटिग बदहाल थी। तालाब व कुंड कमल जड़ों से अटे हुए थे। काफी समय बाद  महल की तस्वीर बदली है। सौंदर्यीकरण होने से महल चमक उठा है। परिसर में भी साफ सफाई पहले से बेहतर हो गई।  केशवपुरा निवासी कैलाश साहू, लक्ष्मी कुमारी, सुचिता, उदयराज का कहना है, रानी महल के कमरों व तिबारियों में हो रही पेंटिंग्स पर लोगों ने अशोभनीय कमेंट लिखे हुए हैं, जो बहुत गलत है। कोटा-बूंदी शैली की पेंटिग्स व विरासत को खराब कर रहे हैं। परिवार के साथ जाते हैं, ऐसे में इन कमेंट्स को देख शर्मिंदगी महसूस होती है। केडीए प्रशासन को जल्द से जल्द दीवारों का रंग रोगन करवाकर हटाना चाहिए और खराब हो रही पेंटिंग्स को फिर से बनवाकर जीवंत करनी चाहिए।

रानी महल की दीवारें पान-गुटखों की पीक से लाल
विरासत प्रेमी रिंकेश अग्रवाल ने बताया कि अभेड़ा महल बहुत ही खूबसूरत है। यहां मॉनिटरिंग की कमी है। देखरेख के अभाव में रानी महल की दीवारें व झरोखों को पान-गुटखों की पीक से बदरंग हो रहे हैं। वहीं, शरारती तत्वों ने कोटा-बूंदी शैली की पेंटिंग्स खराब कर  दी है। केडीए प्रशासन को टिकट दर में बढ़ोतरी कर पर्याप्त गार्ड की व्यवस्था करनी चाहिए। साथ ही मॉनिटरिंग बढ़ानी चाहिए ताकि, शरारती तत्वों पर निगरानी रखी जा सके। 

सौंदर्यीकरण होने से महल फिर से चमक उठा है। रानी महल के अंदर की दीवारें व कोटा-बूंदी शैली की पेंटिंग्स पर लिखे कमेंट का मामला संज्ञान में आया है। जिसे तुरंत दुरुस्त करवाया जाएगा। 
- पंकज सिसोदिया, जेईएन केडीए 

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