बिजली का बिल मार रहा करंट, सौर ऊर्जा से रोशन होंगी शहर की रोड लाइटें
200 लाइटों से होगी पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत
सूत्रों के अनुसार वर्तमान में कोटा शहर में संचालित रोड लाइटों से सालाना करीब 20 करोड़ रुपए का बिजली का बिल आ रहा है।
कोटा। शहर में एक ओर जहां सरकारी व निजी भवनों पर सोलर सिस्टम लगाकर सौर उर्जा से बिजली का उपयोग किया जा रहा है। वहीं अब आने वाले समय में शीघ्र ही शहर की रोड लाइटें भी सौर ऊर्जा से रोशन होंगी। जिसकी शुरुआत नगर निगम कोटा उत्तर क्षेत्र से की जाएगी। शहर में वर्तमान में नगर निगम कोटा उत्तर, कोटा दक्षिण और कोटा विकास प्राधिकरण की ओर से रोड लाइटों का संचालन किया जा रहा है। डिवाइडर साइड की लाइटें केडीए द्वारा संचालित की जा रही है। जबकि वार्डों में रोड लाइटों का संचालन नगर निगम के माध्यम से किया जा रहा है। शहर में नगर निगम व केडीए की करीब 80 हजार रोड लाइटें लगी हुई है। जिनमें से केडीए की अधिकतर लाइटें डेकोरेटिव हैं। जिन्हें पिछली कांग्रेस सरकार के समय में तत्कालीन नगर विकास न्यास के माध्यम से लगाया गया था। हालांकि वे सभी लाइटें काफी महंगी है। शहर में रोड लाइटों को सौर ऊर्जा से चलाने का प्रयोग सबसे पहले नगर निगम कोटा उत्तर द्वारा किया जाएगा। नगर निगम कोटा उत्तर के एक्सईएन(विद्युत) सचिन यादव ने बताया कि वर्तमान में जो रोड लाइटें लगी हुई है। उनसे बिजली का बिल काफी अधिक आ रही है। साथ ही उनके आए दिन खराब व बंद होने समेत कई समस्याएं रहती है। ऐसे में बिजली काबिल कम करने व सौर ऊर्जा का अधिक से अधिक उपयोग करने के लिए नगर निगम कोटा उत्तर द्वारा अपने क्षेत्र में सोलर लाइटें लगाने की योजना है।
200 लाइटों से होगी पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत
एक्सईन यादव ने बताया कि योजना की शुरुआत पायलट प्रजोक्ट के तौर पर 200 लाइटों से की जाएगी। यदि यह योजना सफल हो गई तो उसे शेष सभी जगह पर उपयोग में किया जाएगा। इसके लिए टेंडर की प्रक्रिया चल रही है।
फिलहाल केडीए की ऐसी योजना नहीं
इधर केडीए के सहायक अभियंता(विद्युत) ललित कुमार ने बताया कि केडीए की फिलहाल ऐसी कोई योजना नहीं है। जिसमें रोड लाइटों को सौर ऊर्जा से संचालित किया जाए। केडीए ने कुछ समय पहले ही शहर में डेकोरेटिव लाइटें लगाई है।
कोटा दक्षिण में भी किया जाएगा प्रयोग
यादव ने बताया कि सौर ऊर्जा से रोड लाइटों के संचालन का प्रयोग कोटा दक्षिण निगम में भी किया जाएगा। हालांकि अभी इसकी कार्ययोजना तैयार की जा रही है। कोटा उत्तर में यह सफल होने के बाद उसे पूरे निगम क्षेत्र में लागू किया जाएगा। इस प्रयोग से बिजली का बिल तो कम होगा ही। साथ ही इसके लिए न तो नए खम्बे लगाने की जरूरत रहेगी और न ही तार बिछाने की। वर्तमान में खम्बों पर जो लाइटें लगी हुई हैं उन्हेंहटाकर सौर ऊर्जा से संचालित होने वाली लाइटों को लगा दिया जाएगा। सूत्रों के अनुसार वर्तमान में कोटा शहर में संचालित रोड लाइटों से सालाना करीब 20करोड़ रुपए का बिजली का बिल आ रहा है। सौर ऊर्जा की लाइटों का उपयोग होने के बाद इसमें काफी कमी आएगी।
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