चोरी के बाद फिर लगाई लोहे की रैलिंग

सीएडी रोड पर हरितिमा पट्टी की रैलिंग गायब, उसके सामने पार्क में लगाई नई रैलिंग

चोरी के बाद फिर लगाई लोहे की रैलिंग

जानकारों का कहना है कि चोर व नशा करने वाले तो रोड लाइटों व बिजली के खम्बों तक को नहीं छोड़ रहे।

कोटा। शहर में एक तरफ तो चोर व नशा करने वाले आए दिन लोहे की रैलिंग चोरी कर रहे है। वहीं दूसरी तरफ इसकी जानकारी होने के बाद भी अधिकारी लाखों रुपए खर्च कर फिर से लोहे की रैलिंग लगा रहे है। नगर निगम व कोटा विकास प्राधिकरण की ओर से शहर में हजारों करोड़ रुपए खर्च कर विकास व सौन्दर्यीकरण के कार्य करवाए गए थे। वहीं अभी भी कार्य करवाए जा रहे है। शहर को सुंदर बनाने के लिए विकास के तहत कईजगह पर लहे की भारी भरकर  रैलिंग लत लगाई गई। ये रैलिंग कुछ दिन तक तो सही रही। लेकिन देखते ही देखते और धीरे-धीरे वे गायब होने लगी। वर्तमान में हालत यह है कि गली मौहल्लों में ही नहीं मेन रोड व चौराहों तक पर लगी रैलिंग को चोर व नशा करने वाले सरे आम चोरी कर ले जा रहे है लेकिन पुलिस और प्रशासन उनके खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई तक नहींकर पा रहा है। 

पार्क की चार दीवारी पर लगाई रैलिंग
वल्लभ नगर में सीएडी मैन रोड पर एक पार्क है जो लमबे समय से बदहाल हालत में पड़ा हुआ था। नगर निगम कोटा दक्षिण के वार्ड 60 के इस पार्क के बदहाल होने से कॉलोनी वासी इसका उपयोग तक नहीं कर पा रहे थे। यह पार्क मवेशियों का तबेला सा बनकर रह गया था। हालांकि मवेशियों को रोकने के लिए कॉलोनी के दोनों तरफ गेट लगा दिए। वहीं पार्क कीदशा भी सुधारी जा रही है। नगर निगम कोटा दक्षिण वार्ड 60 के भाजपा पार्षद सुरेन्द्र राठौर ने बताया कि कोटा विकास प्राधिकरण की ओर से करीब 20 लाख रुपए खर्च कर पार्क की दशा सुधारी जा रही है। इसकी चार दीवारी ऊंची की गई। उस पर लोहे की रैलिंग लगाई गई है।साथ ही पार्क के अंदर लोगों के घूमने के लिए ट्रेक बनाया है और पार्क में घास लगाने के लिए मिट्टी डालने का काम किया जा रहा है। पार्षद राठौर ने बताया कि उन्होंने अधिकारियों को सुझाव दिया था कि चार दीवारी को ऊंचा करने के बाद इस पर लोहे की रैलिंग की जगह सीमेंट की जालियां या धौलपुर पत्थर की रैलिंग लगाई जाए। लेकिन उसके बाद भी अधिकारियों ने लोहे की ही रैलिंग लगाई है। 

पार्क के सामने हरितिमा पट्टी की रैलिंग गायब
सड़क के एक तरफ तो लाखों रुपए खर्च कर पार्क की  चार दीवारी पर लोहे की रैलिंग लगाई गई है। जबकि उसके सामने सड़क के दूसरी तरफ हरितिमा पट्टी पर पूर्व में लगी लोहे की रैलिंग थोड़ी-थोड़ी कर गायब हो रही है। शुरुआत मेंयह कम गायब हुई थी लेकिन अब यह बीच-बीच से काफी अधिक गायब हो गई है। जानकारों के अनुसार स्मैकची रैलिंग को काटकर उसे टुकड़ों में कबाड़ी को बेच देते है। जिससे उनकी पुड़िया का इंतजाम हो जाता है। लोहे की रैलिंग कीयह हालत सिर्फ एक ही जगह पर नहीं है। अदालत चौराहे से लेकर नयापुरा स्थित विवेकानंद चौराहे तक, साजीदेहड़ा नाले से लेकर दशहरा मैदान की  चार दीवारी तक लोहे की रैलिंग के यही हाल है। इससे पहले भी  स्मैकची तालाब की पाल की रैलिंग चोरी कर बेच चुके हैं। 

रोड लाइट व खम्भे तक नहीं छोड़ रहे
जानकारों का कहना है कि चोर व नशा करने वाले तो रोड लाइटों व बिजली के खम्बों तक को नहीं छोड़ रहे। उन्हें तक चोरी कर ले जा रहे है। ऐसे में अधिकारियों को चाहिए कि लोहे की जगह पर अधिकतर पत्थर का उपयोग किया जाए। लोहे की रैलिंग लगाना तो लाखों रुपए पानेी में बहाना है और जनता के धन की बर्बादी करना है। 

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