उपचुनाव परिणामों से कांग्रेस की सियासत में बदलाव के संकेत, सचिन पायलट का बढ़ सकता है कद
पायलट के प्रभाव क्षेत्र में भाजपा की सेंधमारी भी रही है
पीसीसी चीफ गोविन्द डोटासरा के कद पर भी इन परिणामों का असर नजर आएगा। झुंझुनूं सीट शेखावाटी क्षेत्र की सीटों में कांग्रेस की अजेय सीट मानी जाती है।
जयपुर। राजस्थान विधानसभा उपचुनाव के आए परिणामों से राजस्थान कांग्रेस की सियासत में बदलाव के संकेत नजर आने लगे हैं। आगामी दिनों में कांग्रेस में बड़े नेताओं की प्रतिष्ठा में सचिन पायलट का कद बढ़ेगा और डोटासरा के कद में गिरावट नजर आ सकती है। दौसा सीट जीतकर कांग्रेस में सचिन पायलट की प्रतिष्ठा बढ़ेगी, लेकिन देवली उनियारा सीट पर बागी नरेश मीणा के चलते पायलट के प्रभाव क्षेत्र में भाजपा की सेंधमारी भी रही है।
पीसीसी चीफ गोविन्द डोटासरा के कद पर भी इन परिणामों का असर नजर आएगा। झुंझुनूं सीट शेखावाटी क्षेत्र की सीटों में कांग्रेस की अजेय सीट मानी जाती है, लेकिन यह सीट भाजपा के ले जाने से डोटासरा की साख पर असर आएगा। आरएलपी और बीएपी से गठबंधन नहीं करने में डोटासरा की अहम जिम्मेदारी रही। ऐसे में बिना गठबंधन के चुनाव लड़ने की कांग्रेस की रणनीति फेल साबित हुई। बीएपी ने चौरासी और भाजपा ने सलूम्बर में मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई, तो खींवसर में भाजपा ने जीत दर्ज कर कांग्रेस और आरएलपी दोनों को पीछे छोड़ दिया।
रामगढ़ सीट पर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली और पूर्व केंद्रीय मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह की प्रतिष्ठा भी जुड़ी हुई थी। रामगढ सीट पर भाजपा को कांग्रेस एकतरफा टक्कर नहीं दे पाई। इन चुनाव परिणामों की समीक्षा के बाद कांग्रेस राजस्थान में कई बड़े बदलाव कर सकती है। परिणामों की समीक्षा के बाद यंहा प्रदेशाध्यक्ष बदलने की कवायद भी की जा सकती है। साथ ही पायलट, डोटासरा, जूली जैसे नेताओं के कद भी नए सिरे से तय होंगे।
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