पाकिस्तान की अफ्रीकी सैन्य साजिश : सोमालिया से रक्षा समझौता, तुर्की की मदद से हॉर्न ऑफ अफ्रीका में प्रभाव बढ़ाने की कोशिश

हॉर्न ऑफ अफ्रीका में बढ़ाएगा सैन्य प्रभाव

पाकिस्तान की अफ्रीकी सैन्य साजिश : सोमालिया से रक्षा समझौता, तुर्की की मदद से हॉर्न ऑफ अफ्रीका में प्रभाव बढ़ाने की कोशिश

सऊदी अरब के साथ सैन्य समझौता करने के बाद पाकिस्तान ने पूर्वी अफ्रीकी देश सोमालिया के साथ रक्षा समझौता किया है

इस्लामाबाद। सऊदी अरब के साथ सैन्य समझौता करने के बाद पाकिस्तान ने पूर्वी अफ्रीकी देश सोमालिया के साथ रक्षा समझौता किया है। पाकिस्तान ने इस बार हजारों किलोमीटर दूर हॉर्न ऑफ अफ्रीका में जाकर समझौता किया है। पाकिस्तान और सोमालिया के बीच 28 अगस्त 2025 को रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं, जो पाकिस्तान की हॉर्न ऑफ अफ्रीका में प्रभाव बढ़ाने की कोशिश का एक हिस्सा है। रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान और सोमालिया के बीच पांच सालों के लिए ये समझौता किया गया है, जिसे सोमालिया की कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है।  रिपोर्ट के मुताबिक, इस समझौते के तहत पाकिस्तान सोमालिया के कर्मचारियों को अपने मिलिट्री कॉलेज में ट्रेनिंग देगा, सोमालिया की नौसेना का आधुनिकिकरण करेगा। इसके अलावा पाकिस्तान, सोमालिया को समुद्री डकैती रोकने वाले अभियानों में मदद करने के अलावा नई नौसेना यूनिट बनाने में भी मदद देगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान ने सोमालिया के साथ ये समझौता तुर्की की मदद से किया है, जिसका मकसद सोमाली तट के रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण जलक्षेत्र में इस्लामाबाद की सैन्य उपस्थिति और खुफिया मौजूदगी का विस्तार करना है।

हॉर्न ऑफ अफ्रीका में बढ़ाएगा सैन्य प्रभाव
इस समझौते की खास बात ये है कि यह समझौता अफ्रीकी संघ या संयुक्त राष्ट्र के मौजूदा ढांचे से बाहर है, जिससे क्षेत्रीय सहयोग की एकता पर असर पड़ सकता है। दरअसल, पिछले कुछ सालों दशकों में समुद्री डाकुओं का आतंक काफी ज्यादा बढ़ा है। साल 2009 में, सोमाली समुद्री डाकुओं ने मर्सक अलबामा नाम के एक अमेरिकी मालवाहक जहाज का अपहरण कर उसके कप्तान को बंधक बना लिया था। उस साल इस मुद्दे ने वैश्विक स्तर पर चर्चा बटोरी थी और पूरी दुनिया का ध्यान सोमालिया के समुद्री लुटेरों पर गया था। उस समय अदन की खाड़ी जहाजों के आवागमन के लिए सबसे खतरनाक जगहों में से एक थी, जहां समुद्री डाकू नियमित रूप से जहाजों पर हमला किया करते थे। इससे वैश्विक व्यापार पर गहरा असर पड़ा। जिसके बाद यूरोपीय संघ के नेतृत्व में कई देशों की नौसेना की मदद से समुद्री डाकुओं के खिलाफ अभियान चलाया गया और संयुक्त गश्त, सझा खुफिया आॅपरेशन के जरिए समुद्री डाकुओं पर काबू पा लिया गया। भारतीय नौसेना ने भी इस ज्वाइंट आॅपरेशन में हिस्सा लिया था।  लेकिन अब सोमलिया और पाकिस्तान के बीच हुए इस समझौते से यूरोपीय संघ के अभियान पर असर होगा।

Tags: Pakistan  

Post Comment

Comment List

Latest News

स्वदेशी हथियारों का प्रदर्शन रक्षा उपक्रमों की विश्वसनीयता का प्रमाण, राजनाथ सिंह ने कहा- हमारे सभी उपक्रम आत्मनिर्भरता के मजबूत स्तंभ के रूप में कर रहे काम  स्वदेशी हथियारों का प्रदर्शन रक्षा उपक्रमों की विश्वसनीयता का प्रमाण, राजनाथ सिंह ने कहा- हमारे सभी उपक्रम आत्मनिर्भरता के मजबूत स्तंभ के रूप में कर रहे काम 
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के विजन में रक्षा सार्वजनिक उपक्रमों की भूमिका अहम है। उन्होंने...
जिला कलेक्टरों को भी मिलेगा रोड सेफ्टी फंड : परिवहन विभाग ने जारी की राशि, विभाग का उद्देश्य राज्यभर में सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाना
राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम के 150 वर्ष पूर्ण : वंदे मातरम गीत एवं स्वदेशी संकल्प से गूंजा शासन सचिवालय परिसर, कार्यक्रम में सुधांश पंत रहे मुख्य अतिथि
राज्य सरकार जीवन के हर पड़ाव पर श्रमिकों के साथ : श्रमिकों की गरिमा, सुरक्षा और समावेशी विकास हो सुनिश्चित
मल्लिकार्जुन खड़गे की मतदाताओं से अपील : बिहार में अन्याय के अंत के लिए बनाएं महागठबंधन सरकार, खड़गे ने कहा- महागठबंधन सरकार लाचार और भ्रष्ट व्यवस्था से दिलाएगी मुक्ति
निर्माण कार्यों में प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति को लेकर वित्त विभाग ने जारी की स्पष्टता, सभी निर्धारित नियमों का पालन अनिवार्य 
कापरेन में बदलेगा ड्रेन का स्वरूप, 19 करोड़ की लागत से होगा पक्का निर्माण, मिलेगी जलभराव से राहत