यूपीएचसी चांदपोल व मदेरणा कॉलोनी नेशनल क्वालिटी सर्टिफाइड अस्पताल बने

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए राष्ट्रीय गुणवत्ता कार्यक्रम चलाया जा रहा

यूपीएचसी चांदपोल व मदेरणा कॉलोनी नेशनल क्वालिटी सर्टिफाइड अस्पताल बने

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से समस्त नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हो इसके लिए विभिन्न प्रकार की जन कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही है

जोधपुर। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से समस्त नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हो इसके लिए विभिन्न प्रकार की जन कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही है। इसमें महत्वपूर्ण है राजकीय चिकित्सा संस्थानों में दी जाने वाली चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए राष्ट्रीय गुणवत्ता कार्यक्रम चलाया जा रहा है। अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (पक) डॉ. रामनिवास सेंवर ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जोधपुर अर्बन के चिंहित स्वास्थ्य केंद्रों का जिला, राज्य एवं राष्ट्रीय टीमों द्वारा राष्ट्रीय गुणवत्ता कार्यक्रम के अंतर्गत असेसमेंट किया गया। उन्होंने बताया कि इसी के तहत जोधपुर शहर के आयुष्मान आरोग्य मंदिर (यूपीएचसी) चांदपोल व मदेरणा कॉलोनी नेशनल सर्टिफाइड बनी है। 

नेशनल क्वालिटी असेसमेंट प्रोग्राम के जिला नोडल एवं अतिरिक्त सीएमएचओ (पक) डॉ. रामनिवास सेंवर ने बताया कि शहरी क्षेत्र के स्वास्थ्य केंद्रों पर हुए राष्ट्रीय गुणवत्ता कार्यक्रम असेसमेंट जोधपुर के शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चांदपोल व मदेरणा कॉलोनी का राष्ट्रीय दल द्वारा गुणवत्ता कार्यक्रम के अंतर्गत असेसमेंट किया गया। इन अस्पताल में राष्ट्रीय गुणवत्ता मापदंडों के अनुरूप एक्सट्रेनल असेसमेंट के प्रत्येक पहलू का बारीकी से निरीक्षण कर जायजा लिया गया। डॉ. सेंवर ने बताया कि चांदपोल का ओवर ऑल 93.05 व मदेरणा कॉलोनी का 91.82 प्रतिशत स्कोर के साथ जोधपुर को राष्ट्रीय क्वालिटी सर्टिफिकेशन के लिए योग्य माना गया। डॉ. सेंवर ने बताया कि नेशनल सर्टिफाइड होने से इन अस्पतालो को प्रतिवर्ष दो लाख रुपए का अतिरिक्त बजट आगामी तीन साल तक मिलेगा, जिसमे से 25 फीसदी अस्पताल स्टाफ को प्रोत्साहन के रूप में मिलेगा। 

उन्होंने बताया कि जोधपुर के अन्य स्वास्थ्य केंद्रों को नेशनल सर्टिफाइड करवाने की कवायद की जा रही है। इस दौरान यूएनएफपीए कोऑर्डिनेटर डॉ गिरीश माथुर, डॉ नरेश दायमा, डॉ अशोक बिश्नोई सहित क्वालिटी सेल मेंबर की मुख्य भूमिका रही।

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