जनवरी के पहले पखवाड़े में कांग्रेस में प्रभारी पद से लेकर प्रदेश-जिला स्तर तक नजर आएंगे बदलाव
इस महीने प्रभारी-सहप्रभारी प्रदेश दौरा कर तैयार कर लेंगे फीडबैक रिपोर्ट
राजस्थान में कांग्रेस के प्रदेश सह प्रभारी चिरंजीव राव, ऋत्विक मकवाना और पूनम पासवान अगले सप्ताह राजस्थान का दौरा करने आएंगे।
जयपुर। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के संगठन में ऊपर से नीचे तक बदलाव के बयान के बाद राजस्थान में भी ऊपर से नीचे तक बदलाव की कवायद अगले सप्ताह से शुरू हो जाएगी। प्रदेश के तीनों सह प्रभारी राजस्थान का दौरा कर सभी जिलों में नेताओं-कार्यकर्ताओं से संवाद कर फीडबैक रिपोर्ट तैयार करेंगे। आलाकमान के बड़े नेताओं की इस महीने संसद और सीडब्ल्यूसी बैठक में व्यस्तता के चलते जनवरी के पहले पखवाड़े में संगठन में बड़ा बदलाव नजर आ सकता है। कांग्रेस ने सभी प्रदेशों में प्रदेश स्तर से लेकर बूथ स्तर तक निष्क्रिय पदाधिकारियों को हटाकर सक्रिय और ऊर्जावान नेताओं को आगे लाने की कवायद शुरू की है। राजस्थान में कांग्रेस के प्रदेश सह प्रभारी चिरंजीव राव, ऋत्विक मकवाना और पूनम पासवान अगले सप्ताह राजस्थान का दौरा करने आएंगे। तीनों सह प्रभारी अपने अपने प्रभार वाले जिलों में जाकर कांग्रेस के जिला और ब्लॉक पदाधिकारियों के साथ बैठकें करेंगे। बैठक में कांग्रेस की सक्रिय और निष्क्रिय पदाधिकारियों और संगठनात्मक गतिविधियों पर विस्तार से चर्चा कर रिपोर्ट तैयार करेंगे। इस महीने में प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा और तीनों सह प्रभारी मौजूदा पार्टी संगठन की गतिविधियों और निष्क्रिय पदाधिकारियों का फीडबैक लेकर तैयार रिपोर्ट आलाकमान तक पहुंचाएंगे।
इस रिपोर्ट पर पीसीसी चीफ गोविन्द सिंह डोटासरा और अन्य वरिष्ठ नेताओं से चर्चा कर बदलाव के निर्णय लिए जाएंगे। सिफारिशी पदाधिकारियों के पर कतरना आसान नहीं: राजस्थान कांग्रेस में बदलाव की बातें पहले भी कई बार चली हैं, लेकिन यहां सिफारिश पर पदाधिकारी बने नेताओं के पर कतरना कभी आसान नहीं रहा। सभी दिग्गज नेता अपना वर्चस्व बनाए रखने के लिए अपने समर्थकों को अधिक से अधिक संख्या में पदों पर बिठाने की जुगत में रहते हैं। निष्क्रिय होने के बावजूद प्रदेश से लेकर जिला-ब्लॉक स्तर पर कई पदाधिकारी जिम्मेदारी निभाने की जगह बरसों से बोझ बने हुए हैं, लेकिन सिफारिशी नेताओं की वजह से उनका पद नहीं छिनता। कांग्रेस बदलाव के लिए कामराज फॉर्मूले की बात उदयपुर अधिवेशन से ही कर रही है, लेकिन इसे धरातल पर लागू कर पाने में सफल नहीं हो पाई है।
सक्रिय कार्यकर्ताओं को मिलेंगे पद
सहप्रभारी अपनी रिपोर्ट भले ही इस महीने पेश कर दें, लेकिन आलाकमान बदलाव का फैसला संभवत: इस महीने नहीं कर पाएगा। आलाकमान से जुड़े बड़े नेता 20 दिसम्बर तक संसद के सत्रों में व्यस्त रहेंगे। वहीं, 26 दिसम्बर को बेलगांव में होने वाली सीडब्ल्यूसी बैठक में व्यस्त रहने के बाद अधिकांश नेता नववर्ष की छुट्टियों के माहौल में नजर आएंगे। सूत्रों के अनुसार जनवरी के पहले पखवाड़े में पीसीसी चीफ गोविन्द सिंह डोटासरा, पूर्व सीएम अशोक गहलोत, कांग्रेस महासचिव सचिन पायलट जैसे नेताओं से चर्चा के बाद प्रदेश कांग्रेस संगठन में बदलाव के निर्णयों पर मुहर लगेगी। इस दौरान प्रदेश प्रभारी के पद को लेकर भी निर्णय हो सकता है।
Comment List