वेतन लाखों रुपए, काली कमाई जमकर, पदों को कर रहे कलंकित, प्रदेश में महज दस माह में दुगुने हो गए घूसखोर, सिस्टम को कर रहे खोखला
रंगे हाथ पकड़े गए घूसखोरों की संख्या में आई कमी
प्रदेश में सरकारी खजाने से लाखों रुपए की तनख्वाह उठाने वाले अफसरों ने घूसखोरी से करोड़ों रुपए का काला धन इकट्ठा कर लिया
जयपुर। प्रदेश में सरकारी खजाने से लाखों रुपए की तनख्वाह उठाने वाले अफसरों ने घूसखोरी से करोड़ों रुपए का काला धन इकट्ठा कर लिया। किसी ने अपने शौक पूरे करने के लिए लग्जरी गाड़ियां खरीदीं तो किसी ने विदेश यात्राओं में जिंदगी के मजे लूटे। काली कमाई करने वालों में निरीक्षक से लेकर आईएएस-आईपीएस तक शामिल रहे। यह खुलासा भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की दस माह की रिपोर्ट में हुआ है। एसीबी ने पिछले वर्ष के मुकाबले 2024 में अपनी वैध सम्पत्ति के अलावा करोड़ों रुपए की काली कमाई इकट्ठी की। इसके अलावा काला धन कमाने के लिए पद को भी कलंकित करने से बाज नहीं आए। एसीबी ने 2023 की अपेक्षा 2024 में आय से अधिक और पद का दुरुपयोग करने वाले दुगुने अधिकारियों और कर्मचारियों को दबोचा।
संभागीय आयुक्त कोटा संभाग (आईएएस) राजेन्द्र विजय के जयपुर, कोटा एवं दौसा के चार ठिकानोें पर दबिश देकर 13 आवासीय व व्यावसायिक भूखण्डों के दस्तावेज, टोंक रोड पर आलीशान मकान एवं जूडियो व्यावसायिक शोरूम नम्बर 7, ग्राउण्ड फ्लोर, जीटी गलेरिया, ब्लॉक-बी अशोक मार्ग सी-स्कीम), 2 लाख 22 हजार नकद, 335 ग्राम सोने के जेवर, 11 किलो 800 ग्राम चांदी के जेवर एवं 3 चार पहिया वाहन और 16 बैंक खाते मिले।
राजकॉम्प इन्फ्रा सर्विस लिमिटेड योजना भवन जयपुर के महाप्रबंधक तकनीकी छत्रपाल सिंह के जयपुर, हनुमानगढ़ एवं गाजियाबाद यूपी में 10 ठिकानोें पर दबिश दी। यहां से एयर अपार्टमेंट श्याम नगर सब्जी मण्डी के पास दो फ्लैट, महादेव नगर सोडाला में एक मकान, करोड़ों रुपए कीमत के पांच चौपहिया मंहगे वाहन,छह लाख नकद, बीमा पॉलिसी, एक बैंक लॉकर व खाते मिले।
सिरोही के मोटर वाहन निरीक्षक सुरेन्द्र सिंह चौहान के छह ठिकानों पर दबिश देकर पांच आवासीय व व्यावसायिक भूखण्डों के दस्तावेज (जिनमें मालपुरा टोंक में करीब 48 लाख रुपए कीमत की आठ बीघा कृष्णि भूमि, अम्बाबाड़ी शॉपिंग सेंटर में पांच मंजिला व्यावसायिक परिसर प्रमुख हैं), करीब 6 लाख रुपये मूल्य के 30 किसान विकास पत्र, एफडीआर, लगभग 5.50 लाख रुपए कीमत के जेवर, एक बैंक लॉकर एवं 9 बैंक खाते तथा विदेश यात्राओं से संबंधित दस्तावेज मिले।
सांचोर, सुमेरपुर, पाली जोधपुर और जयपुर में सहायक प्रशासनिक अधिकारी एवं कार्यवाहक आयुक्त नगर परिषद सांचौर योगेश आचार्य नौ ठिकानों पर दबिश देकर 22 लाख रुपए से अधिक नकद राशि, सात आवासीय व व्यावसायिक भूखण्डों के दस्तावेज, 4 लक्जरी वाहन, 40 से अधिक मंहगी ब्राण्डेड घड़ियां, एक गोल्ड प्लेटेड मोबाइल फोन एवं सोने चांदी के जेवर मिले। एक बैंक लॉकर एवं अनेक बैंक खाते भी मिले।
तीन तरह से कार्रवाई करती है एसीबी
ट्रैप
किसी व्यक्ति से कोई अधिकारी घूस लेता है, उसे रंगेहाथो एसीबी पकड़ती है तो इसे ट्रैप कहा जाता है।
पद दुरुपयोग
कोई अधिकारी या कर्मचारी अपने पद पर रहते हुए गलत कार्य करता है तो वह दुरुपयोग माना जाता है।
अधिक संपत्ति
कोई अधिकारी या कर्मचारी अपनी तय तनख्वाह से अधिक घूस लेकर संपत्ति इकट्ठी करता है।
प्रदेश में घूसखोरों को ट्रैप करवाने के लिए पीड़ित खुद एसीबी के पास आते हैं जबकि आय से अधिक सम्पत्ति और पद के दुरुपयोग में एसीबी खुद प्रोएक्टिव होकर कार्रवाई करती है। एसीबी टीमों को फील्ड में रहकर इनपुट डवलप कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
डॉ. रवि प्रकाश मेहरड़ा, एसीबी डीजी
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