कोरोना का असर: सर्विस सेक्टर में 11 महीने की सबसे तेज गिरावट, जून में PMI गिरकर 41.2 पर आया

कोरोना का असर: सर्विस सेक्टर में 11 महीने की सबसे तेज गिरावट, जून में PMI गिरकर 41.2 पर आया

कोविड-19 महामारी के कारण लगाए गए प्रतिबंधों की वजह से जून में सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में भारी गिरावट दर्ज की गई। आईएचएस मार्किट द्वारा सोमवार को जारी सेवा कारोबार गतिविधि सूचकांक गिरकर 41.2 पर आ गया है। मई में भी सेवा क्षेत्र में गिरावट रही थी और सूचकांक 46.4 दर्ज किया गया था।

मुंबई। कोविड-19 महामारी के कारण लगाए गए प्रतिबंधों की वजह से जून में सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में भारी गिरावट दर्ज की गई। आईएचएस मार्किट द्वारा सोमवार को जारी सेवा कारोबार गतिविधि सूचकांक गिरकर 41.2 पर आ गया है। आईएचएस मार्किट के सर्विसेज परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स के 50 से नीचे रहना संकुचन और इससे ऊपर रहना वृद्धि दिखाता है जबकि 50 का स्तर स्थिरता का द्योतक है। मई में भी सेवा क्षेत्र में गिरावट रही थी और सूचकांक 46.4 दर्ज किया गया था। महामारी की दूसरी लहर के कारण लगातार दूसरे महीने सेवा क्षेत्र गिरावट में रहा।

आईएचएस मार्किट ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि कमजोर मांग के कारण सेवा क्षेत्र की कंपनियों को मिलने वाले नए कारोबार में गिरावट आई है। यह तेज और पिछले साल जुलाई के बाद की सबसे बड़ी गिरावट थी। कंपनियों ने बताया कि कोविड-19 महामारी और कड़े प्रतिबंधों के कारण सेवा क्षेत्र में मांग प्रभावित हुई। सेवा अर्थव्यवस्था के 5 में से 4 उपक्षेत्र कारोबारी गतिविधियों और नए ऑर्डरों में संकुचन दर्ज किया गया है। उपभोक्ता सेवा उपक्षेत्र में सबसे तेज गिरावट दर्ज की गई। परिवहन एवं भंडारण को छोड़कर अन्य सभी उपक्षेत्र गिरावट में रहे।

सेवा क्षेत्र की सर्वे रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए आईएचएस मार्किट की इकोनॉमिक एसोसिएट डायरेक्टर पॉलियाना डी लीमा ने कहा कि भारत में कोविड-19 महामारी की मौजूदा स्थिति को देखते हुए सेवा क्षेत्र पर इसका प्रभाव अपेक्षित था। जून के आंकड़ों से नए कारोबार, आउटपुट और रोजगार में तेज गिरावट के प्रमाण मिलते हैं हालांकि यह पहले लॉकडाउन के समय आई गिरावट जितनी नहीं है। लीमा ने कहा कि महामारी को लेकर बनी अनिश्चितता से सेवा क्षेत्र की कंपनियों के बीच कारोबारी विश्वास प्रभावित हुआ जो कि एक साल पहले आम तौर पर निरपेक्ष था। जून में ओवरऑल धारणा 10 महीने के निचले स्तर पर आ गई।

रिपोर्ट में कहा गया है कि नए ऑर्डरों में कमी के कारण कंपनियों ने जून में छंटनी जारी रखी। छंटनी की रफ्तार इस सात महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई। इससे पहले 1 जुलाई को विनिर्माण क्षेत्र के आंकड़े जारी किए गए थे। इसका सूचकांक भी जून में 48.1 दर्ज किया गया। यह 11 महीने में इस क्षेत्र की पहली गिरावट है। विनिर्माण और सेवा क्षेत्र का संयुक्त सूचकांक मई के 48.1 से घटकर जून में 43.1 पर आ गया जो 11 महीने की सबसे बड़ी गिरावट है। संयुक्त स्तर भी नए ऑर्डरों में लगातार दूसरे महीने गिरावट दर्ज की गई।

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