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चीन में फिर  कोरोना विस्फोट क्या संदेश लाया?

चीन में फिर  कोरोना विस्फोट क्या संदेश लाया? वायरस विशेषज्ञों का मानना है कि आगामी 90 दिन में चीन को 60 फीसदी जनसंख्या कोरोना संक्रमित हो सकती है। अर्थात लगभग 80 करोड़ लोगों के संक्रमित होने का खतरा मंडरा रहा है।
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घटता विदेशी विनिमय एवं निर्यात प्रोत्साहन

घटता विदेशी विनिमय एवं निर्यात प्रोत्साहन भारतीय रिजर्व बैंक ने गत एक माह में 8 बिलियन डॉलर खरीदे हैं तथा 67 हजार करोड़ रुपए की तरलता दीपावली के बाद पैदा की है ताकि विश्वसनीयता बनी रहे। भारत की विदेशी व्यापार की दिशा में भी परिवर्तन आ रहा है।
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संविधान की आत्मा के तत्व पूरी तरह भारतीयरत

संविधान की आत्मा के तत्व पूरी तरह भारतीयरत 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा द्वारा संविधान के कुछ प्रावधानों को तत्काल प्रभाव से लागू किया। भारतीय संविधान की मूल प्रति हिन्दी और अंग्रेजी दोनों में ही हस्तलिखित है। इसमें टाइपिंग या प्रिंट का इस्तेमाल नहीं किया गया। दोनों ही भाषाओं में संविधान की मूल प्रति को प्रेम बिहारी नारायण रायजादा ने लिखा।
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बाल श्रमिकों की बढ़ती संख्या चिंताजनक

बाल श्रमिकों की बढ़ती संख्या चिंताजनक भारत में तमाम आर्थिक विकास के बावजूद निर्धनता एक बड़ी समस्या है। भारत की एक तिहाई से अधिक आबादी गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करती है। रहने की खराब स्थिति, आय के निम्न स्तर और रोजगार की कमी के कारण निर्धन परिवारों के पास अपने बच्चों को पढ़ाने के बजाए काम पर रखने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।
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चुनावी राजनीति का मुद्दा बना कूडे के पहाड़

चुनावी राजनीति का मुद्दा बना कूडे के पहाड़ सरकार की ही मानें तो हर साल इसमें 1.3 फीसदी से भी अधिक की दर से बढ़ोतरी हो रही है। इसके चलते ही देश में कूड़े की समस्या ने भयावह रूप अख्तियार कर लिया है। यह समस्या उस हालत में है, जबकि कूड़े के निस्तारण के लिए देश में व्यवस्थित रूप से सरकारी विभाग हैं, हजारों कार्यालय हैं और पूरे लाव-लश्कर व तामझाम के साथ लाखों की तादाद में सरकारी और स्थानीय निकायों के कर्मचारी हैं।
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भारत में डिजिटल मुद्रा की शुरुआत

भारत में डिजिटल मुद्रा की शुरुआत भारत में डिजिटल मुद्रा की शुरुआत तो भारतीय रिजर्व बैंक ने कर दी है, लेकिन कदम फूंक-फूंक कर ही उठा रहा है ताकि किसी भी प्रकार की कठिनाई एवं विवाद न हो तथा डिजिटल मुद्रा की विश्वसनीयता बनी रहे।
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भारत में अब तक स्थाई अमेरिकी राजदूत नहीं

भारत में अब तक स्थाई अमेरिकी राजदूत नहीं अमेरिका में सत्ता बदलने के साथ अमूमन छह-सात माहों में स्थाई राजदूत नियुक्त होते आए हैं। लेकिन इस बार तो हद हो गई है। वह भी ऐसे समय में जब भारत-अमेरिकी नेतृत्व में गठित क्वाड संगठन जिसमें जापान और आस्ट्रेलिया शामिल हैं का महत्वपूर्ण साझेदार है।
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