अपने लिए एक सुरक्षित ठिकाने की तलाश कर रही बाघिन आरवीटी-8 : 5 दिन से बूंदी शहर के नजदीक बना हुआ है मूवमेंट, वन विभाग की टीमें सतर्क

1501.8921 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला है अभयारण्य 

अपने लिए एक सुरक्षित ठिकाने की तलाश कर रही बाघिन आरवीटी-8 : 5 दिन से बूंदी शहर के नजदीक बना हुआ है मूवमेंट, वन विभाग की टीमें सतर्क

बाघिन का मूवमेंट बूंदी शहर के नजदीक होने के कारण कहीं कलदा के जंगल की ओर जाने का इरादा तो नहीं है।

हिंडोली/ बूंदी। बूंदी शहर के नजदीक गुरुवार को बाघिन आरवीटी-8 के मूवमेंट की सूचना मिलने के बाद से वन विभाग अलर्ट मोड पर आ गया है। वन विभाग की टीमें बाघिन को ट्रेंकुलाइज करने के लिए पूरी तरह चौकन्ने बने हुए हैं। वन विभाग के सूत्रों ने बताया कि मादा टाइगर का मूवमेंट पिछले 5 दिनों से बूंदी शहर की नजदीक बना हुआ है। जिससे लग रहा है कि मादा टाइगर अपना कहीं न कहीं अपना सुरक्षित ठिकाना ढूंढ रही है। 

जबकि रामगढ़ विषधारी वन्य जीव अभयारण्य बूंदी शहर से सटा हुआ है। रामगढ़ महल के अलावा दो प्राचीन एवं प्रसिद्ध मंदिर हैं। उत्तरी सीमा में विषधारी मंदिर और अभयारण्य क्षेत्र के उत्तर पश्चिम में रामेश्वर महादेव मंदिर स्थित है। रामगढ़ वन्य जीव अभयारण्य बाघों के प्रजनन के लिए नर्सरी के रूप में जाना जाता है। तो वहीं रणथंभौर टाइगर रिजर्व बाघों की आबादी बढ़ाने में सहायक है। रणथंभौर और मुकंदरा हिल टाइगर रिजर्व को जोड़ने का महत्वपूर्ण गलियारा है।

1501.8921 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला है अभयारण्य 
वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार रामगढ़ विषधारी अभयारण्य के दक्षिणी पूर्वी भाग के बूंदी जिले में स्थित है। 1501.8921 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला है। मेज नदी इसी जंगल के बीच में होकर गुजरती है। यह नदी अभयारण्य की जीवन रेखा है। यह साल भर पानी की उपलब्धता बनाए रखती है। जो शायद टाइगर को आकर्षित करती है। रामगढ़ विषधारी अभयारण्य के बूंदी शहर के नजदीक से टाइगर कालदा के जंगल होता हुआ भीमलत महादेव और बिजोलिया के जंगल होता हुआ टाइगर मुकंदरा हिल टाइगर रिजर्व के जंगल में पहुंच जाता है। यह गलियारा बहुत ही महत्वपूर्ण है। लेकिन कालदा के जंगल को भी वन विभाग टाइगर के लिए तैयार कर रहा है। लेकिन कालदा के जंगल में अभी ग्रामीणों का दखल होने के कारण इसको तैयार होने में कुछ और समय लगेगा । 

कहीं बाघिन का रुख कालदा की तरफ तो नहीं
बाघिन का मूवमेंट बूंदी शहर के नजदीक होने के कारण कहीं कलदा के जंगल की ओर जाने का इरादा तो नहीं है। इसके लिए टाइगर रिजर्व के रेंजर सुमित कनौजिया ने कहा कि कालदा का जंगल यहां से बहुत दूर है। बाघिन रणथंभौर टाइगर रिजर्व क्षेत्र से लाई गई है और वह शायद इस जंगल में सुरक्षित ठिकाना ढूंढने के लिए घूम रही है।  बाघिन की सुरक्षा में 24 घंटे के लिए तीन टीम में लगा रखी हैं। जहां उसका मूवमेंट मिलता है, तुरंत तीनों टीमें पहुंच कर उस पर निगरानी रखते हैं। 
-सुमित कनौजिया, रेंजर, टाइगर रिजर्व क्षेत्र, रामगढ़ विषधारी  

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