एजीटीएफ का बड़ा वार : तीन साल से फरार 20 हजार का इनामी ड्रग तस्कर गिरफ्तार, मार्बल मूर्तियों में छिपाकर होती थी तस्करी
एनसीबी की पुरानी कार्रवाई से जुड़ा है मामला
राजस्थान पुलिस की एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए अंतर्राष्ट्रीय मादक पदार्थ तस्करी के नेटवर्क से जुड़े और पिछले तीन साल से दिल्ली पुलिस को चकमा दे रहे 20,000 के इनामी बदमाश अजय सिंह शेखावत पुत्र अजीत सिंह निवासी लाडपुर तहसील खंडेला सीकर को जयपुर से डिटेन कर लिया है।
जयपुर। राजस्थान पुलिस की एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए अंतर्राष्ट्रीय मादक पदार्थ तस्करी के नेटवर्क से जुड़े और पिछले तीन साल से दिल्ली पुलिस को चकमा दे रहे 20,000 के इनामी बदमाश अजय सिंह शेखावत पुत्र अजीत सिंह निवासी लाडपुर तहसील खंडेला सीकर को जयपुर से डिटेन कर लिया है। अजय शेखावत एनडीपीएस एक्ट के एक मामले में गिरफ्तारी से बचने के लिए विद्याधर नगर थाना क्षेत्र में फरारी काट रहा था।
एजीटीएफ टीम ने किया डिटेन
अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस श्री दिनेश एमएन के निर्देशन में डीआईजी योगेश यादव के सुपरविजन और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सिद्धान्त शर्मा के नेतृत्व में एजीटीएफ की टीम को गैंगस्टरों और मादक पदार्थ तस्करों की निगरानी के लिए रवाना किया गया था। कांस्टेबल गोपाल धाबाई और विजय सिंह द्वारा जुटाई गई आसूचना के आधार पर इंस्पेक्टर रामसिंह नाथावत मय टीम ने इस 20 हजार के इनामी अपराधी अजय सिंह शेखावत को गुरुवार रात डिटेन किया। अजय शेखावत को विद्याधर नगर थाने को सुपुर्द कर दिया गया है और दिल्ली पुलिस को सूचित कर उनके आने पर आगे की कार्रवाई के लिए सुपुर्द किया गया।
मार्बल मूर्तियों में छिपाकर होती थी तस्करी
एडीजी एमएन ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी अजय सिंह शेखावत और उसके साथी मिलकर एक अनोखे तरीके से मादक पदार्थों की तस्करी करते थे। आरोपी पलसाना जिला सीकर में मार्बल की मूर्तियों में नशीले पदार्थ छुपाते थे, फिर इन्हें कुरियर के माध्यम से दिल्ली भेजते थे, जहां से इन्हें यूएसए और अन्य विदेशी देशों को सप्लाई किया जाता था। यह तस्कर 3 साल से अधिक समय से फरार चल रहा था।
एनसीबी की पुरानी कार्रवाई से जुड़ा है मामला
अजय शेखावत की गिरफ्तारी नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो दिल्ली ज़ोनल यूनिट की 13 जुलाई 2022 को की गई एक बड़ी कार्रवाई से जुड़ी है। एनसीबी ने उस समय कुरियर कम्पनी में एक संदिग्ध पार्सल की तलाशी ली थी। तलाशी में पार्सल के भीतर एक खोखला ग्रेनाइट मार्बल लैंप मिला। लैंप के अंदर रंगीन धागों में लिपटी हुई दवा की स्ट्रिप्स थीं। ये प्रतिबंधित अल्प्राजोलम टैबलेट्स थीं। गिनती करने पर कुल 13,770 टैबलेट्स बरामद हुईं, जिनका कुल वज़न अनुमानित 1.515 किलोग्राम था। यह खेप सीकर के राहुल कुमावत द्वारा यूएसए के दीपक पटेल को भेजी जा रही थी।

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