नवाचार और डिजिटलाइजेशन से बदलता राजस्थान का शिक्षा परिदृश्य
स्कूल ड्रॉपआउट रेट में कमी और परीक्षा परिणामों में सुधार
भारत सरकार की पहल पर नवीन शिक्षा नीति 2020 के लागू होने के बाद राजस्थान में शिक्षा के क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव देखने को मिले हैं।
जयपुर। राजस्थान जो कभी अपनी पारंपरिक संस्कृति और ऐतिहासिक धरोहरों के लिए जाना जाता था। अब शिक्षा क्षेत्र में तेजी से नवाचार और डिजिटल प्रौद्योगिकी को अपनाने में अग्रसर है। भारत सरकार की पहल पर नवीन शिक्षा नीति 2020 के लागू होने के बाद राजस्थान में शिक्षा के क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव देखने को मिले हैं। नवाचार और सुधारों ने प्रदेश की शिक्षा प्रणाली को एक नई दिशा दी है। शिक्षा पद्धति को जो नए पंख लगे हैं, वह न केवल विद्यार्थियों के विकास में योगदान दे रहे हैं, बल्कि शैक्षणिक स्तर को भी उच्चतम मानकों तक पहुंचाने का कार्य भी कर रहे हैं। डिजिटल शिक्षा के आने के बाद तो राजस्थान की शिक्षा पद्धति का परिदृश्य ही बदल गया है।
बच्चों के सर्वांगीण विकास पर जोर
नवीन शिक्षा नीति 2020 के तहत शिक्षा के आधारभूत ढांचे में सुधार, डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा और बच्चों के सर्वांगीण विकास पर जोर दिया गया है। इसके परिणामस्वरूप, राजस्थान में न केवल विद्यार्थियों को बेहतर अवसर मिल रहे हैं, बल्कि प्रदेश की स्कूल शिक्षा और शैक्षणिक परिणामों में भी सुधार हुआ है। यह बदलाव शिक्षा के क्षेत्र में एक मील का पत्थर साबित हो रहा है, जहां हर बच्चे को समग्र रूप से शिक्षा और उनके सर्वांगीण विकास को प्राथमिकता दी जा रही है। अब राज्य में शिक्षा का स्तर तो बढ़ा ही है, मरूप्रदेश के विद्यार्थी अब पहले से ज्यादा आत्मनिर्भर, सशक्त और प्रतिस्पर्धी हो रहे हैं।
विवेकानंद स्कूल में प्राइमरी कक्षाएं
शिक्षा के स्तर को सुदृढ़ करने में प्राइमरी और प्री-प्राइमरी कक्षाओं का महत्वपूर्ण योगदान है। इसे ध्यान में रखते हुए राज्य के 134 स्वामी विवेकानंद सीबीएसई अंग्रेजी माध्यम मॉडल विद्यालयों में पहली बार कक्षा एक से पांच तक प्राइमरी कक्षाओं का संचालन प्रारंभ किया गया है। सत्र 2024-25 में प्राथमिक कक्षाओं का नामांकन 17,371 है।
402 पीएम श्री विद्यालयों में प्राइमरी कक्षाएं
प्रथम चरण के 402 पीएम श्री विद्यालयों में तीन वर्षीय प्री प्राइमरी कक्षाएं शुरू कर दी गयी हैं। इससे प्रारंभिक स्तर पर ही बच्चों की शिक्षा पद्धति को मजबूत करने का अहम प्रयास किया जा रहा है। कक्षा एक से आठ के विद्यार्थियों में पठन कौशल की प्रवाहशीलता एवं अवधारणाओं पर समझ विकसित करने के लिए प्रखर राजस्थान अभियान 9 सितंबर, 2024 से संचालित किया है।
इनका कहना है...
राजस्थान में डिजिटलाइजेशन और नवाचार की वजह से न केवल स्कूल ड्रॉपआउट रेट में कमी आई है, परीक्षा परिणामों में भी सुधार आया है। अब शिक्षा प्रणाली सशक्त होने से राजस्थान एक शैक्षणिक हब के रूप में स्थापित हो रहा है।
-मदन दिलावर, शिक्षामंत्री,
राज्य सरकार
सरकार, शिक्षा विभाग और दानदाताओं के सामूहिक प्रयास से राजस्थान प्रदेश न केवल अपने शिक्षा स्तर को सुधार रहा है, बल्कि भविष्य के लिए एक सशक्त पीढ़ी तैयार हो रही है।
- कृष्ण कुणाल, शासन सचिव, स्कूल शिक्षा विभाग्
Comment List