टोल के ठेकों में स्कैम रोकेगा फास्टैग, फर्जी ट्रैफिक से नहीं हो सकेंगे फर्जीवाड़े

ऐसे में सर्वे में गड़बड़ी नहीं हो सकेगी

टोल के ठेकों में स्कैम रोकेगा फास्टैग, फर्जी ट्रैफिक से नहीं हो सकेंगे फर्जीवाड़े

टोल प्लाजाओं पर फास्टैग शुरू होने से आमजन को टोल टैक्स देने में कैश पैमेंट नहीं करना होगा, वहीं समय की भी बचत होगी क्योंकि कैश पैमेंट के सिस्टम के चलते यहां वाहनों की लंबी कतारें लग जाया करती थी।

जयपुर। राजस्थान में स्टेट हाईवे पर फास्टैग के जरिए राजस्थान सरकार टोल प्लाजा के टेंडरों में फर्जीवाड़ा रोकने की तैयारी कर रही है। फास्टैग के माध्यम से हर साल आने वाले ट्रैफिक का पता लग जाएगा, ऐसे में सर्वे में गड़बड़ी नहीं हो सकेगी। बीते सालों में प्रदेश में हुए टोल प्लाजों पर टेंडरों में सर्वे कंपनियों से मिलीभगत कर फर्जी ट्रैफिक दिखाकर ठेकेदारों की मोनोपॉली और राजस्व में करोड़ों का चूना लगाने की ढेरों शिकायतें डिप्टी सीएम दिया कुमारी के पास पहुंची थी। वर्तमान में प्रदेशभर के 186 में से 172 टोल प्लाजाओं पर फास्टैग लागू हो चुका है। शेष 8 टोल नाकों पर भी अगले सप्ताह में यह सिस्टम शुरू हो जाएगा। नेशनल हाईवे की तरह प्रदेश में टोल प्लाजाओं पर फास्टैग शुरू होने से आमजन को टोल टैक्स देने में कैश पैमेंट नहीं करना होगा, वहीं समय की भी बचत होगी क्योंकि कैश पैमेंट के सिस्टम के चलते यहां वाहनों की लंबी कतारें लग जाया करती थी।

फास्टैग से यूं आएगी टेंडरों में पारदर्शिता
- अभी टोल प्लाजाओं के टेंडर सिस्टम और यूं लगता है राजस्व को चूना: वर्तमान में प्रदेश में स्टेट हाईवे पर टोल के टेंडरों के लिए कंपनियों से सर्वे कराया जाता है। सर्वे में आने वाले ट्रैफिक के आंकलन से टोल के टेंडर की राशि तय होती है। सर्वे के दौरान कंपनियों से मिलीभगत कर टोल पर काम कर रहे ठेकेदार कई गुना ज्यादा फर्जी ट्रैफिक दिखाते हैं। इससे टेंडर की राशि कई गुना ज्यादा बढ़ जाती है। कोई दूसरा ठेकेदार टेंडर लेने आता ही नहीं है और पुराने ठेकेदार को ही कंटीन्यू कर दिया जाता है। सरकार को करोड़ों रुपए का राजस्व नुकसान होता है। ठेकेदार की मौज हो जाती है। 

- रुकेगी राजस्व की छीजत, नए ठेकेदारों को मौका मिलेगा: हाईवे पर गुजरने वाले वाहनों के फास्टैग से टोल कटेगा। सरकार के पास हर हाईवे से गुजरने वाले वाहनों की संख्या, उनसे वसूल होने वाले टोल टैक्स का पता लग जाएगा। ऐसे में सर्वे कंपनी ने टेंडर के वक्त गड़बड़ की तो उसका खुलासा हो जाएगा। टेंडर की वास्तविक दरें तय हो सकेगी। सरकार को राजस्व की छीजत रुकेगी, ज्यादा राजस्व मिल सकेगा। नए ठेकेदारों को मौका मिलने से पुरानों की मोनोपॉली खत्म होगी।

फास्टैग सेवाएं शुरू होने से जनता के समय की बचत होगी। राजस्व की छीजत रूकेगी। हाईवे पर वास्तविक ट्रेफिक का आंकलन स्वत: ही हो जाएगा। टेंडर के वक्त भी यह काम आएगा।
- प्रवीण गुप्ता, प्रमुख शासन सचिव, पीडब्ल्यूडी

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